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बांधों से बेबस जायंट कैटफिश

९ अगस्त २०१०

पृथ्वी की सबसे शक्तिशाली और विकसित प्रजाति होने के गुरूर में इंसान ने जाने-अनजाने में अनेक प्रजातियों का अस्तित्व ही संकट में डाल दिया. मछलियों की कई अनोखी प्रजातियां इस कारण संकट में पड़ गई हैं.

खतरे में जायंट कैटफिशतस्वीर: AP

वर्ल्ड वाइड फंड फोर नेचर ने आगाह किया है कि दक्षिण एशिया की मीकांग नदी पर पनबिजली उत्पादन के लिए बनाए जा रहे बांधों से मीठे पानी में पाई जाने वाली दुनिया की 10 सबसे बड़ी मछली प्रजातियों में से चार प्रजातियां खतरे में हैं. इस सूची में दक्षिण एशिया की नदियों में पाई जाने वाली विशालकाय जायंट कैटफिश भी है जो अनुकूल प्राकृतिक परिस्थियों में 350 किलो से भी ज्यादा वजन की हो सकती है. 600 किलो तक वजनी फ्रेशवॉटर स्टिंगरे और जायंट बार्ब फिश भी इन परियोजनाओं के कारण विलुप्त हो सकती हैं.
खतरे में भविष्य

जायंट कैटफिश को प्रजनन के लिए नदी की धारा के विपरीत तैरते हुए ऊपरी क्षेत्रों में जाना पड़ता है. जायंट कैटफिश अपने भारी-भरकम वजन के साथ इतने बड़े बांधों को पार नहीं कर सकती जिसके कारण वह प्रजनन क्षेत्र में नहीं जा पाएगी.

तस्वीर: AP

बढ़ती जनसंख्या की जरूरतों को पूरी करने के लिए चीन मीकांग नदी पर अब तक चार बांध बना चुका है और इसी समस्या से दो-चार होते अन्य दक्षिण एशियाई देश जैसे लाओस, थाईलैंड तथा कम्बोडिया भी इस नदी पर 11 और बांध बनाने की योजना बना रहे हैं. इसके साथ ही मीकांग की सहायक नदियों पर भी छोटे-छोटे बांध बनाने का काम चल रहा है.

तिब्बत से निकलने वाली मीकांग दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे लंबी नदी है जो दक्षिणी चीन से होते हुए बर्मा, लाओस, थाईलैंड, कम्बोडिया तथा वियतनाम से होती हुई दक्षिण चीन सागर में गिरती है.

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अनुसार सबसे बड़ी चिंता लाओस द्वारा सायाबोली प्रांत में बनाया जा रहा एक पनबिजली सयंत्र है जिसे उसके भावी उत्पादन की क्षमताओं के कारण दक्षिण-पूर्वी एशिया की 'बैटरी' कहा जा रहा है.

इसका कारण है कि जायंट कैट फिश प्रजनन के लिए कम्बोडिया की टोनले साप झील से लाओस और उत्तरी वियतनाम में बहने वाली मीकांग नदी के ऊपरी क्षेत्र में आती हैं.

जायंट फिश के अलावा मीकांग का जलतंत्र कई अन्य प्रजातियों जैसे वास्ट स्टिंगरे, मीठे पानी की सबसे बड़ी मछली जायंट बार्ब, डॉग ईटिंग कैटफिश जैसी बड़ी और अनोखी मछलियों का घर है.
मीकांग में सबसे ज्यादा
दुनिया में मीकांग में सबसे ज्यादा जायंट फिश पाई जाती है और इसके किनारे पर रहने वाले लाखों लोगों के भोजन का प्रमुख स्रोत है. निचले क्षेत्रों में धीमी गति से बहती मीकांग में इन मछलियों की खासी तादाद है पर अंडे देने के लिए यह मीकांग के ऊपरी क्षेत्र में ही जाती है. इस क्षेत्र में जलधाराएँ अपने साथ पहाड़ों से प्रचुर मात्रा में खनिज ले आती है जो इनके अंडो के विकास के लिए आवश्यक है.

जायंट कैटफिश को प्रजनन के लिए नदी की धारा के विपरीत तैरते हुए ऊपरी क्षेत्रों में जाना पड़ता है. इनके संरक्षण के लिए कार्यरत लोगों का मानना है कि जायंट कैटफिश अपने भारी-भरकम वजन के साथ इतने बड़े बांधों को पार नहीं कर सकती जिसके कारण वह प्रजनन क्षेत्र में नहीं जा पाएगी.

प्रजनन के बिना इनका भविष्य ही खतरे में पड़ जाएगा, जिसके चलते न सिर्फ यह प्रजाति खतरे में पड़ सकती है बल्कि इस पर निर्भर लाखों लोगों को भी भोजन के लिए और विकल्प तलाशने होंगे.

फिलहाल मीकांग पर बनने वाले नए बांधों पर थाइलैंड, कम्बोडिया, लाओस और वियतनाम द्वारा गठित किया गया 'मीकांग रिवर कमीशन' विचार कर रहा है पर इनके निर्माण से स्थानीय पर्यावरण तथा पारिस्थिति तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के कारण डब्ल्यूडब्ल्यूएफ 'मीकांग रिवर कमीशन' से इनके निर्माण पर रोक लगाने की मांग कर रहा है.

बड़ी मछली की 4 प्रजातियां खतरे मेंतस्वीर: dpa

रिपोर्टः संदीप सिसोदिया, वेबदुनिया

संपादनः आभा एम

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