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बांग्लादेश ने भारतीय बच्चे को छोड़ा

२९ अप्रैल २०१२

भारत के पांच साल के बच्चे आरिफुल शेख को बांग्लादेश की जेल से रिहा कर दिया गया है. उसे एक साल पहले उसके दादा के साथ सीमा पर पकड़ा गया था और एक साल कैद में रखा गया.

तस्वीर: AP

जेल से छूटने के बाद पश्चिम बंगाल में आरिफ की माता-पिता के साथ भावनात्मक मुलाकात हुई. उसे पकड़े जाने के बाद की घटना की नागरिक अधिकार संगठनों और भारत सरकार ने जबरदस्त आलोचना की थी. गेड़े चेकप्वाइंट पर माता-पिता को सौंपे जाने के बाद आरिफुल शेख ने पत्रकारों से कहा, "मैं बांग्लादेश की जेल में था. अपने मां-बाप के पास लौटकर मैं खुश हूं."

आरिफुल के दादा-दादी को बांग्लादेश में बिना अनुमति के घुसने का दोषी पाया गया. उस समय वे सीमा पर अपने रिश्तेदारों से मिलने गए थे और आरिफुल उनके साथ था. आरिफुल के दादा-दादी को गिरफ्तार कर लिया गया था और उनके साथ आरिफुल को भी हिरासत में ले लिया गया.

आरिफुल के दादा दादी को दो महीने के जेल की सजा दी गई. जेल की यह सजा उन्हें बांग्लादेश के कुस्तिया जेल में काटनी थी, लेकिन उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई में देरी के कारण जेल में एक साल से ज्यादा का समय काटना पड़ा.

जेल प्रमुख उमर फारुख ने कहा, "पांच वर्षीय आरिफुल को सजा नहीं हुई थी, लेकिन चूंकि वह अपने दादा-दादी के साथ आया था, उसे भी यह समय उनके साथ जेल में काटना पड़ा. उन्हें अतिरिक्त 11 महीने जेल में काटने पड़े क्योंकि भारतीय अधिकारियों की पुष्टि में काफी समय लगा कि वे सचमुच भारत के नागरिक हैं."

इस महीने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने यह मामला मीडिया के सामने लाया, जिसके बाद भारत सरकार ने बांग्लादेश की सरकार पर आरिफुल और उसके दादा-दादी को छोड़ने के लिए दबाव डाला.

भारत और बांग्लादेश की सीमा 4000 किलोमीटर लंबी है और सीमा के दोनों ओर बहुत से परिवार बंटे हुए हैं. भारतीय उपमहाद्वीप को आजाद करते समय ब्रिटटिश कार्टोग्राफरों ने बहुत से गांवों को बीच से बांट दिया है. हाल के सालों में भारत ने बांग्लादेश से लोगों के अवैध रूप से आने जाने को रोकने के लिए सीमा के बड़े हिस्से में बाड़ लगा दी है.

एमजे/एजेए (एएफपी)

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