इटली में भूकंप के बाद हुए हिमस्खलन ने एक तीन मंजिला होटल को ढंक दिया. होटल के भीतर कई लोग फंसे हैं. बर्फबारी के चलते एंबुलेंस 9 किलोमीटर दूर खड़ी हैं.
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इटली के राहत और बचाव अधिकारियों को आशंका है कि हिमस्खलन ने कई लोगों की जान ली है. मध्य इटली के पहाड़ी इलाके में बुधवार के भूकंप के बाद बर्फ का सैलाब आया. फारिनडोला कस्बे का स्की होटल रिजोपियानो भी इसकी चपेट में आ गया. पहाड़ों से खिसकी बर्फ ने तीन मंजिला होटल को पूरी तरह ढंक दिया.
इटली की सिविल प्रोटेक्शन एजेंसी के प्रमुख फाब्रिजियो कुर्सियो ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा, "करीब 30 लोग लापता है, इनमें फारिनडोला के होटल रिजोपियानो के मेहमान भी हैं और कर्मचारी भी." घटनास्थल के मंजर को उन्होंने सर्वनाश करार दिया.
होटल के भीतर फंसे एक व्यक्ति से किसी तरह इमरजेंसी सेवाओं के संपर्क किया. उसका आखिरी संदेश था, "मदद करो. हम ठंड से मर रहे हैं." इस संदेश के बाद होटल में फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका.
स्थानीय पुलिस ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है. हेलिकॉप्टर से लिये गए इस वीडियो में होटल का नामो निशान तक नहीं दिख रहा है.
हिमस्खलन से पहले इसी इलाके में खूब बर्फ भी गिरी थी. अधिकारियों के मुताबिक बर्फ के चलते कई सड़कें बंद हैं. कई गांवों तक अब भी राहत और बचाव की टीमें नहीं पहुंच सकी हैं. कुर्सियो ने कहा, "भारी हिमपात के दौरान हमने लोगों से कहा कि वे घर पर रहें. लेकिन अगर इलाके में भूकंप आए तो लोग घर छोड़ देते हैं. ये दोनों चीजें अगर एक साथ हों तो बहुत ही मुश्किल होती है."
नेशनल फायर रेक्स्यू डिपार्टमेंट के प्रवक्ता के मुताबिक अब तक सिर्फ एक व्यक्ति को जिंदा निकाला जा सका है, "कई अन्य अंदर ही फंसे हुए हैं. हमें नहीं पता कि कितने लोग जिंदा है या दम तोड़ चुके हैं. बर्फवारी के बावजूद हम राहत और बचाव के काम में जुटे हैं."
बर्फबारी के चलते एंबुलेंस घटनास्थल से नौ किलोमीटर दूर खड़ी हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक राहत और बचाव दल बर्फ में 10 किलोमीटर पैदल चलकर गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे मौके पर पहुंचा.
ठंड में ठिठुरता यूरोप
तापमान जीरो के करीब और उस पर बर्फीली बरसात. ऐसे में फौरन बर्फ का जमना आम है. इसकी वजह से वीकएंड में कई दुर्घटनाएं हुईं. मध्य यूरोप में कम से कम 6 लोगों की जान गई.
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लियों से लेकर लुइबेक तक बर्फीली बरसात
शनिवार को यूरोप के बड़े हिस्से में तापमान ऐसे बिंदु पर पहुंच गया जहां बरसात होती है और ठंड के कारण बरसात का पानी फौरन जम जाता है. जर्मनी के उत्तरी हिस्से में दुर्घटनाओं के बाद पुलिस ने कई हाइवे पर रोक लगा दी. जर्मनी में हुई दुर्घटनाओं में दो लोग मारे गए तो फ्रांस में एक बस दुर्घटना में चार लोग मारे गए.
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खतरनाक फिसलन
जब तापमान इतना कम हो कि बरसात का पानी जम जाए तो उसे बर्फीली बरसात या ब्लित्सआइस कहते हैं. इसकी वजह से सड़क, फुटपाथ या समतल सीमेंटेड जगहें कुछ ही सेकंडों या मिनटों में बर्फ के गलीचे में बदल जाती है. ऐसे में इस पर चलना या गाड़ी चलाना सीधे दुर्घटना को दावत देने जैसा होता है. लेकिन अगर आपके चलते चलते ऐसा हो तो कर भी क्या सकते हैं.
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हवाई यात्रा प्रभावित
बर्फीली बरसात विमानों के ऊपर जम जाती है. इसकी वजह से पैदा होने वाला अतिरिक्त भार उड़ान के दौरान गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए यूरोप में बर्फ गिरने पर उड़ान से पहले जहाजों को डिफ्रॉस्ट किया जाता है. तुर्की में इस्तांबुल के हवाई अड्डों पर बर्फीली बरसात के कारण नहीं बल्कि बर्फीले तूफान के कारण कई उड़ानें स्थगित करनी पड़ी.
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खुले आसमां के नीचे
पूर्वी यूरोप में तापमान शून्य से नीचे चल रहा है. हर साल यहां ठंड में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. खासकर बेघर लोग प्रभावित होते हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार इस साल भी सर्दियों में सर्बिया और हंगरी में तकरीबन 2000 शरणार्थी माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान के बावजूद खुले आसामान के नीचे या तंबुओं में रात बिताने को मजबूर हैं.
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मूमध्य सागर में भी बर्फ
लेसबॉस में भी ठंड आ गई है. वहां के शरणार्थी शिविरों में ग्रीक अधिकारी शरणार्थियों को कंबल और फैन हीटर बांट रहे हैं. बेघर लोगों के लिए हीटेड हॉल और मेट्रो स्टेशन खोल दिए गए हैं. ग्रीस के इस द्वीप पर बिरले ही हिमपात होता है. ग्रीस के क्रेट द्वीप पर रेदिम्नो शहर में रविवार सुबह 40 साल बाद बर्फबारी हुई.
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कहीं खुशी तो कहीं चोट
रूस के लोगों को कड़ाके की ठंड की आदत है. वहां लोगों ने मजबूरी को अपने फायदे में बदल दिया है और वे ठंड की शिकायत करने के बदले उसका मजा लेते हैं. इसके बावजूद यहां भी बहुत से लोग ठंड का शिकार होते हैं. इन साल तो तापमान बहुत ही कम है, जो कुछ जगहों पर माइनस 50 तक पहुंच गया है.
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बेहतरी की उम्मीद नहीं
बर्फीली बरसात के बाद मध्य यूरोप के ज्यादातर हिस्से में घना कोहरा छाया है. रविवार को डॉयचे वेले की खिड़कियों से दो सौ मीटर दूर स्थित राइन नदी तक नहीं दिख रही थी. आने वाले दिनों में हालात बेहतर होने की संभावना है लेकिन सर्दी फिर लौटेगी. इस साल उसके लंबा होने की आशंका है.