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बाप बेटे का रिश्ता है रा.वन

२ जून २०११

रा.वन दीवाली के मौके पर रिलीज होगी लेकिन फिल्म का प्रमोशन अभी से शुरू कर दिया है. इसी दौरान जब वह इंदौर पहुंचे, तो मीडिया को उनसे बातचीत का भी मौका मिला. क्या सोचते हैं शाहरुख फिल्म के बारे में.

अब सुपर हीरो नहीं...तस्वीर: webdunia

रा.वन रिलीज होने में लगभग पांच महीने बाकी है. अभी से इसका प्रचार शुरू करना क्या जल्दबाजी नहीं है?

इस फिल्म को लेकर कुछ भ्रांतियां हैं. कुछ लोग इसे ‍एनिमेशन फिल्म समझ रहे हैं तो कुछ विज्ञान फिल्म. यह दूर करना जरूरी है. साथ ही इस फिल्म के बारे में बात करने के लिए, दिखाने के लिए मेरे पास इतना कुछ है कि थोड़ा ज्यादा समय जरूरी है. हमने प्रचार की रण‍नीति बनाई है और इन चार-पांच महीनों में हम धीरे धीरे फिल्म के बारे में जानकारी देते रहेंगे.

फिल्म में विलेन के किरदार का नाम रा.वन है. विलेन के नाम पर फिल्म का नाम क्यों रखा गया?

सुपरहीरो की फिल्मों में विलेन भी दमदार होता है. कई बड़ी फिल्मों के विलेन जैसे गब्बर सिंह, मोगैम्बो के नाम हमें अब तक याद है. लोग विलेन के किरदार को भी पसंद करते हैं, इसलिए हमने विलेन के नाम को ही फिल्म का नाम बना दिया है. वैसे रा.वन का मतलब होता है रेंडम एक्सेस वर्जन वन. रावण से इसका कोई लेना देना नहीं है. मेरे किरदार का नाम है जी-वन, जो लोगों का जीवन बचाता है. जी फॉर गुड. इसे आप गुडवन भी कह सकते हैं. (हंसते हुए) मैं इंडस्ट्री में नंबर वन हूं इसलिए जी के साथ वन जोड़ दिया गया है.

क्या इसकी कहानी रोबोट से मिलती जुलती है?

ऐसा शायद इसलिए कहा जा रहा है कि रोबोट पहले मैं करने वाला था. रोबोट बेहतरीन फिल्म है, लेकिन रा.वन और रोबोट में कोई समानता नहीं है. आम तौर पर सुपरहीरो की कहानियां एक जैसी लगती हैं क्योंकि सुपरहीरो हवा में उड़ता है. उसमें अपार ताकत होती है. एक साथ कई लोगों को वह मार सकता है. मां-बेटे की कई कहानी हम परदे पर देख चुके हैं. रा.वन बाप बेटे के रिश्ते पर आधारित फिल्म है. इसमें एक्शन तो है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आप घृणा करने लग जाएं. एक्शन, स्पेशल इफेक्ट्स के साथ रोमांस भी है, नाच-गाना भी है और कॉमेडी भी है. साफ-सुथरी फिल्म है जो पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है.

इंदौर में शाह रूख खानतस्वीर: webdunia

क्या सुपरहीरो आपको भी पसंद है?

मैं तो बचपन से सुपरहीरो की कहानियां पढ़ रहा हूं. मैं चाहता हूं कि भारत में भी सुपरमैन, बैटमैन जैसी फिल्में बनें. लोग फिलहाल हॉलीवुड के सुपरहीरो ही देखना पसंद करते हैं. कृष और द्रोण जैसी फिल्में हमारे यहां बनी हैं और उसी कड़ी में रा.वन को बनाया गया है. 6 वर्ष पहले अनुभव‍सिन्हा ने मुझे रा.वन की कहानी सुनाई थी, लेकिन इतना पैसा लगाने की तब हिम्मत नहीं हुई.

आप शिखर पर हैं, क्या अब और कुछ पाना बाकी है?

मुझे ऐसा कुछ लगता ही नहीं कि मैंने कोई उपलब्धि हासिल की है. ये बात बनावटी नहीं है, दिल से कह रहा हूं. मुझे अजीब लगता है जब मुझे देखने के लिए भीड़ इकट्ठा हो जाती है. लोग मेरा नाम पुकारते हैं. ऑटोग्राफ लेते हैं. फोटो खींचते हैं. यह अच्छा भी लगता है. मुझे नहीं लगता कि अब मेरा कोई सपना बाकी है. हां, चाहता हूं कि लोगों का प्यार इसी तरह हमेशा मिलता रहे. वे ‍मेरी फिल्मों को सफल बनाते रहें. मैं भी अपनी ओर से इस दिशा में जी तोड़ मेहनत करता हूं.

आप किसे अपना आदर्श मानते हैं?

मेरे लिए आदर्श तो आम आदमी है. जो सुबह उठकर बस में धक्के खाता है. ऑफिस में खूब मेहनत करता है. उसके पास ज्यादा चीजें नहीं हैं, फिर भी चेहरे पर मुस्कान है. जबकि कई लोग ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी वे निराश रहते हैं.

क्या आप राजनीति में जाएंगे?

राजनीति फुलटाइम जॉब है. बहुत त्याग करना पड़ता है. अपने परिवार से दूर रहना पड़ता है. मैं इतना त्याग नहीं कर सकता हूं. नेता के बजाय अभिनेता बनकर ही खुश हूं. वैसे मैं जब भी कोई नेता से मिलता हूं इस तरह की अफवाहें फैलना शुरू हो जाती हैं. कोई नेता से क्यों नहीं पूछता कि क्या वह अभिनेता बनने जा रहा है. सोनियाजी, राहुलजी और अटलजी से मेरी मुलाकातें होती रही हैं और इन सभी की मैं बहुत इज्जत करता हूं.

प्रस्तुतिः समय ताम्रकार (वेबदुनिया)

संपादनः ए जमाल

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