बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम अमेरिका
३ फ़रवरी २०२२अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने हाल में जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके मुताबिक देश में 2020 में मानवहत्या के कुल मिला कर 21,500 मामले दर्ज हुए यानी करीब 59 मामले हर दिन. यह संख्या इससे एक साल पहले के मुकाबले करीब 30 फीसदी ज्यादा हैं. जब से अपराध के मामलों का संघीय स्तर पर रिकॉर्ड रखना शुरू किया गया है उसके बाद से पहली बार एक साल के अंतराल में इतनी बड़ी वृद्धि हुई है.
अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में वरिष्ठ रिपब्लिकन नेता मिच मैककॉनेल का कहना है, "अमेरिकी सड़कों पर रिकॉर्ड बनाने वाले खून खराबे से भरे साल के बाद, हिंसक अपराध बहुत से लोगों को डर में जीने के लिए विवश कर रहे हैं."
पीड़ितों में आधी संख्या काले लोगों की
मानवहत्या की दर का 2021 में भी बढ़ना जारी है हालांकि यह पहले के मुकाबले काफी कम है. थिंक टैंक काउंसिल ऑन क्रिमिनल जस्टिस ने जो आंशिक आंकड़े जमा किए हैं उनके मुताबिक ये अपराध पांच फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं.
पुलिस के रिकॉर्ड में सारे मामलों में पीड़ितों की जातीयता का ब्यौरा दर्ज नहीं होता. हालांकि एफबीआई के पास 2020 में जो मामले आए, उनके मुताबिक मानवहत्या की करीब 10,000 घटनाओं के पीड़ित अफ्रीकी अमेरिकी थे. यानी कुल मामलों के करीब आधे.
अमेरिका की आबादी में काले लोगों की हिस्सेदारी महज 12 फीसदी है. ऐसे में मानवहत्या के चलते हुई मौतों के आंकड़े को बराबरी से बांटे तो यह काले लोगों के लिए करीब चार गुना ज्यादा है. समय समय पर ऐसी रिपोर्टें आती रही हैं जो बताती हैं कि अमेरिका में काले लोगों के प्रति नफरत बढ़ रही है.
अमेरिका में हत्या बाकी देशों से ज्यादा
अमेरिका में 2020 में हर एक लाख लोगों में से 6.5 लोग हत्या के शिकार हुए. दूसरे अमीर देशों की तुलना में यह बहुत ज्यादा है. वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के मुताबिक फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के हर एक लाख में से केवल एक इंसान ही हत्या का शिकार हुआ जबकि कनाडा में यह आंकड़ा 2 लोगों का है.
शिकागो अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. यहां पिछले साल हत्या के सबसे ज्यादा 836 मामले सामने आए. हालांकि दक्षिणी राज्य टेनेसी के मेंमफिस शहर में हत्या की दर सबसे ज्यादा रही. यहां हर एक लाख लोगों में 2.352 लोग हत्या के शिकार बने.
भारी संख्या में बंदूकों की बिक्री
अमेरिका में सारी हत्याओं में से तीन चौथाई में बंदूक का इस्तेमाल होता है. यहां पिस्टल, रिवॉल्वर और इस तरह के दूसरे हथियारों की बिक्री में बढ़ोतरी लगातार जारी है. 2020 में यहां 2.3 करोड़ बंदूकें बेची गईं जो एक रिकॉर्ड है. इसके बाद 2021 में फिर 2 करोड़ बंदूकें बिकीं. ये आंकड़ें स्मॉल आर्म्स एनालिटिक्स नाम की वेबसाइट ने जमा किए हैं. अमेरिका में बंदूक रखना एक ऐसी संस्कृति है जो जानलेवा साबित हो रही है.
इन आंकड़ों में ब्लैक मार्केट में बेची जाने वाली बंदूकें शामिल नहीं हैं. अमेरिका में इन्हें "घोस्ट" गन कहा जाता है. ये वो बंदूकें हैं जो खोल कर अलग अलग हिस्सों में बेची जाती हैं, इनमें कोई सीरियल नंबर नहीं होता और अपराधी इन्हें महंगी कीमत देकर खरीदते हैं. पीयू सर्वे के मुताबिक जून 2021 में 30 फीसदी अमेरिकी वयस्कों ने कहा कि उनके पास कम से कम एक बंदूक है.
एनआर/एके(एएफपी)