बाढ़ के कारण पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस समारोह रद्द
१४ अगस्त २०१०पाकिस्तान की आजादी की 63वीं वर्षगांठ ऐसे समय में आई है जब सरकारी आंकड़ों के अनुसार बाढ़ ने 1,384 जान लील ली हैं और हजारों हेक्टर फसल नष्ट हो गई है. उग्रपंथी हिंसा के प्रभावित पश्चिमोत्तर प्रांत खैबर पख्तूनख्वा के 25 जिलों में 24 बाढ़ की चपेट में हैं. उफनती सिंधु नदी ने केंद्रीय प्रांत पंजाब और दक्षिणी प्रांत सिंध में भी कहर बरपाया है.
सरकार ने आजादी दिवस मनाने से संबंधित सभी समारोहों को रद्द कर दिया है और बाढ़ के मौके पर विदेशी दौरे पर जाने के लिए आलोचना के शिकार हुए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने राष्ट्रपति भवन में होने वाले समारोह को रद्द कर पूरा दिन बाढ़ पीड़ितों के साथ बिताने का फैसला किया है. वे नौशेरा पहुंचे हैं जहां बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के अलावा अधिकारियों के साथ नुकसान और राहत प्रयासों पर चर्चा करेंगे.
सरकारी अधिकारी और राहतकर्मी धीमी मदद की शिकायत के बीच बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने के लिए जूझ रहे हैं जिनमें 60 लाख बच्चे भी हैं. अब तक पानी में फंसे चार लाख लोगों को बाहर निकाला गया है. 57 हेलिकॉप्टर और 912 नावें राहत में लगी हैं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा है कि बाढ़ से दो करोड़ लोग प्रभावित हैं. शनिवार को टेलीविजन पर अपने भाषण में उन्होंने कहा, "मैं विश्व समुदाय से इस विपदा से निबटने मदद का हाथ बढ़ाने की अपील करूंगा." संयुक्त राष्ट्र संघ अब तक एक करोड़ 40 लाख लोगों के बाढ़ पीड़ित होने की बात कह रहा था. गिलानी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील करते हुए कहा कि बाढ़ में 1,384 लोग मारे गए हैं, 1,630 घायल हैं और सवा सात लाख घर नष्ट हो गए हैं.
राहत प्रयासों पर चर्चा और बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून पाकिस्तान पहुंच रहे हैं. दौरे से पहले संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों ने हैजे के पहले मामले की पुष्टि की है. मानवीय मामलों के संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के प्रवक्ता मौरित्सियो जूलियानो के अनुसार कम से कम 36 हजार लोग गंभीर डायरिया से पीड़ित हैं. उन्होंने कहा, हम यह नहीं कह रहे कि हर किसी को जिसे गंभीर डायरिया है, हैजा भी है, लेकिन हैजा निश्चित रूप से चिंता की वजह है और हम हैजे की चिकित्सा के प्रयास बढ़ा रहे हैं.
चैरिटी संस्थाओं का कहना है कि पीड़ित लोगों के लिए राहत जरूरत से काफी कम है. अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस की जाक दे मायो ने कहा, "लाखों लोगों को काना, साफ पानी और चिकित्सीय देखभाल की ज़रूरत है और उन्हें इसकी तुरंत जरूरत है."
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ओ सिंह