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'बलात्कार से गर्भ भगवान की इच्छा'

२४ अक्टूबर २०१२

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों की सरगर्मी चरम पर है और सीनेट के चुनावों की भी. इस दौरान गंभीर सामाजिक मुद्दों पर उम्मीदवारों के विवादास्पद बयान भी सामने आ रहे हैं. ताजा बयान इंडियाना के रिपब्लिकन सीनेट उम्मीदवार का है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका के इंडियाना राज्य से सीनेट के लिए उम्मीदवार रिचर्ड मर्डोक ने बहस के दौरान कहा, "अगर बलात्कार जैसी भयानक घटना के दौरान जीवन की उत्पत्ति होती है तो यह भगवान की इच्छा थी."

इस टिप्पणी पर उनका विरोध न केवल विपक्षी डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों ने किया है बल्कि उनके कैंप ने भी इस पर आपत्ति जताई है. इंडियाना के न्यू अल्बेनी में बहस के दौरान मर्डोक, डेमोक्रेटिक जो डोनेली और लिबर्टेरियन उम्मीदवार एंड्र्यू हॉर्निंग से गर्भपात के बारे में विचार पूछे गए थे. मर्डोक ने कहा, "गर्भपात उसी स्थिति में एक विकल्प हो सकता है जब मां के जीवन को खतरा हो. मैं खुद से काफी दिन लड़ता रहा. पर मुझे समझ में आया कि जीवन ईश्वर का उपहार है और मेरा मानना है कि भले ही जीवन बलात्कार जैसी भयानक घटना के दौरान शुरू हो, तो भगवान ने ऐसा ही चाहा था."

रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मिट रोमनी ने सोमवार से राज्य में मर्डोक को समर्थन देने का अभियान शुरू किया था लेकिन उन्होंने इस टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया है. रोमनी की प्रवक्ता आंद्रेया सॉल ने कहा, "गवर्नर रोमनी रिचर्ड मर्डोक की टिप्पणी से सहमति नहीं रखते. और वह रोमनी के विचार नहीं हैं." इससे पहले कानूनी बलात्कार के बयान पर रिपब्लिकन पार्टी के टॉड एकिन का भी पर्याप्त विरोध हुआ था.

तस्वीर: Reuters

मर्डोक ने अपने बयान के बाद कहा, "ईश्वर जीवन की रचना करता है, यह मेरा कहना है. भगवान रेप नहीं चाहता. मेरा ऐसा कहना भी नहीं था कि भगवान ऐसा चाहता है. रेप भयानक है और कोई भी मेरे शब्दों को गलत तरीके से अगर पेश करता है तो यह गलत है और विकृत है."

अमेरिका में सामाजिक मुद्दों पर जनता बंटी हुई है लेकिन ये राष्ट्रपति चुनावों में निर्णायक भूमिका कम ही निभाते हैं. लंबे समय के दौरान बढ़ी हिस्पेनिक मूल की जनता और समलैंगिक शादियों के बारे में बदले विचार डेमोक्रैट्स के वोट बढ़ा सकते हैं.

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में मलैंगिक विवाह पर अपने विचार बदले हैं. नौ मई के दिन टीवी इंटरव्यू उन्होंने कहा कि उनके विचार इस मुद्दे पर बदले हैं. और वह खुद मानते हैं कि समलैंगिक जोड़ों की शादी संभव होनी चाहिए.

गर्भपात के मुद्दे पर भी अमेरिका बंटा हुआ है. लेकिन इस मुद्दे पर गे मैरिज की तुलना में लोग बहुत रुढ़िवादी हैं और इसका एक कारण समाज का रुढ़िवादी कैथोलिक ईसाई होना भी है. गर्भपात का विरोध करने वाले लोगों ने अमेरिका के बहुमत को अपनी ओर लिया है. वहीं राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हमेशा से महिलाओं को गर्भपात करने के अधिकार की पैरवी की है और इसके लिए कानून की भी.

रिपोर्टः आभा मोंढे (रॉयटर्स एएफपी)

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन

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