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बढ़ रहा है पर्यटन का कारोबार

६ मार्च २०१३

बर्लिन में दुनिया का सबसे बड़ा पर्यटन मेला आईटीबी शुरू हुआ है. इसमें भारत सहित 188 देशों की 10,000 से ज्यादा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं . पर्यटन उद्योग अच्छे मूड में है क्योंकि दुनिया भर में कारोबार बढ़ रहा है.

तस्वीर: imago stock&people

हफ्तों की धुंध, बर्फ और बरसात के बाद बर्लिन में सूरज चमक रहा है. आसमान साफ है, गगन नीला. "इसे हम लेकर आए हैं," इंडोनेशिया की पर्यटन मंत्री का दावा है जो बर्लिन के अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेले में हिस्सा लेने आई हैं. इंडोनेशिया इस साल बर्लिन मेले का पार्टनर मुल्क है और 120 प्रदर्शकों के साथ मेले में हिस्सा ले रहा है. अपने सुंदर समुद्री तटों और वर्षावनों के लिए मशहूर दक्षिण पूर्व एशियाई देश अपने को टिकाऊ पर्यावरण वाले ठिकाने के रूप में पेश कर रहा है. साथ ही यह भी बता रहा है कि वहां छुट्टी बिताने के लिए बाली द्वीप के अलावा भी बहुत कुछ है. इंडोनेशिया में पिछले साल पर्यटन उद्योग में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. जर्मनी से इंडोनेशिया जाने वाले लोगों का दो तिहाई हिस्सा बाली जाता है.

तस्वीर: imago stock&people

बढ़ता पर्यटन उद्योग

इंडोनेशिया को एक ऐसे ट्रेंड से फायदा मिल रहा है जो इस समय पूरी दुनिया में देखा जा सकता है. विश्व पर्यटन संगठन के अनुसार 2012 में पहली बार एक अरब से ज्यादा लोगों ने पर्यटन किया. 2020 तक उनकी संख्या 1.6 अरब हो जाने की संभावना है. जर्मन पर्यटन उद्योग संघ के प्रमुख मिषाएल फ्रेंसेल का कहना है, "यह संरचना, सरकार और सबसे बढ़कर उद्योग और विभिन्न इलाकों के उद्यमों के लिए भारी और नई चुनौती है."

पर्यटन से बहुत कमाया जा सकता है. और इसमें जर्मनों की पहले की ही तरह बड़ी भूमिका है. वे यात्रा करने में माहिर हैं. जर्मनी के सिर्फ एक तिहाई छुट्टी बिताने वाले लोग देश के अंदर छुट्टी बिताते हैं. दो तिहाई लोग साल दर साल विदेशों के लिए निकल पड़ते हैं. जर्मन पर्यटकों ने पिछले साल विदेश में छुट्टी बिताने पर 64 अरब यूरो खर्च किया. यह एक साल पहले के मुकाबले 2.2 अरब यूरो ज्यादा था.

तस्वीर: Adam Berry/AFP/Getty Images

जर्मन सैलानियों का सबसे प्यारा लक्ष्य 2012 में स्पेन, इटली और तुर्की था. इसमें इस साल की गर्मियों में भी बदलाव नहीं होने वाला है. लेकिन जर्मन ट्रेवल एजेंसी संगठन के युर्गेन बुची का कहना है कि जल्द ही ग्रीस फिर से इस सूची में शामिल हो जाएगा. पिछले साल वहां जाने वाले लोगों की तादाद में भारी कमी आई थी लेकिन इस बीच फिर से वहां की बुकिंग करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है.

पिछड़ा उत्तर अफ्रीका

अरब वसंत ने उम्मीदें जगाई थीं, अरब देशों में आई अशांति का नुकसान पर्यटन को हुआ है. पिछले साल ट्यूनीशिया और मिस्र में सैलानी फिर से लौटने लगे थे लेकिन इस साल स्थिति अलग दिख रही है. अब तक उत्तरी अफ्रीका के देश पिछले साल की बुकिंग तक नहीं पहुंच पाए हैं. साइप्रस, माल्टा और ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका की बुकिंग में गिरावट आई है. जर्मन संकट वाले इलाकों से घबराते हैं. वे सुरक्षा की बहुत चिंता करते हैं. हालांकि वे छुट्टी बिताने पर बहुत खर्च करते हैं, लेकिन चाहते हैं कि छुट्टी का माहौल एकदम ठीक ठाक हो.

खासकर लक्जरी ट्रेवल का इलाका तेजी से बढ़ रहा है. मांग बढ़ रही है और वह भी सिर्फ उन देशों के लिए नहीं जो इस मामले में प्रसिद्ध है, जैसे मालदीव, सेशेल्स, मारीशियस या फिर संयुक्त अरब अमीरात. पुराने पर्यटन केंद्रों में महंगे प्रोडक्ट की भारी मांग है. इसकी वजह से ट्रेवल एजेंसियों और ट्रेवल ऑर्गेनाइजरों की चांदी हो रही है. पिछले साल टर्नओवर में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. कारोबार 24.4 अरब यूरो का रहा. 2013 में तीन से चार प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद की जा रही है.

रिपोर्ट: सबीने किंकार्त्स/एमजे

संपादन: मानसी गोपालकृष्णन

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