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बाली में बलशाली दिखने की होड़

१८ नवम्बर २०११

इंडोनेशिया के बाली में जारी आसियान और पूर्व एशिया सम्मेलन में बराक ओबामा, मनमोहन सिंह और वेन जियाबाओ अपने अपने तरीके से अंतरराष्ट्रीय प्रभाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं.

तस्वीर: AP

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को इंडोनेशिया में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की. आसियान और पूर्वी एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे दोनों नेताओं ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को आगे बढ़ाने के रास्तों पर बात की.

ओबामा की पिछले साल की "ऐतिहासिक" भारत यात्रा को याद करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, "पिछले एक साल में हमने हर दिशा में प्रगति की है. निवेश, व्यापार, उच्च शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग मजबूत हुआ है."

मनमोहन सिंह

नवंबर में ओबामा भारत की यात्रा पर आए थे. उसके बाद से दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात थी. शुक्रवार को ओबामा ने भी अपनी बात की शुरुआत उसी यात्रा को याद करते हुए की. उन्होंने कहा कि वह यात्रा असाधारण थी जिसमें दोनों पक्षों ने दोस्ताना और व्यापारिक संबंधों को नई मजबूती दी. उन्होंने कहा, "हम काफी मुद्दों पर प्रगति कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच का यह रिश्ता सिर्फ नेताओं के स्तर पर नहीं है, बल्कि निजी स्तर पर भी है. हमारे लिए यह एक शानदार मौका है जब हम न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर बल्कि कई स्तरों अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए काम कर सकते हैं." ओबामा ने खासतौर पर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और परमाणु अप्रसार का जिक्र किया. मनमोहन सिंह ने ओबामा से दोनों देशों के बीच हुए परमाणु समझौते को लागू करने के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की.

तस्वीर: AP

भारतीय प्रधानमंत्री ने चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से भी मुलाकात की. कुछ समय पहले ही दोनों देशों के बीच दक्षिणी चीन सागर के संसाधनों को लेकर शब्द युद्ध हुआ था. लेकिन शुक्रवार को दोनों नेता इस सहमति पर पहुंचे कि संबंधों की बेहतरी में काफी गुंजाइश है और इसके लिए काम करने की जरूरत है. सिंह ने वेन जियाबाओ से कहा कि भारत चीन के साथ बेहतरीन संबंध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "हम पड़ोसी हैं और एशिया की बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यस्थाएं भी. हमें न सिर्फ एक दूसरे के साथ बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सहयोग करना चाहिए." अपनी बात पर जोर देने के लिए मनमोहन सिंह पर्यावरण परिवर्तन की मिसाल दी. उन्होंने कहा कि भारत और चीन ने जब भी इस मुद्दे पर मिलकर काम किया है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं.

बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बाली में कई देशों के नेताओं से मुलाकात की. इस सिलसिले की शुरुआत उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री से ही की. उसके बाद उन्होंने फिलीपींस के राष्ट्रपति बेनिग्नो एक्विनो से मुलाकात की. ओबामा अमेरिकी कंपनी बोइंग के इंडोनेशियाई कंपनी से समझौता के दौरान भी मौजूद रहे. इंडोनेशिया की निजी कंपनी लायन एयर ने 230 विमानों का ऑर्डर दिया है. व्हाइट हाउस का कहना है कि यह ऑर्डर अमेरिका में दसियों हजार नौकरियां पैदा करेगा.

अमेरिका के राष्ट्रपति इस वक्त डांवाडोल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे हैं और उन्हें अगले साल चुनावों का सामना करना है. इसलिए वह अपने देश को अपनी कूटनीति के नतीजे दिखाने में जुटे हैं. यही काम उन्होंने बाली में भी किया.

वेन जियाबाओ

लेकिन चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ ने बाली का इस्तेमाल अपनी ताकत दिखाने के लिए किया है. उन्होंने छिपे शब्दों में अमेरिका समेत सभी देशों को चेतावनी दी कि वे चीन के मुद्दों में दखल न दें. इसका जिक्र हाल ही में विवाद में आए दक्षिण चीन सागर के संसाधनों को लेकर हुआ. वेन ने कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है. हालांकि वेन ने दूसरी तरफ नरमी जाहिर करते हुए कुछ दोस्त बनाने की भी कोशिश की. उन्होंने आसियान को दस अरब डॉलर के कर्ज की पेशकश के साथ कहा कि चीन सिर्फ दोस्त बनाना चाहता है.

दक्षिणी चीन सागर के बड़े हिस्से पर चीन दावा करता है. ऊर्जा संसाधनों से भरपूर इस इलाके में वियतनाम, फिलीपींस, ताईवान, मलयेशिया और ब्रुनई भी हिस्सेदारी चाहते हैं. ये देश अमेरिका और जापान की मदद से चीन पर हिस्सेदारी बांटने का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन चीन ने साफ कह दिया है कि यह चीन का मामला है और बाकी देश इसमें टांग न अड़ाएं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/पीटीआई/वी कुमार

संपादनः ओ सिंह

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