बाढ़ के बहाने आईएमएफ से मदद
२४ अगस्त २०१०
पाकिस्तान का पूरा जोर आईएमएफ की कर्ज अदायगी में रियायत या मुक्ति मिलने और प्राकृतिक आपदा के कारण आपात कर्ज लेने पर है. जिससे चरमराती अर्थव्यवस्था को तात्कालिक राहत पंहुचा कर इसे पटरी पर लाया जा सके. इसके लिए पाकिस्तानी अधिकारी भीषण बाढ़ से समूची अर्थव्यवस्था को हुए भारी नुकसान की दुहाई देते हुए आईएमएफ से आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं.
बाढ़ से हुए नुकसान का ब्यौरा पेश करते हुए पाकिस्तान के कृषि मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 42.5 लाख एकड़ जमीन पर कपास, गन्ना, चावल और मक्के की फसल नष्ट हो गई. अधिकारियों का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और इतने व्यापक पैमाने पर फसल नष्ट होने से समूची व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. इससे अनुमानित आर्थिक विकास दर 4.5 प्रतिशत तक पंहुचने की बजाय अधिक से अधिक तीन प्रतिशत तक ही जा सकती है.
ऐसे हालात होने के कारण अमेरिका भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर होने का हवाला देते हुए अब इसके अस्थिर होने की आशंका जता चुका है. इस बीच पाकिस्तान सरकार ने बाढ़ के कारण बेघर हुए लाखों लोगों के आतंकवादी समूहों के हाथों में जाने की आशंका को देखते हुए उसे तत्काल मदद देने की मांग की है.
रिपोर्टः एजेसियां/निर्मल
संपादनः ए जमाल