अर्जेंटीना के वैज्ञानिकों ने विशाल उड़ने वाले सरीसृपों की एक नई प्रजाति ढूंढ निकाली है जिसे "ड्रैगन ऑफ डेथ" नाम दिया गया है. यह विशाल ड्रैगन 8.6 करोड़ साल पहले इस धरती पर मौजूद था, तब यहां डायनासोर भी घूमा करते थे.
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इस शिकारी ड्रैगन का आकार एक बड़ी स्कूल बस जितना है. उड़ने वाले इस प्राचीन सरीसृप यानी प्टेरोसोर की लंबाई 9 मीटर यानी करीब 30 फीट है. प्रागैतिहासिक काल के आकाश में उड़ने वाले जीव इसका शिकार बनते थे जिसमें परिंदे भी शामिल थे. यह ड्रैगन अपने पंखों का इस्तेमाल शिकार के लिए करता था.
जीवाश्मविज्ञानियों के दल ने इसका जीवाश्म एंडीज पर्वतों में ढूंढा है जो अर्जेंटीना के पश्चिमी मेंडोजा प्रांत में है. इसका वैज्ञानिक नाम है थानातोस्ड्रैकन अमारु. वैज्ञानिकों ने देखा कि जिन चट्टानों में इस ड्रैगन के जीवाश्म सुरक्षित हैं उन की आयु 8.6 करोड़ साल से लेकर क्रेटेसियस काल तक की है.
इस अनुमानित समय का मतलब है कि ये उड़ने वाले डरावने ड्रैगन धरती पर विशाल धूमकेतू के टकराने से करीब कम से कम दो करोड़ साल पहले तक मौजूद थे. करीब 6.6 करोड़ साल पहले इस धूमकेतू की टक्कर जिस जगह हुई थी उसे आज मेक्सिको का युकेटेन प्रायद्वीप कहा जाता है. इस टक्कर से धरती पर मौजूद करीब दो तिहाई जिंदगियां हमेशा के लिए खत्म हो गईं.
प्रोजेक्ट लीडर लियोनार्डो ओर्तिज ने एक इंटरव्यू में बताया कि इस तरह का जीवाश्म पहले कभी नहीं देखा सुना गया इसलिए इसके नए जीन्स और प्रजाति के नाम की जरूरत होगी. मौत के लिए प्राचीन ग्रीक शब्द थानातोस और ड्रैगन यानी ड्रैकन को मिला कर इसे थानातोसड्रैकन नाम दिया गया है. ओरित्ज का कहना है, "ऐसा लगता है कि यह नाम इस तरह से बिल्कुल उचित है. यह ड्रैगन ऑफ डेथ ही है."
यह सरीसृप देखने में डरावना है. रिसर्चरों ने बीते अप्रैल में इस पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट साइंटिफिक जर्नल क्रेटेशियस रिसर्च में छापी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक जीवाश्म की हड्डियां इसे दक्षिण अमेरिका के प्टेरोसॉर के अब तक के सबसे विशाल नया जीव के रूप में पहचान देती हैं. यह दुनिया के बड़े जीवाश्मों में से भी एक है.
ओर्जित का कहना है, "हमारे पार अब तक इसके किसी ऐसे रिश्तेदार की जानकारी नहीं है जिसके कम से कम शरीर की संरचना भी इसके जैसी हो."
एनआर/एके (रॉयटर्स)
इस इक्थियोसॉर का सिर्फ सिर ही एक टन का था
युनाइटेड किंगडम के रटलैंड में साधारण रखरखाव के लिए जब एक जलाशय को सुखाया गया तो निकल कर आए 18 करोड़ साल पुराने एक जीव के अवशेष. इतना बड़ा इक्थियोसॉर ब्रिटेन में आज तक कभी नहीं पाया गया.
तस्वीर: Bob Nicholls/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
एक अदभुत खोज
जीवाश्म वैज्ञानिकों ने इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड्स में इस विशालकाय अवशेष को धरती की गोद से बाहर निकाला है. यह ब्रिटेन में आज तक मिले अवशेषों में सबसे बड़ा और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित अवशेष है.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/REUTERS
जलाशय का रहस्य
फरवरी 2021 में पानी की कंपनी ऐंग्लियन वॉटर ने रटलैंड वॉटर नेचर रिजर्व के जलाशय के किनारों को लैंडस्केप करने की योजना बनाई. लेकिन इसके लिए जब जलाशय को सुखाया गया तो उसके नीचे जमीन पाई गई.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
लाखों सालों से लुप्त
संरक्षण वालों की एक टीम इस इलाके के निरीक्षण के लिए आई. निरीक्षण के दौरान टीम के प्रमुख जो डेविस को कुछ गोल आकृतियां मिट्टी में से निकलती हुई दिखाई दीं. उनके सहकर्मी ने कहा कि ये बस पुरानी मिट्टी के पाइप हैं, लेकिन डेविड को कुछ और ही शक था.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
हफ्तों चली खुदाई
जीवाश्म वैज्ञानिक और इक्थियोसॉर विशेषज्ञ डीन लोमैक्स (दाहिनी तरफ से तीसरे) और उनकी टीम ने वहां खुदाई शुरू की. पूरा अगस्त उन्होंने एक के बाद एक टुकड़े को निकला और इस तरह धीरे धीरे कर पूरा ढांचा उनके सामने आया.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
10 मीटर से भी ज्यादा लंबा
जल्द ही स्पष्ट हो गया कि अवशेष एक इक्थियोसॉर का था. ब्रिटेन में इन लुप्त विशालकाय समुद्री जीवों के कई कंकाल मिले हैं. सबसे पहला कंकाल 1811 में 12 साल की मैरी ऐनिंग और उनके भाई को मिला था.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
लगभग पूरा ढांचा
खुदाई जारी रही और आगे जा कर इक्थियोसॉर का लगभग पूरा ढांचा सामने आया. इस तस्वीर में उसकी पूंछ का सिरा दिखाई दे रहा है. ये जीव नौ से 25 करोड़ साल पहले समंदर में घूमा करते थे. जीवाश्म वैज्ञानिकों का अनुमान है कि रटलैंड वाला अवशेष करीब 18 करोड़ साल पुराना है.
तस्वीर: Anglian Water/Foto: Matthew Power
सिर से पूंछ तक
इस जीव का पूरा विस्तार धीरे धीरे सामने आया. इसका शरीर करीब 10 मीटर लंबा है, यानी लगभग एक ब्लू व्हेल जितना लंबा.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
एक टन का सिर
मुमकिन है कि दूसरे समुद्री जीव इससे डर कर ही रहते हों. सिर्फ इसकी खोपड़ी का ही वजन करीब एक टन है. यह ढांचा खारे पानी के एक चपटे मगरमच्छ के जैसा दिख सकता है लेकिन ज्यादा संभावना है कि अपने समय में यह जीव उससे कहीं ज्यादा शानदार रहा होगा.
तस्वीर: Matthew Power/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance
उचित दूरी बनाए रखें
कंप्यूटर से बनाई गई इस तस्वीर में ऐसा लग रहा होगा कि यह जीव मुस्कुरा रहा है लेकिन इक्थियोसॉर परभक्षी थे. इनमें वयस्क कछुओं और पक्षियों को खाते थे. संभव है कि वो दूसरे छोटे इच्थियोसॉर को भी खाते हों.
तस्वीर: Bob Nicholls/ANGLIAN WATER/PA/dpa/picture alliance