एक ताजा स्टडी कहती है कि मेवे खाने से युवा पुरुषों में ना सिर्फ स्पर्म की संख्या बढ़ती है बल्कि उनकी क्वॉलिटी भी बेहतर होती हैं.
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शोधकर्ताओं का कहना है कि उनकी रिसर्च से स्पर्म की क्वॉलिटी बेहतर करने में अखरोट, बादाम और काजू जैसे दूसरे मेवों की अहम भूमिका साबित होती है. हालांकि इस अध्ययन में जिन लोगों ने हिस्सा लिया, वे सभी स्वस्थ थे और संभवतः उनकी प्रजनन क्षमता भी अच्छी थी. जो लोग प्रजनन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके मामले में मेवे कितने कारगर है, इस बारे में अभी अध्ययन होना बाकी है.
इस रिसर्च में 18 से 35 वर्ष की उम्र के 119 पुरुषों ने हिस्सा लिया. उन्हें दो समूहों में बांटा गया. इनमें से एक समूह के लोगों को रोजाना 60 ग्राम बादाम, हेजेल नट और अखरोट जैसे मेवे खाने को दिए जाते थे. दूसरे समूहों के लोगों को कोई मेवे नहीं दिए गए.
देखिए बिना सेक्स बच्चे पैदा करने वाले जीव
लगभग 14 हफ्तों बाद पाया गया कि जिस समूह को मेवे दिए गए, उनके स्पर्मों की संख्या में काफी इजाफा हुआ और उनकी गति और आकार भी बेहतर हुआ. ये सभी चीजें पुरुषों की प्रजनन क्षमता में बहुत अहम मानी जाती हैं. शोधकर्ताओं के बयान में कहा गया है, "मेवे खाने वाले लोगों में स्पर्म डीएनए फ्रैगमेंटेशन में भी काफी कमी देखने को मिली."
इस रिसर्च के नतीजे स्पर्म को बेहतर बनाने से जुड़े पिछले अध्ययनों के नतीजों से मेल खाते हैं. इन अध्ययनों में यह पता लगाने की कोशिश की गई थी कि ओमेगा-3, विटामिन सी और ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाने का असर स्पर्म पर किस तरह होता है. मेवों में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं.
इस रिसर्च के नतीजों को बार्लिलोना में हुई यूरोपीय सोसाइटील ऑफ ह्यूमन रिप्रॉडक्शन एंड एंब्रीयोलॉजी की बैठक में पेश किया गया. तो क्या यह मान लिया जाए कि जो पुरुष अपने घर में बच्चा चाहते हैं, उन्हें अपने खाने में ज्यादा मेवे शामिल करने चाहिए? इस सवाल पर शोधकर्ताओं का कहना है, "अभी तो हम यह नहीं कह सकते, लेकिन ऐसे बहुत से प्रमाण मौजूद हैं कि हेल्थी लाइफस्टाइल से गर्भधारण की संभावना बढ़ती है, और मेवे भूमध्यीय इलाके में हेल्थी डायट का खास हिस्सा हैं."
एके/ओएसजे (एएफपी)
सेक्स से एलर्जी
सेक्स से एलर्जी
सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह सच है. कई महिलाओं को अपने पार्टनर के शुक्राणुओं से एलर्जी होती है. पुरुषों को भी अपने ही स्पर्म से एलर्जी हो सकती है. जानकारी का अभाव इसे जानलेवा बनाता है.
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शर्म और अज्ञान
भारत में हर साल लाखों शादियां होती हैं और शादी के बाद कई महिलाओं और कुछ पुरुषों की तबियत खराब रहने लगती है. शर्म के चलते और जानकारी के अभाव में ज्यादातर मामलों में गलत इलाज होता है. झाड़ फूंक का भी सहारा लिया जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसे ही मामले दुनिया भर में होते हैं, और कई के लिए एलर्जी जिम्मेदार होती है.
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क्या है स्पर्म एलर्जी
बॉन मेडिकल कॉलेज के डेर्माटोलॉजिस्ट और एलर्जी विशेषज्ञ जां पियर अला के मुताबिक, "हर बार सेक्स के बाद कुछ महिलाओं की तबियत खराब हो जाती है. उनके जननांगों में सूजन हो जाती है या खुजली होने लगती है." 35 फीसदी मामलों में इसके लिए शुक्राणुओं से होने वाली एलर्जी जिम्मेदार होती है.
