बवेरिया के चुनावों का चांसलर मैर्केल पर क्या होगा असर?
जेफरसन चेस
१८ सितम्बर २०१८
बवेरिया में सत्ताधारी कंजरवेटिव सीएसयू पार्टी की हार के आसार हैं. लेकिन कंजरवेटिव खेमे की सहोदर पार्टी की हार चांसलर अंगेला मैर्केल को नुकसान पहुंचाने के बदले फायदा पहुंचा सकती है.
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14 अक्टूबर को होने वाले प्रांतीय चुनावों से चार हफ्ते पहले बवेरिया की क्रिस्चियन सोशल यूनियन सीएसयू पार्टी जनमत सर्वेक्षणों में काफी पीछे चल रही है. बहुमत पाने की आदी रही पार्टी जुलाई से लगातार 40 प्रतिशत से नीचे है.
देश के दूसरे हिस्सों की तरह बवेरिया में भी धुर दक्षिणपंथी एएफडी पार्टी के उदय ने कंजरवेटिव पार्टियों के परंपरागत वोटबैंक में सेंधमारी की है. लेकिन ऐसा नहीं है कि चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू की सहोदर पार्टी सीएसयू की हार चांसलर के लिए बुरी खबर ही होगी.
पहले यूरो और अब आप्रवासन विरोधी पार्टी एएफडी ने पिछले सालों में अपना जनाधार बढ़ाया है. अपने दाएं बाजू में एक और दक्षिणपंथी पार्टी के उदय से परेशान सीएसयू ने मुख्य मुद्दों पर चांसलर मैर्केल से दूरी बनाना शुरू कर दिया. और इसमें चांसलर की आप्रवासियों और शरणार्थियों का स्वागत करने की नीति भी थी.
बवेरिया का चुनाव मैर्केल की नीति पर जनमत संग्रह हो सकता था, लेकिन सीएसयू की नीतियों के चलते अब उसे बवेरिया की सत्ताधारी पार्टी की एएफडी और मैर्केल नीति पर जनमत संग्रह माना जा रहा है. और यहीं से ये स्थिति उत्पन्न हुई है कि कंजरवेटिव हार से कंजरवेटिव चांसलर को फायदा हो सकता है.
मैर्केल विरोधी गलतियां
शरणार्थी संकट के बाद से चांसलर मैर्केल पर उनके 13 साल के शासन काल में अपनी ही संसदीय पार्टी की ओर से हमले बढ़ते हैं और उनके प्रभुत्व को चुनौती दी गई है. सीएसयू प्रमुख हॉर्स्ट जेहोफर और मुख्यमंत्री मार्कुस जोएडर जैसे बवेरिया के कंजरवेटिव नेताओं ने इसमें बढ़त ली है और मैर्केल पर खासकर आप्रवासन के सवाल पर वामपंथी होने का आरोप लगाया है.
मैर्केल को चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया और मुख्यमंत्री जोएडर ने मजाक में यहां तक कहा कि उनकी अंतिम प्रचार सभा में एकमात्र चांसलर मर्द होगा. उनका इशारा ऑस्ट्रिया के कंजरवेटिव चांसलर सेबाश्चियन कुर्त्स की ओर था.
ऐसा क्या है अंगेला मैर्केल के व्यक्तित्व में
ऐसा क्या है अंगेला मैर्केल के व्यक्तित्व में
अंगेला मैर्केल चौथी बार जर्मनी की चांसलर बन गई है. अपनी गंभीर मुद्रा और सुरक्षात्मक शासनशैली के लिए जानी जाने वाली चांसलर मैर्केल के व्यक्तित्व के कुछ अलग पहलू दिखाती तस्वीरें.
तस्वीर: dapd
'शक्ति का त्रिकोण'
मैर्केल को अक्सर हाथ मिलाकर खड़े होने पर एक त्रिकोण सी मुद्रा में देखा जाता है. जनता के सामने हों या कैमरे के सामने- ये हस्त मुद्रा उनकी पहचान है. और एक बेहद शक्तिशाली नेता होने के कारण कई लोग इसे शक्ति का त्रिकोण कहते हैं.
