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बाल यौन शोषण पर नसबंदी

१९ मई २०१४

दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने बच्चों के यौन शोषण का दोषी पाए जाने वालों की जबरन नसबंदी का इरादा किया है. स्वास्थ्य मंत्री ने इसका प्रस्ताव पेश कर दिया है.

तस्वीर: Fotolia/pegbes

हाल के दिनों में इंडोनेशिया में बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले तेजी से बढ़े हैं. इसके बाद केमिकल का इस्तेमाल कर पुरुषों की नसबंदी पर विचार किया जा रहा है. हाल के दिनों में भारत और मलेशिया जैसे देशों में भी यह कदम उठाए जाने पर गंभीर बहस हो चुकी है. दक्षिण कोरिया में यह प्रस्ताव 2011 में ही पास हो चुका है. वह ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश है. इसके अलावा अमेरिका के कई राज्यों, पोलैंड, रूस, एस्तोनिया और कई दूसरे देशों में भी यह नियम लागू हो चुका है.

बाल शोषण के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: picture-alliance/ dpa

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुशीलो बामबांग युद्धयोनो के प्रवक्ता जूलियन पाशा ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्री नफसिया म्बोई ने बाल यौन शोषण करने वालों की केमिकल नसबंदी का प्रस्ताव रखा है लेकिन मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कह सकता क्योंकि मंत्रालय में इस पर चर्चा हो रही है." केमिकल नसबंदी वह प्रक्रिया है, जिसमें खास तरह का इंजेक्शन लगाया जाता है और इसके परिणामस्वरूप कुछ दिनों तक सेक्स लाइफ निष्क्रिय हो जाती है. इसमें ऑपरेशन नहीं किया जाता है.

राष्ट्रपति युद्धयोनो ने बाल यौन शोषण के कई मामले सामने आने के बाद मंत्रियों से इन पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा की है. पिछले महीने इंडोनेशिया की पुलिस ने जकार्ता इंटरनेशनल स्कूल में काम करने वाले कुछ चपरासियों को गिरफ्तार किया है, जिन पर छह साल के एक छात्र के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप है. इस महीने पुलिस ने एक व्यक्ति को पश्चिमी जावा में 100 से ज्यादा बच्चों के साथ अभद्रता करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक बच्चों के साथ सेक्स से जुड़े 102 अपराध हो चुके हैं, जबकि 2013 में ऐसे सिर्फ 980 मामले सामने आए थे. पुलिस का कहना है कि ज्यादातर मामलों की कोई रिपोर्ट ही नहीं करता.

एजेए/एमजे (रॉयटर्स)

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