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बार्सिलोना के कोच का इस्तीफा

२७ अप्रैल २०१२

चैंपियंस लीग में चेल्सी के हाथों मिली हार की गाज बार्सिलोना के कोच पेप गुआर्दिओला पर गिरी. टीम प्रंबधन ने उन्हें हटाने का फैसला किया. इसके बाद गुआर्दिओला ने प्रेस कांफ्रेस की और इस्तीफे का एलान किया.

तस्वीर: AP

2008-09 में बार्सिलोना की कमान संभालने वाले कोच ने क्लब से विदा लेने का एलान करते हुए कहा, "चार साल में हर दिन हमसे उम्मीदें बहुत ज्यादा रहीं. दवाब और खिलाड़ियों को अच्छे प्रदर्शन के लिए धकेलना लगा रहा. मैंने इसका आनंद उठाया. अब मुझे आराम करना चाहिए और फिर आगे बढ़ना चाहिए."

फुटबॉल जगत के धाकड़ कोचों में शुमार गुआर्दिओला ने बार्सिलोना को 13 ट्रॉफियां जिताईं. उनके कार्यकाल में टीम लगातार दो बार चैंपियंस लीग चैंपियन बनी. लेकिन इस बार बार्सिलोना चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में चूक गया. अप्रैल में क्लब स्पेनी फुटबॉल लीग ला लीगा में कट्टर प्रतिद्वंद्वी रियाल मैड्रिड से हारा. फिर चैंपियंस लीग में उसे इंग्लिश क्लब चेल्सी ने बाहर का रास्ता दिखाया. लियोनेल मेसी, खावी और पुयोल जैसे खिलाड़ियों के बावजूद टीम हार गई.

अचानक इस्तीफा देने के फैसले को सही बताते हुए कोच ने कहा, "वजह साफ है. चार साल बहुत लंबा कार्यकाल है और इसके बाद आपको जाना होता है. मुझे लगता है कि अगला व्यक्ति कुछ ऐसा कर पाएगा जिसे मैं नहीं कर सका." उनके सहायक टीटो विलानोवा अगले सत्र में टीम के कोच की भूमिका निभाएंगे.

चेल्सी के हाथों बार्सिलोना की हारतस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलरों में गिने जाने वाले लियोनल मेसी ने प्रेस कांफ्रेस में हिस्सा नहीं लिया. फेसबुक पर एक संदेश में मेसी ने कहा, "मैं तहेदिल से पेप का शुक्रिया अदा करता हूं. उन्होंने मुझे व्यक्तिगत और पेशेवर रूप में नई ऊंचाइयां दीं. भावुकता की वजह से मैंने प्रेस कांफ्रेस में नहीं जाने का फैसला किया. मैं प्रेस से दूर रहना चाहता हूं ताकि खिलाड़ियों के चेहरे पर छाए दुख को व्यक्त न होने दिया जाए."

41 साल के कोच ने कहा वह इस्तीफे का फैसला दिसंबर में ही ले चुके थे, लेकिन चैंपियंस लीग जैसे बड़े मुकाबले के चलते उन्होंने इसे टाला था.

पेप के इस्तीफे के साथ सर्वश्रेष्ठ कोच की खिताबी लड़ाई भी कुछ देर के लिए थम गई है. 2010 में पुर्तगाल के होसे मारिन्हो रियाल मैड्रिड की कोचिंग सीट पर बैठे. तब से ही पेप और उनके बीच मुकाबला चल रहा था. दोनों क्लबों के बीच बीते दो सत्रों में 11 मुकाबले हुए. हर मुकाबले के बाद शब्दबाण चले और अगले मैच में हिसाब बराबर करने वाले बयान भी आए.

अब अन्य क्लब पेप गुआर्दिओला पर नजरें गड़ाए बैठे हैं. वह चाहते हैं कि उनके किशोर प्रतिभाशाली फुटबॉलरों को यूरोपीय क्लब फुटबॉल के सबसे सफल कोच तराशे. पेप भी कह चुके हैं कि वह जल्दी या देर में फिर से फुटबॉल के मैदान पर कोच बनकर लौटेंगे. इस बात की संभावनाएं भी हैं कि वह फिर से अपने घर बार्सिलोना ही लौंटे.

रिपोर्ट: ओ सिंह/एपी

संपादन: ए जमाल

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