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यूरोप की नेता
जर्मन चांसलर अपनी लगभग हर सार्वजनिक उपस्थिति में शांत और गंभीर होती हैं, खासकर यूरोप के भीतर. इसी कारण सही मौकों पर आई उनकी मुस्कान खबर बन जाती है. जैसे हाल ही में ब्रातिस्लावा में आयोजित यूरोपीय नेताओं के सम्मेलन में.
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सेल्फी में चांसलर
2015 में जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या में आए उभार के दौरान ही एक सीरियाई युवा के साथ उनकी ये सेल्फी बहुत महत्वपूर्ण संदेश बन गई. शरणार्थियों के लिए द्वार खुले रखने वाली मैर्केल ने अपने मत को साफ करते हुए तमाम स्कूलों और शरणार्थी कैंपों का दौरा किया.
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गठबंधन सरकार में जुगलबंदी
जर्मनी की चांसलर और सीडीयू पार्टी की मुखिया के तौर पर मैर्केल के सामने चुनौतियां भी बड़ी हैं. वह सरकार में अपनी सहयोगी पार्टी एसपीडी के बड़े नेता जिग्मार गाब्रिएल की तरह तुरंत प्रतिक्रिया नहीं देतीं बल्कि बहुत ही ठंडे दिमाग से वस्तुनिष्ठता वाले बयानों के लिए जानी जाती हैं.
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तेज डिजिटल विकास पर उत्सुक
एक भौतिकशास्त्री के रूप में प्रशिक्षित मैर्केल वैज्ञानिक सोच और अभिरुचि वाली तो रही हैं, लेकिन इंटरनेट और डिजिटल मीडिया में वे बहुत ज्यादा बढ़ चढ़ कर हिस्सा नहीं लेतीं. हालांकि उनका आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट है, जिस पर उनके सरकारी फोटोग्राफर की खींची तस्वीरें डाली जाती हैं. 2015 में यूएन में फेसबुक संस्थापक मार्क जकरबर्ग के साथ.
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उपदेशक की बेटी
एक प्रोटेस्टेंट पादरी की बेटी के रूप में जन्मी मैर्केल के नैतिक मूल्यों पर उनके पिता की शिक्षाओं का गहरा असर माना जाता है. ईसाई परवरिश के साथ बड़ी हुईं मैर्केल को 2016 में पोप फ्रांसिस के साथ वैटिकन में मिलने का मौका मिला. अपनी पसंदीदा किताबों पर चर्चा करते हुए.
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दोस्ताना राजनैतिक संबंधों की चैंपियन
अपने व्यस्त कार्यक्रमों के चलते मैर्केल के जीवन में ऐसे मौके भी कम ही आते हैं जब वे रिलेक्स दिखें. लेकिन 2013 में जर्मनी और फ्रांस के बीच एलिजी समझौते पर हस्ताक्षर होने की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर मैर्केल ने पूरी संसद को न्यौता दिया और दोनों देशों की दोस्ती का जश्न शैंपेन की बोतल के साथ मनाया गया.
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एक निजी चांसलर
चांसलर के रूप में अंगेला मैर्केल साल में बहुत कम ही बार छुट्टियां ले पाती हैं. सार्वजनिक जीवन में होने के कारण अक्सर छुट्टी के समय भी उन पर नजर होती है. जैसे यहां पोलैंड में पति योआखिम जाउअर के साथ छुट्टी पर गईं मैर्केल की तस्वीर. (हाइके मुंड/आरपी)
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लेकिन वो पहले की बात थी. अब सीएसयू के मानद अध्यक्ष थियो वाइगल ने चांसलर को 30 सितंबर को बवेरिया मे भाषण देने के लिए आमंत्रित किया है. हालांकि मैर्केल की सरकार में गृह मंत्री जेहोफर कभी शरणार्थियों को वापस भेजने के मुद्दे पर तो कभी चांसलर के बयान के उलट बयान देने वाली खुफिया सेवा के प्रमुख को समर्थन देकर चांसलर से पंगा लेते रहे हैं, लेकिन हफ्तों के इस विवाद का जेहोफर के स्वास्थ्य पर भी असर दिखा है.
