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बांग्लादेश में और फैला विद्रोह

२६ फ़रवरी २००९

बांग्लादेश में बीडीआर सैनिकों का विद्रोह राजधानी ढाका के बाद कई और शहरों में फैल गया है. अब तक इसमें 50 लोगों के मारे जाने की ख़बर है. प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने विद्रोह न रुकने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.

बांग्लादेश में विद्रोहतस्वीर: picture-alliance/ dpa

बांग्लादेश में कई शहरों से सशस्त्र विद्रोह की ख़बरें हैं. पुलिस अधिकारी जलाल अहमद चौधरी ने बताया कि बांग्लादेश के दक्षिणी शहर तेख़नाफ़ में विद्रोहियों ने वरिष्ठ अधिकारी के घर पर गोलीबारी की.

बुधवार से जारी इस विद्रोह में अब तक कुल 50 लोग मारे जा चुके हैं. बांग्लादेश के राष्ट्रीय टीवी पर प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है, ''विद्रोही तुरंत अपने हथियार डाल दें. हमें कड़ी कार्रवाई करने के लिए मजबूर न करें और हमारे धैर्य की परीक्षा न लें.'' बुधवार को सरकार के साथ बातचीत में बीडीआर के बाग़ी हथियार डालने पर रज़ामंद हुए थे. लेकिन गुरुवार सुबह कई जगह गोलीबारी के बाद इस सहमति को कोई नतीजा नहीं निलकता दिख रहा है.

कड़ी कार्रवाई की चेतावनी-प्रधानमंत्री शेख़ हसीनातस्वीर: Picture-alliance/dpa

समाचार एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि बांग्लादेश के पूर्वोत्तर इलाक़े सिलहट मे बांग्लादेश राइफल्स (बीडीआर) के जवान सड़कों पर उतर आए और गोलीबारी की. उधर ढाका में भी एक पुलिस अधिकारी ने इन ख़बरों की पुष्टि करते हुए कहा, ''जब हम विद्रोह के ख़त्म होने की उम्मीद कर रहे थे, तभी दोपहर को बीडीआर कॉम्पलेक्स में फिर से गोलीबारी शुरु हो गई.''

कई शहरों से विद्रोह की ख़बरेंतस्वीर: AP

अधिकारियों का कहना है कि बीडीआर के जवानों में वेतन को लेकर कई महीनों से असंतोष था लेकिन विद्रोह तब भड़का जब वरिष्ठ अधिकारियों ने वेतन बढ़ाने की मांग मानने से इनकार कर दिया. बांग्लादेश में सीमाओं की सुरक्षा करने वाला अर्धसैनिक बल बीडीआर सेना के तहत काम करता है. बीडीआर के बाग़ियों की यह भी मांग थी कि उनका कमांडर उन्हीं में से चुना जाए.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने बांग्लादेश के क़ानून उप मंत्री कमरुल इस्लाम के हवाले से बताया कि "स्थिति तनावपूर्ण है क्योंकि कई सौ हथियारबंद सैनिक बीडीआर क्वॉर्टर में हैं. पंद्रह हज़ार सैनिकों में से बारह हज़ार के पास हथियार हो सकते हैं.".

बांग्लादेश में पिछले ही साल चुनाव के बाद लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ है. जानकारों का कहना है कि इस विद्रोह के बाद अस्थिरता फिर सर उठा सकती है.

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