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बहुत हुआ पुतिन, अब निकल लोः गोर्वाचोव

२६ दिसम्बर २०११

पूर्व सोवियत संघ के कद्दावर राष्ट्रपति मिखाइल गोर्वाचोव ने रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन को चेतावनी दी है. गोर्वोचोव ने पुतिन से कहा, बस बहुत हुआ. अब मेरी तरह कड़वी दवा खाओ और कुर्सी छोड़ दो.

तस्वीर: dapd

25 दिसंबर 1991 को मिखाइल गोर्वाचोव ने सोवियत संघ के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. गोर्वाचोव अचानक टेलीविजन पर आए और इस्तीफे का एलान कर गए. उस वक्त सोवियत संघ महाशक्ति था. गोर्वाचोव के इस्तीफे को सोवियत संघ के ताबूत में आखिरी कील कहा गया. गोर्वाचोव को पश्चिमी दुनिया साहसिक फैसला लेने वाला नेता मानती है, वहीं ज्यादातर रूसी उन्हें सोवियत संघ के विघटन का जिम्मेदार मानते हैं.

20 बाद हालात और ज्यादा खराब हैं. भ्रष्टाचार में घिरा रूस बहुत कमजोर पड़ चुका है. लोकतंत्र के नाम पर छटपटा रहा है. देश के हालात पर चिंता जताते हुए गोर्वाचोव ने अपने प्रिय पुतिन से कहा है कि वह राजनीति से हट जाएं. रविवार को गोर्वाचोव ने कहा, "मैं पुतिन को ब्लादिमीर पुतिन को सलाह दूंगा कि वह हट जाएं. उनके तीन कार्यकाल हो चुके हैं, दो बार राष्ट्रपति के तौर पर और एक बार प्रधानमंत्री के तौर पर. तीन कार्यकाल, यह काफी है."

तस्वीर: dapd

गोर्वाचोव ने आगे कहा, "उन्हें (पुतिन को वही चीज करनी चाहिए जो मैंने की. मैं भी यही करता. इस तरह वह खुद के द्वारा किए गए सकारात्मक कामों को बचा सकेंगे."

पूर्व सोवियत राष्ट्रपति पुतिन के समर्थक और प्रशंसक रहे हैं. लेकिन दिसंबर में संसदीय चुनावों में धांधली के आरोपों के बाद गोर्वाचोव का मन पुतिन के प्रति खट्टा हुआ है. उन्होंने कहा, "मैंने यहां और विदेश में पुतिन का समर्थन किया. तब वह इसके योग्य भी थे. लेकिन अब ऐसी स्थिति हो गई है कि हम कुछ नहीं कर सकते."

80 साल के गोर्वाचोव 1999 के बाद राजनीतिक मंच से कटे रहे. पत्नी की मौत के 12 साल बाद अब वह बेबाकी से रूस की राजनीति पर बात कर रहे हैं. नोबेल शांति पुरस्कार जीत चुके गोर्वाचोव के मुताबिक, "मैं खुश हूं कि इस जागरूकता को देखने के लिए मैं जीवित रहा. प्रदर्शनों में दो पीढ़ियां हैं. यह बड़ी उम्मीदें पैदा करता है और मुझे नहीं लगता है कि यह बात करके खत्म हो जाएगा."

तस्वीर: dapd

पुतिन के खिलाफ 10 दिसंबर को हुए बड़े प्रदर्शन को गोर्वाचोव ने ऐतिहासिक बताया, "आधुनिक जीवन शैली का ऐतिहासिक लम्हा है. यह दिखाता है कि हमारे लोग किस तरह के विचार और भरोसे पर यकीन रखते हैं." रूस के कई शहरों में शनिवार को भी पुतिन विरोधी बड़े प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनों में एक लाख से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया.

पुतिन ने गोर्वाचोव की मांग को खारिज किया है. पुतिन के प्रवक्ता ने पूर्व राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए कहा जो खुद सोवियत संघ को बचाने में नाकाम रहे उन्हें इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए.

रूस के प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन 2012 में फिर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे हैं. रूस में कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति बन सकता है. लेकिन 2000 से 2004 और फिर 2004 से 2008 तक रूसी राष्ट्रपति रहने वाले पुतिन तीन साल पहले प्रधानमंत्री बन गए. आगामी चुनावों में वह राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं और खुद राष्ट्रपति बनना चाहते हैं. यानी नियमों में कमियां निकाल कर लोकतंत्र को ठेंगा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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