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सील होगी सीमा

१ जनवरी २०१४

बांग्लादेश में होने वाले संसदीय चुनावों से पहले हिंसा और घुसपैठ की आशंका से भारत ने पांच सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है. विपक्षी दल चुनावों का बहिष्कार कर रहे हैं.

तस्वीर: AFP/Getty Images

बांग्लादेश में पांच जनवरी को होने वाले आम चुनावों से पहले देश में हालात काफी हिंसक और तनावपूर्ण हो गए हैं. बांग्लादेश से लगी अपनी लंबी सीमा की वजह से वहां की परिस्थिति का असर इस पार पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों पर भी पड़ने लगा है. मौजूदा हालात पर विचार-विमर्श कर हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी कोलकाता पहुंचे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए.

सील होगी सीमा

बांग्लादेश की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उस देश से लगी सीमा को सील करने का फैसला किया है. राज्य की 2,216 कलोमीटर लंबी सीमा बांगलादेश से लगी है. बीएसएफ अधिकारियों से सीमा पर गश्त तेज करने को कहा गया है ताकि सीमा पार से लोग घुसपैठ नहीं कर सकें. इसके साथ ही उनको इस बात के भी निर्देश दिए गए हैं कि उस पार की हिंसा से त्रस्त होकर सीमा पार करने वालों के साथ घुसपैठियों की तरह व्यवहार करने की बजाय मानवीय रवैया अपनाया जाए.

बांग्लादेश में हिंसातस्वीर: Reuters

बैठक में सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने कहा, "हमने कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया है. कानून व व्यवस्था की स्थिति पर भी चर्चा की गई." राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी कहते हैं, "बैठक में बांग्लादेश के आम चुनाव, उससे उपजी परिस्थिति और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तार से बातचीत हुई."

सुंदरबन की सुरक्षा

बांग्लादेश से लगी लंबी सीमा में सुंदरबन का 345 किमी लंबा इलाका नदियों से घिरा है. बैठक में बीएसएफ अधिकारियों ने उस राह से घुसपैठियों के आने का अंदेशा जताया. नदी होने की वजह से वहां सीमा पर कोई बाड़ नहीं है. केंद्र सरकार ने राज्य और बीएसएफ से नदी मार्ग पर निगरानी बढ़ाने को कहा है. सुंदरबन से लगी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से 138 करोड़ की सहायता मांगी है. इससे इलाके में एक रडार केंद्र की स्थापना की जाएगी और स्थानीय मछुआरों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने पर केंद्र सरकार उस पर विचार करेगी. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश चुनाव पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, "आम चुनाव बांग्लादेश का अंदरूनी मामला है. हम अपनी सीमाएं सुरक्षित रखना चाहते हैं ताकि उस पार की हिंसा की आंच इस पार नहीं पहुंच सके."

अनिल गोस्वामी कोलकाता मेंतस्वीर: Prabhakar Mani Tewari

चुनाव बाद भी हिंसा का अंदेशा

पश्चिम बंगाल सरकार को अंदेशा है कि बांग्लादेश में चुनावों के बाद भी हालात सुधरने की गुंजाइश कम ही है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी कहते हैं, "आम चुनाव में विपक्ष के हिस्सा नहीं लेने की वजह से सत्तारुढ़ अवामी लीग की एकतरफा जीत तय है. इससे देश के अंदरूनी हालात बिगड़ेंगे. उसका असर सीमावर्ती इलाकों पर पड़ना तय है." केंद्रीय गृह सचिव कहते हैं, "बांग्लादेश की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल समेत उस देश की सीमा से लगे पांच राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है."

राज्य के गृह सचिव बासुदेव बनर्जी बताते हैं, "केंद्र सरकार की सलाह पर सीमा पर बीएसएफ की दो और बटालियनें तैनात कर दी गई हैं. सीमा पर स्थित जांच चौकियों पर पहरा बढ़ा दिया गया है और सीमावर्ती जिलों में पुलिस प्रशासन से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है कि ताकि सीमा पार से शरारती तत्व प्रवेश नहीं कर सकें."

केंद्रीय सचिव ने कहा कि सीमा पार के हालात की वजह से उस देश के अल्पसंख्यक जान-माल की हिफाजत के लिए इस पार आ सकते हैं. वैसी हालत में सीमावर्ती इलाकों में ही उनके रहने-खाने की व्यवस्था की जाएगी. बाद में हालत सामान्य होने पर उनको वापस भेज दिया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि फिलहाल उस पार से आने वाले अल्पसंख्यकों के मामले में पुशबैक नीति में ढील रहेगी. यानी उनको तुंरत वापस नहीं भेजा जाएगा.

रिपोर्ट: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा

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