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बांग्लादेश ने टॉस जीता, पहले बैटिंग

७ जनवरी २०१०

बांग्लादेश ने भारत के ख़िलाफ़ टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया. यह बेहद चौंकाने वाला फ़ैसला रहा क्योंकि बाद में फ़ील्डिंग करने वाली टीम को ओस का सामना करना पड़ा है और दोनों बार वह टीम हारी है.

टॉस जीत कर बैटिंगतस्वीर: AP

बांग्लादेश के कप्तान साक़िब अल हसन ने टॉस जीतने के बाद समझिए ढाका के क्रिकेट ग्राउंड पर बम फोड़ दिया. उन्होंने पहले बैटिंग करने का फ़ैसला किया है. अब तक के दोनों मैच में पहले बैटिंग करने वाली टीम हारी है. ख़ुद बांग्लादेश भी पहले मैच में पहले बल्लेबाज़ी के बाद हार गया था.

बांग्लादेश के कप्तान साक़िब अल हसन का कहना है कि वह चार स्पिनरों के साथ मैदान में उतर रहे हैं और पहले बैटिंग करने का फ़ायदा उठाना चाहते हैं. हालांकि उनके गेंदबाज़ों को बाद में गीली गेंद से बॉलिंग करना होगा.

ढाका के मीरपुर में शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम का यह मैच एक बार फिर से डे नाइट मैच है और अब तक के नतीजे साफ़ हैं. दिन रात के मैच में हर बार पहले फ़ील्डिंग करने वाली टीम जीतती आई है. अब तक के दोनों मुक़ाबले प्रतियोगिता की तीसरी टीम श्रीलंका ने जीते हैं.

अबकी पहले फ़ील्डिंगतस्वीर: AP Images

समझा जाता है कि इस मैच में बल्लेबाज़ों पर ख़ासा दबाव होगा और बाद में बैटिंग करने वाली टीम के लिए एक बड़ा स्कोर खड़ा करना ज़रूर होगा ताकि बाद में गीले ग्राउंड पर फ़ील्डिंग के दौरान ज़्यादा परेशानी न हो.

टूर्नामेंट में अब तक की सबसे बड़ी भूमिका ओस की रही है, जिसने बाद में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को फ़ायदा पहुंचाया है. ओस से भीगी गेंद पर गेंदबाज़ों की पकड़ पूरी तरह नहीं हो पा रही है, जबकि स्पिनर हवा में गेंद फेंकने की बजाय एक फ़्लैट गेंद फेंकना पसंद कर रहे हैं. मेज़बान बांग्लादेश के विकेटकीपर मुश्फ़ीकुर रहीम ने बताया कि ओस से निपटने के लिए नेट्स के दौरान उनकी टीम गीली गेंद से प्रैक्टिस कर रही है.

ओस के अलावा आख़िरी ओवरों में भारत के गेंदबाज़ों का न चलना भी मुश्किल का सबब बनता जा रहा है. हाल के दिनों में टीम इंडिया के बल्लेबाज़ों ने जितना अच्छा प्रदर्शन किया है, गेंदबाज़ उतना अच्छा नहीं कर पाए हैं. राजकोट के मैदान में पिछले महीने 414 रन बनाने के बाद भी भारतीय क्रिकेट टीम को संकट का सामना करना पड़ा था और लग रहा था, जैसे श्रीलंका उस मैच को जीत जाएगा. हालांकि उस मैच में आख़िर में गेंदबाज़ों ने अच्छा प्रदर्शन किया.

ज़हीर ख़ान के अलावा दूसरे तेज़ गेंदबाज़ों से बहुत ज़्यादा उम्मीद बंधती नहीं दिख रही है, जबकि सचिन तेंदुलकर की ग़ैरमौजूदगी में भी बल्लेबाज़ी में ज़्यादा दुश्वारी नहीं है.

2010 का पहला मैच हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम दबाव में है. टीम इंडिया को मेज़बान बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एक अहम जीत के साथ टूर्नामेंट में आगे बढ़ना है, ताकि फ़ाइनल तक का सफ़र आसान हो सके. जबकि श्रीलंका के लिए फ़ाइनल तक पहुंचना आसान हो गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

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