अगर बच्चे हर रोज कम से कम दो घंटे बाहर सूरज की रोशनी में खेलते हैं, तो उनकी आंखें कमजोर होने से बच सकती हैं.
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आपके बच्चे अगर स्र्माटफोन पर घंटों समय बिताते हैं, वे गेम खेलते रहते हैं और कंप्यूटर या टैबलेट पर अधिक समय काम करते हैं, तो उनकी आंखों की रोशनी कमजोर पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. मगर चिंता छोड़िए और उन्हें खेलने के लिए बाहर भेजिए. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बच्चे हर रोज कम से कम दो घंटे बाहर सूरज की रोशनी में खेलते हैं, तो उनकी आंखें कमजोर होने से बच सकती हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार नजर कमजोर होने का भड़ा कारण है आंखों के लिए प्राकृतिक रोशनी की कमी. जब पास की नजर कमजोर होती है, तो उसे मायोपिया या फिर निकटदृष्टि दोष कहा जाता है. इस रोग में पास की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं. इसमें रोशनी आंख द्वारा अपवर्तन के बाद रेटिना के पहले ही प्रतिबिंब बना देता है, ना कि रेटिना पर. इस कारण दूर की वस्तुओं का प्रतिबिंब स्पष्ट नहीं बनता, वह आउट ऑफ फोकस रह जाता है और चींजें धुंधली दिखने लगती हैं.
आंखों का यू रखें खयाल
कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के युग में आंखों पर जोर बढ़ा है. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों की नजदीक में देखने की आदत के कारण आंखों पर ज्यादा जोर पड़ रहा है. आंखों की रक्षा के लिए सही खाना और एक्सरसाइज जरूरी है.
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स्वस्थ आंखें
दुनिया को देख सकना इंसान के जरूरी गुणों में शामिल है. स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ आंखें भी जरूरी हैं. शरीर के व्यायाम की तरह आंखों को भी व्यायाम कर सक्रिय रखा जा सकता है. आंखों का खराब होना दूसरी बीमारियों की ओर भी इशारा करता है.
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डॉक्टर के पास जाएं
हम दिन भर कंप्यूटर के मॉनिटर पर आंख गड़ाए रहते हैं, या स्मार्ट फोन पर. छोटी तस्वीरें देखते हैं और छोटे अक्षरों वाली रिपोर्ट पढ़ते हैं. लेकिन आंखों के डॉक्टर के पास जाने का समय हम नहीं निकाल पाते.
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छोटी मोटी एक्सरसाइज
डॉक्टर को तो नियमित रूप से दिखाएं ही, लेकिन नियमित रूप से छोटी मोटी एक्सरसाइज भी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि आंखों के आस पास के इलाके में नियमित रक्त प्रवाह जरूरी है.
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सूरज को न देखें
आंखों को मजबूत करने के लिए आंख बंद कर सूरज को निहारने की सलाह दी जाती है. अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचने के लिए ऐसा न करें. पराबैंगनी किरणों से बचने के लिए ऐसे सनग्लास लें जो उन्हें पूरी तरह रोक दें.
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खाने पर ध्यान
आंखों को फिट रखने के लिए खाने पर ध्यान देना भी जरूरी है. विटामिन ए और सी के अलावा लुटीन और बेटा कैरोटीन आंखों को दुरुस्त करते हैं. शकरकंद, पपीता और ब्लूबेरी भी फायदेमंद हैं.
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पर्याप्त आराम करें
आंखों की बेहतरी के लिए पर्याप्त आराम करना भी जरूरी है. अच्छी तरह सोना आंखों की थकी हुई मांशपेशियों को पूरी तरह आराम करने का मौका देता है. पूरे दिन छोटे छोटे ब्रेक लेकर भी आंखों को आराम दिया जा सकता है.
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आंखों को नम रखें
आंखों की नमी भी थकान कम करने में मदद देती है. अगर आंखें अक्सर सूखी और थकी रहती हैं तो नियमित रूप से आंखों को धोकर उन्हें नम रखें. आंखों पर पानी के छींटे मारे. आप तरोताजा महसूस करेंगे.
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आंखों को आराम दें
यदि आप घंटों कंप्यूटर पर काम करते हैं तो बीच बीच में आंखों को आराम दें. अपनी हथेलियों को रघड़ कर गर्मी पैदा करें और अंगुलियों को आंखों पर रखकर उन्हें थोड़ी सी गर्मी दें. आंखें आपका उपकार नहीं भूलेंगी.
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मीठे से परहेज
स्वास्थ्य के लिए जरूरी खाना आंखों को भी फायदा पहुंचाता है. मीठे खानों को छोड़कर ज्यादा फल और सब्जियां खाएं. हरी सब्जियां स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाती है. ज्यादा मीठा खाना आंखों को भी नुकसान पहुंचाता है.
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खीरे से लाभ
लंबे दिन के बाद घर लौटकर आंखों को थोड़ा आराम दें. बंद आंखों पर खीरे के टुकड़े रखने से उनमें ठंडक पहुंचती है और आंखों पर पड़ रहा दबाव कम होता है.
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लंदन में मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल में सलाहकार एनेग्रेट डाल्मान-नूर ने कहा, "इसमें मुख्य कारण सीधे तौर पर प्रत्यक्ष सूर्य के प्रकाश के संपर्क में कमी की संभावना है. जो बच्चे अधिक पढ़ते हैं, अधिक रूप से कंप्यूटर, स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं और जिन्हें बाहर खेलने-कूदने का कम अवसर मिलता है, उनमें यह कमी साफ नजर आती है." अभिभावकों के लिए बच्चों को इन उपकरणों के इस्तेमाल से रोकना बड़ा काम है. इसमें विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को जितना हो सके, उतने अधिक समय के लिए बाहर खेलने के लिए लेकर जाएं.
लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर क्रिस हेमंड ने कहा, "हमें पता है कि आज के समय में बच्चों के बीच निकटदृष्टि दोष की समस्या आम बात हो गई है." हेमंड आगे कहते हैं, "निकटदृष्टि दोष को रोकने का सही तरीका बाहर अधिक से अधिक समय बिताना है. इसमें दो घंटे बाहर बिताने से बच्चों में इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है."
इसके अलावा बच्चों को ओमेगा-3 की डाइट देना जरूरी है. साथ ही उन्हें विटामिन-ए, सी और ई की भी जरूरत होगी, जो उनकी आंखों के लिए अच्छे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों की नियमित रूप से आंखों की जांच भी मददगार साबित हो सकती है.
आईएएनएस/आईबी
आंखें मल मल कर देखेंगे, आंखों की ऐसी तस्वीरें
भले ही इसके पहले आपने कभी "वेलकम इमेज" अवार्ड के बारे में ना सुना हो, लेकिन लगातार 20 सालों से दिये जा रहे इस पुरस्कार को जीतने वाली इन तस्वीरों को देखने के बाद आप कभी नहीं भूल सकेंगे.
तस्वीर: Mark R Smith/Macroscopic Solutions
सूअर की आंखें
यहां आप एक मिनिएचर सूअर की आंखें देख रहे हैं. यह असल में उसका 3डी मॉडल है. इसे सीटी स्कैन और 3डी प्रिंटिंग के मेल से बनाया गया है. दाईं ओर का हिस्सा पुतली है और खून की नलियां तो साफ दिख ही रही हैं.
तस्वीर: Peter M Maloca/OCTlab at the University of Basel and Moorfields Eye Hospital, London; Christian Schwaller/Ruslan Hlushchuk, University of Bern; Sébastien Barré
युवा बॉबटेल
यह 33-35 मिलीमीटर लंबा जीव है "हवाईयन बॉबटेल स्क्विड" जो रात में कोरल रीफ के आस पास शिकार ढूंढता है और काली स्याही सी छोड़ता है. इसे सबसे ज्यादा पसंद है झींगा. दिन में यह बालू में छुपा रहता है.
तस्वीर: Mark R Smith/Macroscopic Solutions
गर्म रहने की जुगत
कबूतर की इस तस्वीर के लिए एक खास द्रव्य "ब्राइटवू" का इस्तेमाल हुआ है, जिसके कारण उसकी रक्त वाहिकाएं दिख रही हैं. पक्षी के शरीर को गर्म रखने के लिए ऐसी वाहिकाओं के जाल से ही थर्मोरेगुलेशन होता है.
तस्वीर: Scott Echols/Scarlet Imaging and the Grey Parrot Anatomy Project
'चिप पर दिमाग' प्रोजेक्ट
रिसर्चर सिंथेटिक जेल पर न्यूरॉन स्टेम सेल को उगाने की कोशिश कर रहे हैं. दो हफ्ते में ही बैंगनी रंग की स्टेम सेल से हरे रंग के नर्व फाइबर उग गए. ऐसे प्लास्टिक चिप पर अंग उगा कर उन्हीं पर नई दवाएं टेस्ट की जा सकेंगी.
तस्वीर: Collin Edington and Iris Lee/Koch Institute at MIT
इंद्रधनुषी प्लेसेंटा
चुहिया की गर्भनाल की यह तस्वीर लाइट माइक्रोस्कोपी से ली गई है. प्लेसेंटा के विकास को समझ कर रिसर्चर गर्भावस्था में आने वाली दिक्कतों का उपाय निकालना चाहते हैं. यहां कई चुहियों के प्लेसेंटा दिख रहे हैं.
तस्वीर: Suchita Nadkarni/William Harvey Research Institute, Queen Mary University of London
चूहे की नजर से
यह चूहे की रेटीना है, जिसमें नीली रक्त वाहिकाएं हैं. तस्वीर में लाल रंग में एस्ट्रोसिस्ट दिख रहा है, जो तंत्रिका तंत्र में काफी अहम है. यह एक तस्वीर असल में 400 छोटी तस्वीरों से मिलकर बनी है.
तस्वीर: Gabriel Luna/Neuroscience Research Institute/University of California, Santa Barbara
आइरिस का नजारा
यह "आइरिसक्लिप" की तस्वीर है, जिसे आंखों की असली आइरिस के सामने दो हुक से लगाया जाता है. यह पतला लेंस सिलिकॉन या एक्राइलिक से बना होता है और इससे निकट दृष्टि दोष का इलाज होता है.
तस्वीर: Mark Bartley/Cambridge University Hospitals NHS Foundation Trust
जगमगाती जेब्राफिश
छोटी लेकिन रिसर्चरों में लोकप्रिय जेब्राफिश के शरीर के कई सिस्टम इंसानों जैसे ही होते हैं. इसे ठीक से समझने के लिए रिसर्चरों ने जीन में हरा रंग डाला है, जो विशेष परिस्थिति में लाल रंग पैदा करती है. (रिचर्ड कॉनर/आरपी)
तस्वीर: Ingrid Lekk and Steve Wilson/University College London