भारत के नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) की एक टीम आतंकवाद का गढ़ बन रहे बांग्लादेश जा रही है. कमांडो टीम वहां पहुंचकर आतंकवादियों के तौर तरीकों की पड़ताल करेगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
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एक जुलाई के ढाका के एक पॉश कैफे पर हुए आतंकवादी हमले ने नई दिल्ली को भी चिंता में डाला है. हमले में इतालवी, जापानी और भारतीय नागरिकों समेत 22 लोग मारे गए. इस्लामिक स्टेट भारत पर भी ऐसे हमले करने का एलान कर चुका है. आखिर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों का काम करने का तरीका कैसा है, ऐसे सुराग जुटाने के इरादे से एनएसजी की टीम बांग्लादेश जाएगी. देश की प्रमुख जांच एजेंसी की टीम 7 जुलाई को किशोरगंज में पुलिस पर हुए आतंकवादी हमले की भी समीक्षा करेगी. ईद के दिन हुए इस हमले में दो पुलिसकर्मियों समेत चार लोग मारे गए.
इस्लामिक स्टेट कैफे हमले की जिम्मेदारी ले चुका है. हमले में मारे गए लोगों के शवों की जांच से पता चला है कि आतंकवादियों ने हत्या से पहले उन्हें प्रताड़ित भी किया. नौ इतालवी नागरिकों के शरीर पर चोट या यातना के निशान दिखे. अटॉप्सी रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवादियों ने बंधकों पर चाकू चलाया. कुछ बंधक इन्हीं चोटों के चलते मारे गए.
बांग्लादेश में आईएस की पैठतस्वीर: Reuters/Courtesy SITE Intel Group
दूसरी तरफ बांग्लादेश सरकार का कहना है कि उनके देश में इस्लामिक स्टेट मौजूद नहीं है. सरकार हमले के लिए देसी कट्टरपंथी संगठनों को जिम्मेदार ठहरा रही है.
2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को खासी परेशानी हुई थी. उस हमले के बाद कई बदलाव किये गये. लेकिन इस बीच आतंकवादी कैसे हथकंडे अपना रहे है, यह जानना भी जरूरी है. लिहाजा भारत ने बांग्लादेश से एनएसजी अफसरों की टीम को जांच के लिए आने की अनुमति देने की दरख्वास्त की.
एनएसजी की टीम बांग्लादेशी कमांडो फोर्स के साथ सहयोग करेगी. ढाका को उम्मीद है कि भारत की एलीट कमांडो फोर्स से उसकी सुरक्षा एजेंसियों को भी काफी कुछ सीखने को मिलेगा. एनएसजी की टीम पहले भी दूसरे दोस्ताना मुल्कों में जाकर आतंकी वारदातों की समीक्षा कर चुकी है. यह पहला मौका है जब टीम बांग्लादेश जा रही है.
सबसे खूनी साल 2016
2016 आतंकवाद का साल साबित हुआ है. सात महीनों में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. इस साल अब तक के सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले हुए हैं.
तस्वीर: Imago/Science Photo Library
4 जुलाई
एक के बाद एक तीन आतंकवादी हमले हुए. सऊदी अरब के जेद्दा, मदीना और कतीफ में तीन खुदकुश हमले.
तस्वीर: Reuters
3 जुलाई
बगदाद में इराक का सबसे भयानक आतंकवादी हमला हुआ जिसमें 215 जानें गईं और 2002 लोग घायल हो गए.
तस्वीर: Reuters/Khalid al Mousily
2 जुलाई
ढाका में बांग्लादेश का अब तक का सबसे घातक आतंकवादी हमला जिसमें 7 आतंकवादियों ने 20 मासूम जानें ले लीं.
तस्वीर: Getty Images/AFP
28 जून
तुर्की के इस्तांबुल में अतातुर्क एयरपोर्ट पर तीन आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया. 45 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/O. Kose
27 मार्च
पाकिस्तान के लाहौर में बच्चों के खेल के मैदान के पास बम धमाका हुआ. 72 लोग मारे गए जिनमें ज्यादातर बच्चे थे.
तस्वीर: picture alliance/dpa/R. Dar
22 मार्च
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में एयरपोर्ट पर आत्मघाती बम हमला हुआ. 34 जानें गईं और 300 लोग घायल हुए.
तस्वीर: Reuters/F. Lenoir
13 मार्च
तुर्की की राजधानी अंकारा में मुख्य चौराहे पर एक कार बम से धमाका किया गया. 37 जानें चली गईं.
तस्वीर: Reuters/U. Bektas
13 मार्च
आइवरी कोस्ट में कुछ अल कायदा आतंकवादी एक होटल में घुसे और गोलियां बरसाईं. 18 लोग मारे गए.
तस्वीर: Reuters/L. Gnago
26 फरवरी
सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में एक होटल में अल शबाब ने कार बम से धमाका किया. 15 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: Reuters/F. Omar
17 फरवरी
तुर्की की राजधानी अंकारा में कई बम धमाके हुए. कुर्दिस्तान फ्रीडम फाल्कन्स के इस हमले में 29 जानें गईं.
तस्वीर: Reuters/Ihlas News Agency
15 जनवरी
बुरकीना फासो के एक होटल में हुए आतंकवादी हमले में 18 देशों के 23 लोगों की जानें गईं. अल कायदा का काम था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/W. Elsen
14 जनवरी
इंडोनेशिया के जकार्ता में बम धमाके और उसके बाद गोलियां बरसा कर आईएस ने 8 लोगों को मार डाला.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Ismoyo
12 जनवरी
साल की शुरुआत में ही तुर्की के इस्तांबुल में धमाके सुनाई दिए. 13 लोगों की जानें गईं. दर्जनों घायल हुए.