1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बांग्लादेश में आम चुनाव 18 दिसंबर को ही

१९ नवम्बर २००८

बांग्लादेश में सेना के समर्थन वाली सरकार ने देश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी बांग्लादेश नैशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की मांग के बावजूद पूर्व निर्धारित तारीख़ को ही आम चुनाव कराने की घोषणा की है.

ख़ालेदा की चुनाव टालने की मांग सरकार ने ठुकराईतस्वीर: Harun Ur Rashid Swapan

पूर्व प्रधानमंत्री ख़ालेदा ज़िया की बांग्लादेश नैशनलिस्ट पार्टी ने चुनाव में देरी करने और उनकी पार्टी को भाग लेने की अनुमति देने की मांग की थी. अंतरिम सरकार के एक प्रमुख सलाहकार होसैन ज़िल्लुर रहमान ने बीएनपी द्वारा दी गई समयसीमा समाप्त होने से एक घंटा पहले सरकार के फ़ैसले की घोषणा करते हुए कहा कि संसदीय और उपज़िला परिषद चुनाव तय समय होंगे क्योंकि राजनीतिक दलों और सरकार के बीच सहमति नहीं हो पाई.

चुनाव आयोग ने संसद के लिए 18 और उपज़िला परिषदों के लिए 28 दिसंबर की तारीख़ तय कर रखी है. इससे पहले बांगलादेश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ए टी एम शमसुल हुदा ने कहा था कि चुनाव 18 दिसंबर के बदले 28 दिसंबर को आयोजित किए जा सकते हैं, अगर कार्यवाहक सरकार इस पर देश के सभी राजनीतिक दलों की सहमति प्राप्त कर सके. लेकिन उन्होंने साथ ही कहा था कि उन्हें इस सिलसिले में सरकार की ओर से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है. शमसुल हुदा का कहना था कि अगर राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़ाई जा सके, तो उन्हें दस दिन की देर में कोई आपत्ति नहीं है.

आज चुनाव के बारे में कार्यवाहक सरकार के प्रधान फ़खरुद्दीन अहमद व मुख्य निर्वाचन आयुक्त शमसुल हुदा के बीच एक बैठक हुई थी. बैठक के बाद हुदा ने कहा कि उन्होंने अपनी राय दे दी है. वे नियोजित तिथि पर कायम है. देश के दोनों बड़े राजनीतिक दलों, बीएनपी व अवामी लीग के नेताओं ने संकेत दिया था कि वे चुनाव चंद दिनों के लिए टालने के पक्ष में हैं. बीएनपी की ओर से ऐसी मांग भी की गई थी. देश के लोकतंत्रीकरण की प्रक्रिया में गहरी दिलचस्पी ले रहे राजनयिक हलकों का भी मानना था कि राजनीतिक दलों के बीच सहमति के आधार पर चुनाव चंद दिनों के लिए टाले जाने चाहिए.

बीएनपी के नेतृत्व वाले मोर्चे ने सरकार के फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि सेना समर्थित सरकार आपात स्थिति में एकतरफ़ा चुनाव कराना चाहती है. बीएनपी के महासचिव खाल्दकार दिलबर होसैन ने सभी पार्टियों की भागीदारी के साथ स्वीकारणीय चुनाव कराने की मांग की है. चुनाव आयोग ने बुधवार शाम पर्चा दाखिल करने की तिथि 23नवंबर तक तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है लेकिन मतदान तय तिथियों पर ही होंगे.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें