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बहरीन ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा

१६ मार्च २०११

बहरीन में बुधवार को हैलिकॉप्टर उड़ते देखे गए और आतंक निरोधी पुलिस ने विरोध प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस बरसाई. पुलिस ने मुख्य रूप से शिया प्रदर्शनकारियों को शहर के मध्य से हटाया. वो कई हफ्तों से शहर के मध्य में जमे हैं.

तस्वीर: AP

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके जिसके जवाब में पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस छोड़ी. इन हिंसक झड़पों के दौरान आसामान में हैलिकॉप्टर भी दिखाई दिए. रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है कि कई युवा लड़के तेजी से कार चलाते हुए भागे जिससे एक पुलिसकर्मी को चोट पहुंची.

सुरक्षा कार्रवाई तब शुरू हुई जब बहरीन के किंग ने मार्शल लॉ की घोषणा की. बहरीन की सरकार कई दिनों से शियाई मुस्लिमों विरोध प्रदर्शन को काबू में करने की कोशिश कर रही है. बुधवार को हुई सैनिक कार्रवाई के बाद राजधानी का पर्ल चौराहा दो घंटे में खाली कर दिया है. विरोध प्रदर्शनकारी यहीं डेरा डाले थे.

कई सप्ताह से जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पर्ल चौराहे के आस पास शिविर लगा रखे थे. रविवार को उन्होंने राजधानी से जाने वाला अहम रास्ता बंद कर दिया. तब से मुख्य रास्ता बैरिकेडों और पत्थरों के ढेर से बंद है और बहरीन की दुकानें भी.

अब तक एक पुलिसकर्मी सहित तीन की मौत हुई है और करीब दो सौ लोग मंगलवार के प्रदर्शनों में घायल हुए.

बहरीन और सउदी अरब का निकट सहयोगी माने जाने वाले अमेरिका ने सरकार से हिंसा पर काबू करने की अपील की है. अमेरिका ने उप विदेश मंत्री जेफ फेल्टमैन को बहरीन भेजा है. बहरीन दुनिया के बड़े तेल निर्यातक देशों में आता है.

बहरीन में 60 फीसदी शिया मुसलमान हैं, जिनकी शिकायत है कि सुन्नी शाही परिवार उनके साथ भेदभाव करता है. सत्ता पलट करने की अपील के कारण सुन्नी अल्पसंख्यकों में चिंता है कि क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे शियाई सत्ता वाले गैर अरब मुल्क ईरान को फायदा होगा.

तस्वीर: picture alliance/dpa

जातीय हिंसा

बहरीन में 1990 के बाद से यह सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है. पिछले महीने से जारी इन प्रदर्शनों को प्रेरणा मिस्र और ट्यूनीशिया के सफल सत्ता पलट से मिली है. लीबिया में भी भारी लड़ाई जारी है लेकिन वहां गद्दाफी की सेना प्रदर्शनकारियों को तेजी से कब्जे में कर रही है. लेकिन मिस्र और ट्यूनीशिया सुन्नी बहुल देश हैं उनसे अलग बहरीन जातीय आधार पर बंटा हुआ है. युवाओं के बीच हिंसक झड़पें बहरीन में आम बात हो गई है इस कारण यूनिवर्सिटी और स्कूलों को बंद रखा गया है.

संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन ने अमेरिका की तर्ज पर शांति रखने की अपील की है. जी8 देशों की बैठक में बहरीन के हालात पर चिंता जताई गई. लगातार जारी विरोध प्रदर्शनों के कारण बहरीन की सरकार ने मंगलवार को मार्शल लॉ की चेतावनी दी और कहा कि इसका मतलब कर्फ्यू, प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करना और इलाकों को खाली करवाना हो सकता है. बहरीन के गृह मंत्री शेख रशद अल खलीफा ने कहा, "हालात को सामान्य करने, कानून व्यवस्था काबिज करना सुरक्षा बहाल करना जरूरी है."

जैसे ही विरोध प्रदर्शनकारी भागे सुरक्षा कर्मियों ने ब्लॉकेड हटाने शुरू कर दिए हैं. शहर के बीचों बीच पड़े टेंटों और कचरे को हटाया जा रहा है.

उधर सनाबिस में शिया बहुल क्षेत्र से धुंआ निकलता देखा गया. धुएं के कारणों का पता नहीं चल सका है. वहीं मनामा में कुछ धमाकों की आवाज सुनाई दी. बहरीन के एयरपोर्ट से मुख्य द्वीप को आने वाले तीन पुलों को पुलिस ने रोक दिया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ओ सिंह

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