बाकी दुनिया से नाता न तोड़े रूस
१५ अगस्त २०१४उन्होंने कहा व्यापार को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ जो विवाद चल रहा है इसका यह मतलब नहीं है कि रूस व्यापारिक सहयोगियों से नाता तोड़ ले और ये भी नहीं कि वह हमारी उपेक्षा करें. पश्चिमी देशों के साथ क्रेमलिन के संबंध शीत युद्ध के बाद से अब तक की सबसे खराब स्थिति में हैं.
रूस के जवाबी प्रतिबंध
यूक्रेन मामले में रूस के रवैये के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए जिसका जवाब रूस ने भी प्रतिबंध लगाकर दिया. उसने अमेरिका और यूरोपीय संघ से मांस और डेयरी उत्पादों के आयात पर रोक लगा दी. पश्चिम द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अनुसार कुछ रूसी बैंकों के लिए यूरोसंघ के पूंजी बाजार का रास्ता बन्द कर दिया गया. इससे पहले भी अमेरिका रूसी रक्षा उद्योग से जुड़ी कंपनियों और कच्चा माल बेचने वाली कुछ रूसी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा चुका है. इसके बाद रूस ने भी अमेरिका, यूरोसंघ के सदस्य देशों, कनाडा, आस्ट्रेलिया और नॉर्वे के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की.
राष्ट्रीय हित का बहाना
रूसी समाचार एजेंसी के मुताबिक पुतिन ने क्रीमिया के सांसदों और मंत्रियों के सामने कहा कि रूस के राष्ट्रीय हितों को बचाए रखने के लिए उसे खाद्य सामग्री पर प्रतिबंध लगाना पड़ा. पुतिन ने कहा कि इससे घरेलू खेती को प्रोत्साहन मिलेगा साथ ही वे देश जो रूस के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, उनके लिए रूस का बाजार खोल दिया जाएगा. उनके मुताबिक ये प्रतिबंध सिर्फ बदले में नहीं लगाए गए हैं, "यह कदम हमारे उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है."
यूक्रेन ने पुतिन की क्रीमिया यात्रा की निंदा की है. यूक्रेन क्रीमिया के रूस में शामिल होने का विरोध करता रहा है. लेकिन पुतिन ने यूक्रेन के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि क्रीमिया को नए रूसी प्रांत के रूप में ताकत बनकर उभरना होगा.
एसएफ/एएम (एएफपी)