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एलर्जी के लक्षण
ज्यादातर महिलाओं में स्पर्म एलर्जी के लक्षण और भी गंभीर होते हैं. सेक्स के बाद उनके पूरे शरीर में सिलसिलेवार तरीके से रिएक्शन होने लगता है. बार बार टॉयलेट जाना, कमजोरी महसूस करना और बदन में खुजली जैसी समस्याएं सामने आती हैं. ज्यादा एलर्जिक रिक्शन होने पर तो सांस लेने में मुश्किल भी होने लगती है.
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प्राणघातक लक्षण
एलर्जी विशेषज्ञ जां पियर अला के मुताबिक, एलर्जी अगर इससे भी ज्यादा गंभीर हो तो "इससे शरीर और दिमाग को सदमा पहुंच सकता है जिसके चलते रोगी चक्कर खाकर गिर सकता है, मौत भी हो सकती है." यह खतरा खाने या श्वास संबंधी एलर्जी में भी सामने आता है.
बहुत कम जानकारी
स्पर्म एलर्जी की खोज 1958 में हॉलैंड के एक डॉक्टर ने की. लेकिन कई दशक गुजरने के बाद भी लोग इसके बारे में करीब करीब अंजान हैं. सेक्स को लेकर बात करने में शर्मिंदगी की आदत ने हालात और बदत्तर किये हैं.
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खुद के शुक्राणु से एलर्जी
इस एलर्जी का शिकार सिर्फ महिलाएं नहीं होती हैं. पुरुषों को भी अपने ही शुक्राणुओं से एलर्जी हो सकती है. आम तौर पर शुक्राणु निकलने के बाद अगर पुरुष के जननांगों में खुजली या जलन रहे, पेशाब करने में असुविधा हो सकती है.
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वीर्य की जटिल संरचना
शुक्राणुओं में कई तत्वों का जटिल मिश्रण होता है. वीर्य में शरीर के अपने प्रोटीन और प्रोस्टेट स्पेशिफिक एंटीजेन (पीएसए) शामिल होते हैं. म्यूनिख के एलर्जी विशेषज्ञ श्टेफान वाइडिंग्नर और मिषेल कोह्न ने 2005 में इससे जुड़ा शोध प्रकाशित किया.
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अंडकोष में छुपी एलर्जी
प्रोस्टेट स्पेशिफिक एंटीजेन (पीएसए) असल में पुरुष के अंडकोष में पाया जाना वाला प्रोटीन है. प्रोस्टेट कैंसर की जांच के लिए भी खून में पीएसए की मात्रा नापी जाती है. पीएसए, वीर्य को तरल और चिकना बनाने का काम करता है ताकि वह शुक्राणुओं को मादा के जननांग में भीतर तक फेंककर अंडाणुओं से मिला सके.
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अलग अलग तरह के मामले
डॉक्टरों के मुताबिक कुछ मामलों यह भी देखा गया है कि पार्टनर के साथ पहली बार संबंध बनाने के बाद कोई बड़ी समस्या नहीं हुई. लेकिन कई बार सेक्स करने के बाद एलर्जी के गंभीर लक्षण सामने आने लगे. हालांकि पहले एक दो बार संबंध बनाने के बाद कुछ समस्याएं होना आम है, क्योंकि दो शरीर नए नए संपर्क में आ रहे हैं. लेकिन अगर यह समस्या बनी रहे तो कुछ गड़बड़ है.
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बेहद जरूरी है सावधानी
ब्राजील के मामले का जिक्र करते हुए बॉन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ आलां कहते हैं, "पार्टनर को पता था कि उसकी गर्लफ्रेंड को मूंगफली से एलर्जी है, इसलिए उसने टूथपेस्ट से दांत साफ किए और हाथ भी धोए. लेकिन इसके बावजूद एलर्जी पैदा करने वाले तत्व वीर्य के जरिए महिला के शरीर में पहुंच गए." जननांगों के आस पास की त्वचा लाल हो गई, उसमें जलन होने लगी.
