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समाज

बर्बाद इराकी शहर में फिर से चली रेल

१७ दिसम्बर २०१८

इराक में चार साल बाद फिर शुरु हुई रेल सेवा हजारों यात्रियों को पश्चिम में बसे फालुजा शहर से बगदाद तक की यात्रा कराएगी. इस्लामिक स्टेट ने बारूदी सुरंगों से उड़ा कर यह सेवा ठप कर दी थी.

Irak Bagdad Bahnhof | Zugverbindung nach Falludscha
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Arar

बगदाद के इस बड़े से मगर आधे खाली रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन फिर से शुरु हो रही है. ये ट्रेन बगदाद से इराक के पश्चिमी शहर फालुजा तक जाएगी. एक वक्त पर सुन्नी विद्रोहियों का गढ़ माने जाने वाले फालुजा में यह ट्रेन सेवा चार साल बाद शुरु हुई है.

ट्रेन के ड्राइवर और कंडक्टर आश्वासन देते हैं कि इस रास्ते की वे रेल पटरियां और पुल अब सुरक्षित हैं, जिन्हें कभी इस्लामिक स्टेट ने बारूदी सुरंगें बिछा कर उड़ा दिया था. 2014 के हमलों में यहां बहुत बर्बादी मचाने वाले आतंकियों को 2016 में अमेरिका समर्थित इराकी सेनाओं ने फालुजा से मार भगाया और फिर साल 2017 में पूरे इराक में उनको हरा दिया था. चार साल की रुकावट के बाद अब हजारों रेल यात्री राजधानी बगदाद से फालुजा का 50 किलोमीटर लंबा रास्ता एक घंटे से भी कम समय में तय कर पाएंगे. सड़क के रास्ते यह दूरी तय करने में कई घंटे लगते हैं.

इस रेल पर यात्रा करने वाले थामेर मोहम्मद ने बताया, "ट्रेन से सफर करने में समय और पैसा दोनों बचता है. बगदाद जाने वाली ट्रेन सुबह 8 बजे आ जाती है जो मेरे लिये ठीक है." 42 वर्षीय थामेर मोहम्मद फालुजा निवासी हैं और बगदाद में इतिहास विषय में डॉक्टरेट कि पड़ाई कर रहे हैं. वे कहते हैं, "आपको चेक-पॉइंट्स पर रुकने की जरूरत नहीं है और ये सुरक्षित भी है. आप सड़क दुर्घटनाओं से भी बच जाते हैं."

तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Arar

यह रेल सेवा ओटोमन साम्राज्य के समय के लंबे-चौड़े रेल नेटवर्क का हिस्सा हुआ करती थी. इसे फिर से शुरु कर इराक बीते दशकों की अशांति से उभरने की कोशिश कर रहा है. यात्री इस रेल सेवा को देश की बदलती तस्वीर की तरह देख रहे हैं, जहां सुरक्षा दिखती है और यात्री बिना रोक टोक के देश के देहाती इलाकों में भी जा सकते हैं. खास तौर पर वे देहाती इलाके जहां पर कई सालों तक इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा के आतंकवादियों का कब्जा रहा है. हालांकि ट्रेनें पुरानी हैं और ज्यादा तेजी गति पकड़ते ही कांपने लगती हैं.

पटरियों की हालत के कारण ट्रेन 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा तेज नहीं चल सकती. मोहम्मद ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सेवा चलती रहेगी लेकिन पिछले कुछ दिनों में ट्रेन लेट हुई है. कभी कभी ईंधन खत्म हो जाता है और कुछ तकनीकी परेशानियां भी हुई हैं." इराकी रिपब्लिक रेलवे के मीडिया अधिकारी अब्दुल सिटर मुहसिन ने बताया कि कंपनी को सेवा जारी रखने के लिये पैसों की बहुत जरुरत हैं. उन्होंने कहा, "हमने ये सब कंपनी के पैसे से किया था और अभी हम घाटे में चल रहे हैं."

तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Arar

रेलवे अधिकारियों को उम्मीद हैं कि वो रेल यात्रा को सीरिया के बॉर्डर तक पहुंचा देंगे. इराक का रेल नेटवर्क ब्रिटिश राज में विकसित हुआ था और 1960 के दशक में बाथ पार्टी के शासन में तुर्की में इस्तांबुल तक और सीरिया में अलेप्पो तक फैली थी.

1980 के दशक में ईरान से जंग, 90 के दशक में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध और उसके बाद से जारी हिंसा के कारण केवल बसरा और अब फालुजा के अलावा बाकी के सारे पुराने रेल नेटवर्क बर्बाद हो गये हैं. फालुजा के आगे रेल ले जाने की महत्वाकांक्षा फिलहाल मुश्किल लग रही है क्योंकि वहां पर पटरियां रेत के नीचे दबी हुई हैं. सीरिया में हुए इस्लामिक स्टेट के ताजा हमलों कि वजह से सेना को एक बार फिर से सीमा पर भेज दिया गया है. लेकिन अभी के लिये फालुजा तक की रेल सेवा सामान्य जनजीवन की ओर लौटने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

एनआर/आरपी (रॉयटर्स)

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