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बजट की खास बातें

२८ फ़रवरी २०११

भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में वित्त वर्ष 2011-12 के लिए बजट पेश कर दिया जिसमें सामाजिक क्षेत्र के लिए सहायता बढ़ाई गई है. एक नजर बजट की मुख्य बातों पर.

उद्योग जगत ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के बजट को सकारात्मक बताया हैतस्वीर: UNI

आर्थिक विकास

* 2012 में अर्थव्यवस्था के 9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है. हालांकि इसमें 0.25 की बढ़ोत्तरी या कमी हो सकती है.

* इस साल महंगाई कम होने का सरकार भरोसा दे रही है.

वित्तीय घाटा

* 2011-12 में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 फीसदी होने की उम्मीद है.

* 2010-11 में सकल घरेलू उत्पाद का 5.1 फीसदी वित्तीय घाटा रहा.
* 2013-14 में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी रहने का अनुमान.

कुल खर्च

* 2011-12 में सरकार का कुल खर्च 125 खरब रुपये से ज्यादा रहेगा.

* योजनाओं में होने वाला खर्चा 44 खरब रुपये होगा जो पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है.

टैक्स

* निजी इनकम टैक्स में छूट की सीमा 1 लाख 60 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपये की गई.

* अब 65 साल के बजाए 60 साल की उम्र से लोग वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में आएंगे.

* वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये की गई.

* 80 साल से ज्यादा उम्र वाले नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर छूट मिलेगी.

* घरेलू कंपनियों पर सरचार्ज 7.5 फीसदी से घटकर 5 फीसदी हुआ.

* छोटे करदाताओं के लिए नया इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म सुगम लाया जाएगा.

* हवाई यात्रा पर सर्विस टैक्स घरेलू उड़ानों के लिए 50 रुपये और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 250 रुपये बढ़ाया गया. यह इकॉनॉमी क्लास के लिए है जबकि बिजनेस क्लास के लिए सीधे दस फीसदी की दर होगी.

* प्रत्यक्ष कर के प्रस्ताव से राजस्व को 115 अरब रुपये का नुकसान होगा.

* सर्विस टैक्स की दर पहले की तरह 10 फीसदी रहेगी.

* कस्टम और एक्साइज पर प्रस्तावों से राजस्व को 73 अरब रुपये की आमदनी.

* 130 वस्तुएं सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी के दायरे में आएंगी. खाने पीने की आम चीजें, ईंधन, कीमती पत्थर, सोना और चांदी को छूट.

*वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी ही रखा गया है.

* कृषि क्षेत्र में मशीनों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 5 फीसदी से घटाकर 4.5 फीसदी किया गया.

* एक हजार से ज्यादा किराए वाले होटल के कमरों, शराब बेचने वाले एसी रेस्त्रां, कुछ अस्पतालों में सर्विस टैक्स का दायरा बढ़ाया गया.

सब्सिडी

* 2011-12 में सब्सिडी का कुल बिल करीब 14 खरब रुपये होगा.

* खाद्य सब्सिडी बिल इस अवधि में 605 अरब रुपये रहेगा.

* फर्टिलाइजर को दी जाने वाली सब्सिडी में 500 अरब रुपये का खर्च होगा.

* पेट्रोलियम सब्सिडी का कुल बिल 236 अरब रुपये आएगा.

* सरकार की ओर से संचालित तेल कंपनियों को 200 अरब रुपये की नगद सब्सिडी दी जाएगी.

विनिवेश

* 2011-12 में 400 अरब रुपये के विनिवेश का अनुमान है.

* सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकार 51 फीसदी हिस्सेदारी रखने को समर्पित है.

क्षेत्रगत खर्च

* 2011-12 में रक्षा क्षेत्र के लिए 16 खरब रुपये निर्धारित किए गए हैं.

* ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए फंड बढ़ाकर 180 अरब रुपये किया गया है.

* सरकारी बैंकों को 201 अरब रुपये की राशि मुहैया कराई जाएगी.

* शिक्षा क्षेत्र को 520 अरब रुपये आवंटित किए गए. सर्व शिक्षा अभियान के लिए 21 हजार करोड़ रुपये निर्धारित हुए हैं.

* स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ा कर 267 अरब रुपये किया गया जो पहले के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा है.

* भारत निर्माण योजना के लिए 58 हजार करोड़ रुपये दिए गए जिसमें 10 हजार करोड़ का इजाफा.

* ग्रामीण रोजगार योजना में मिलने वाला मेहनताना अब प्रतिदिन 100 रुपये से बढ़ाया जाएगा.

* सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में खर्च बढ़ाने की योजना

* विकास के लिए आधारभूत ढांचा जरूरी. 2011-12 में 23 फीसदी आवंटन बढ़ा. I

रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़

संपादनः ए कुमार

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