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भ्रम में डालने वाले लक्षण
वीर्य से होने वाली एलर्जी बहुत ही जटिल और भ्रम पैदा करने वाली भी होती है. आलां कहते हैं, "रोगियों ने ऐसे लक्षण भी बताए हैं जो एलर्जी से बिल्कुल भी मेल नहीं खाते. जैसे सिरदर्द, थकान, फ्लू जैसे लक्षण और ये वीर्य के संपर्क में आने के बाद दो दिन से लेकर हफ्ते भर तक बने रहते हैं."
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शर्म ने बिगाड़े हालात
इस पर बहुत ज्यादा शोध भी नहीं हुआ है क्योंकि महिलाएं डॉक्टर के सामने भी खुलकर बात करने में शर्माती हैं. दूसरी ओर डॉक्टर भी अक्सर इस रोग को पकड़ने के बजाए इनफेक्शन की दवा दे देते हैं.
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एलर्जी पहचानने के तरीके
स्किन एलर्जी टेस्ट, पीओआईएस में एलर्जिक रिक्शन टेस्ट के जरिये इसका पता लगाया जा सकता है. इन टेस्टों में पता चला है कि कई पुरुषों को अपने ही वीर्य के प्रोटीन से एलर्जी होती है. वैसे भी बार बार सर्दी, जुकाम, सांस आदि की परेशानी होने पर भी एलर्जी टेस्ट करवाना चाहिए. हमें पता होना चाहिए कि हमारा शरीर क्या खाने या क्या सूंघने से गड़बड़ाता है.
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एलर्जी विशेषज्ञ की अहमियत
विशेषज्ञों की सलाह है कि अगर सेक्स के बाद आपकी या आपके पाटर्नर की तबियत गड़बड़ाती है तो एलर्जी एक्सपर्ट से मिलें. सावधानी के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जा सकता है, हालांकि यह भी 100 फीसदी सुरक्षित नहीं है.
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स्पर्म एलर्जी से कैसे बचें
एलर्जिक रिएक्शन के बावजूद बच्चा चाहने वाले जो़ड़ों के पास तीन विकल्प हैं. आलां कहते हैं, अगर पूरे बदन के बजाए एक ही जगह पर एलर्जिक लक्षण हों तो "वे एलर्जिक रिक्शन कम करने वाले एंटीहिस्टेमाइंस ले सकते हैं. यह एलर्जिक रिएक्शन को कम करेगा."
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सावधानी ही सुरक्षा
दूसरा विकल्प है: कम से कम तीन दिन के अंतराल में सेक्स करना. शुरुआत में सेक्स के दौरान पार्टनर के जननांगों में कम से कम वीर्य छोड़ना. विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर तीन दिन नहीं रुके तो एलर्जी भड़केगी और अगर तीन दिन से ज्यादा देर कर दी तो एलर्जी टॉलरेंस पावर नष्ट हो जाएगी. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इलाज के जरिये ऐसा करना ज्यादा सरल और सुरक्षित है.
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लैब का रास्ता
संतान की चाह रखने वाले जोडो़ं के लिए तीसरा विकल्प है: लैब फर्टिलिटी के जरिये. इस प्रक्रिया में वीर्य से पीएसए निकाल दिया जाता है और फिर शुक्राणुओं को महिला के अंडाणु में डाला जाता है.
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पानी फायदेमंद
जब कभी जननांगों, पेट और गुर्दों में एलर्जिक रिएक्शन या फिर इनफेक्शन सा लगे, तो खूब पानी पीजिए. पानी शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को मूत्र के साथ बाहर कर देता है. जिन पुरुषों को प्रोस्टेट की समस्या हो, वे ऐसा न करें.
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साफ रहो, सुखी रहो
अच्छी सेहत में साफ सफाई बड़ी भूमिका निभाती है और यह बात सेक्स पर भी लागू होती है. शारीरिक संबंध बनाने से पहले, मुंह, हाथों और जननांगों की अच्छे से सफाई करना कई समस्याओं से बचा सकता है. सेक्स के बाद भी इनकी सफाई होनी चाहिए. बेहतर तो है कि नहाकर अंतवस्त्र भी बदले जाएं.