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बशीर ने किया सूडान में शरिया का समर्थन

१९ दिसम्बर २०१०

सूडान के राष्ट्रपति ओमर हसन अल बशीर ने कहा है कि यदि अगले साल जनमत संग्रह के बाद देश का दक्षिणी हिस्सा अलग हो जाता है तो सूडान में इस्लामिक कानून लागू कर दिया जाएगा.

तस्वीर: AP

रविवार को एक टेलीविजन भाषण में अंतरराष्ट्रीय वारंट के साथ खोजे जा रहे राष्ट्रपति ने पुलिस द्वारा एक महिला को कोड़े लगाए जाने की घटना का बचाव किया. इस घटना की तस्वीर यू ट्यूब पर जारी की गई थी. बशीर ने कहा कि यदि औरत को शरिया के तहत कोड़े से मारा गया है तो कोई जांच नहीं होगी. उन्होंने कहा, "कुछ लोग शर्मिंदा क्यों हैं? यह शरिया है."

पूर्वी शहर गेदारेफ में अपने समर्थकों की एक रैली को संबोधित करते हुए बशीर ने कहा, "यदि दक्षिण सूडान सफल रहता है, हम संविधान बदल देंगे और तब संस्कृति और जातीय विविधता की बात करने का समय नहीं होगा." उन्होंने कहा, "शरिया और इस्लाम संविधान का मुख्य स्रोत होगा, इस्लाम सरकारी धर्म और अरबी सरकारी भाषा."

देश के दक्षिणी हिस्से में अधिकांश लोग परंपरागत मान्यताओं को मानते हैं या क्रिश्चियन हैं. वहां आजादी के सवाल पर जनमत संग्रह कराने का फैसला मुस्लिम बहुल उत्तरी हिस्से और क्रिश्चियन बहुल दक्षिणी हिस्से के बीच गृहयुद्ध की समाप्ति के बाद 2005 के शांति समझौते में हुआ था.

संधि में एक अंतरिम संविधान बनाया गया था जिसमें शरिया को उत्तरी हिस्से में सीमित कर दिया गया था और सूडानी जनता की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को स्वीकार किया था. विश्लेषकों को उम्मीद है कि दक्षिण सूडान के अधिकांश लोग नौ जनवरी को होने वाले जनमत संग्रह में आजादी का समर्थन करेंगे.

बशीर के बयान के बाद इस बात की चिंता पैदा हो गई है कि जनमत संग्रह के बाद उत्तरी हिस्से में रहने वाले दक्षिण के लाखों लोगों के साथ क्या बर्ताव होगा. बशीर की पार्टी के मंत्रियों ने धमकी दी है कि दक्षिण को लोग उत्तर की नागरिकता खो देंगे और अस्पतालों में उनका इलाज नहीं होगा.

बशीर की पार्टी के एक नेता ने पहली बार औपचारिक रूप से स्वीकार किया है कि देश को एकताबद्ध रखने की कोशिश विफल हो गई है. उत्तर और दक्षिण के नेता इस समय तेल की आय के बंटवारे और नागरिकता जैसे मुद्दों पर बातचीत कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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