कुछ लोग बर्न आउट की बात कर रहे हैं, लेकिन जेहोफर ने खुद इससे इनकार किया है. जेहोफर और जोएडर इस विवाद का खुद शिकार हो सकते हैं. अब तक सीएसयू को 1950 के बाद से कभी भी 40 प्रतिशत से कम वोट नहीं मिले हैं. उनका भविष्य चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगा.
अरे ये असली नहीं, उनके हमशक्ल हैं
अरे ये असली नहीं, उनके हमशक्ल हैं
कहते हैं कि दुनिया में एक जैसी शक्ल कम से कम सात लोग मौजूद होते हैं. तो चलिए आज मिलते हैं दुनिया भर के नेताओं के हमशक्लों से.
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हम साथ साथ हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की सिंगापुर में मुलाकात के मौके पर उनके हमशक्ल भी वहां पहुंचे हैं. वैले यह फोटो दक्षिण कोरिया में हुए शीत ओलंपिक खेलों के समय की है जहां उन्होंने लोगों का खूब मनोरंजन किया.
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किम का जलवा
उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की तरह दिखने वाले कई लोग इन दिनों सोशल मीडिया पर मशहूर हो रहे हैं. ये लोग अपने बाल और पहनावा भी बिल्कुल उन्हीं के जैसा रखते हैं.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
मोदी और रामदेव
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योग गुरु रामदेव से मिलते जुलते चेहरों वाले भी कई लोग मिल जाते हैं. खास कर चुनावी मौसम में होने वाली रैलियों में उन्हें खास तौर से देखा जाता है.
तस्वीर: imago/Hindustan Times
यस वी कैन
आ गए ना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा याद. वैसे इन जनाब का नाम इल्हाम अनास है और वे इंडोनेशिया के हैं. पेशे से फोटोग्राफर हैं, लेकिन कई लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए उतावले रहते हैं.
तस्वीर: AP
स्टालिन, क्लिंटन और मैर्केल
रूसी शासक स्टालिन, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल. तीनों एक साथ. नहीं. ये तो (बाएं से) लोथार वंडरलिश, स्टेफान टोमासी और सुजाने क्नोल हैं. तस्वीर 2005 की है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Rumpenhorst
फिर से मैर्केल
जर्मन शहर ल्यूबेक की रहने वाली और चांसलर मैर्केल की हमशक्ल सुजाने क्नोल राजनीति में दिलचस्प भी रखती हैं. हालांकि वह मैर्केल की पार्टी सीडीयू नहीं, बल्कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी की सदस्य हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Langenstrassen
व्लादिमीर पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ताकत और दबंगई के प्रतीक हैं. वैसे यहां आप उन्हें नहीं, बल्कि उनके एक हमशक्ल को देख रहे हैं. तस्वीर रूस में 2013 में हुई वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान ली गई.
तस्वीर: Getty Images
क्वीन एलिजाबेथ?
17 जून 2000 को यूरो कप में इंग्लैड और जर्मनी के बीच फुटबॉल मुकाबला था. तभी वहां ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ की एक हमशक्ल ने पहुंच कर कई लोगों को हैरान कर दिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Limina
पोप जॉन पॉल द्वितीय
यह है इटली का एक स्ट्रीट आर्टिस्ट जिसने खुद को पोप जॉन पॉल द्वितीय के रंग रूप में ढाला हुआ है. यह तस्वीर अप्रैल 2014 की है जब पोप जॉन पॉल और पोप जॉन 23वें को संत घोषित किया गया था.