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बारामुला से भारतीय सैनिकों की वापसी

१ जुलाई २००९

हिंसक प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत के बाद आज भारत ने बारामुला से अपने अर्धसैनिक बलों को वहां से हटा लिया है. इस प्रकार यह जम्मू-कश्मीर प्रदेश का पहला नगर होगा, जहां कानून व्यवस्था की ज़िम्मेदारी अब पुलिस की होगी.

प्रदर्शनों में आज़ादी की मांगतस्वीर: AP

भारत सरकार ने कश्मीर में नागरिक क्षेत्रों से सैन्य बलों को धीरे-धीरे हटाने की घोषणा की थी, लेकिन बारामुला के प्रदर्शन के बाद अब इस प्रक्रिया में तेज़ी लाई गई है. वहां पुलिस द्वारा एक मुस्लिम महिला के साथ दुर्व्यवहार के आरोप के बाद हिंसा भड़क उठी थी.

हिंसक घटनाओं में उल्लेखनीय कमी के बाद पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने शहरी इलाकों से सैन्य बल क्रमशः हटाने की घोषणा की थी. लेकिन 29 मई को 17 व 22 वर्ष की दो युवतियों की लाशें मिलने के बाद स्थिति बिगड़ गयी. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने दोनो लड़कियों का अपहरण करने के बाद उनके साथ बलात्कार किया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई. बुधवार को बारामुला और सोपोर नगरों में हज़ारों लोग आज़ादी और बदले के नारों के साथ सड़कों पर उतर पड़े. क्रुद्ध प्रदर्शनकारियों ने सेना की एक ऐम्बुलेंस व कई अन्य गाड़ियों को जला दिया. श्रीनगर से प्राप्त शुजात बुखारी की रिपोर्ट के अनुसार बारामुला में स्थिति तनावपूर्ण है. पुलिस ने आज प्रदर्शनकारियों को तितरबितर करने के लिए आंसू गैस का प्रयोग किया. कई लोग घायल हो गए.

इस बीच भारतीय अर्धसैनिक बलों द्वारा की गई कथित हत्याओं के विरोध में कश्मीर घाटी में आज दूसरे दिन भी हड़ताल रही. सभी स्थानों में हड़ताल का व्यापक प्रभाव देखा गया.

लेखक - एजेंसियां/ उभ

संपादन - राम यादव

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