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बिक रहा है आशीर्वाद

११ जून २०१३

जर्मनी में बहुत सारे लोग चर्च छोड़ रहे हैं. लेकिन फिर शादी के दौरान वे चाहते हैं कि पादरी ही हो. इस स्थिति में पादरी को किराए पर लेने का ट्रेंड है. रेंट ए पास्टर...

तस्वीर: Fotolia/Marco Scisetti

आंद्रेया अपनी शादी को भव्य तरीके से मनाना तो चाहती ही हैं, वह इसे खास और व्यक्तिगत भी बनाना चाहती थी. "भले ही हम रोज चर्च जाने वाले लोगों में शामिल नहीं हैं, लेकिन हम अपनी शादी एकदम पारंपरिक रूप से करना चाहते थे." फिर उन्होंने बात की मिकी वीसे से जो धर्मशास्त्री हैं और खुद को इवेंट पास्टर बताते हैं. वे ऐसे जोड़ों की शादियां करवाते हैं जो चर्च के सदस्य नहीं हैं.

ग्रे बालों की पोनी बांधे वीसे फ्रीलांस लेक्चरर हैं. लेकिन ये उनकी खासियत नहीं है. उनकी यूएसपी है कि वह अजीबो गरीब जगहों पर शादी करवाना पसंद करते हैं. उन्होंने विनयार्ड में, मार्केट और बागीचे में लोगों की शादियां करवाई हैं. अब वह मध्ययुगीन कैसल में शादी करवाने वाले हैं. शादी की इच्छा रखने वाले जोड़े उनकी वेबसाइट पर सब जानकारी हासिल कर सकते हैं.

गैर पारंपरिक से बहुसांस्कृतिक

रेंट ए पास्टर वेबसाइट पर जर्मनी में किसी भी धर्मशास्त्री को ढूंढा जा सकता है. यहां कई ऑफर हैं. वीसे के अलावा आप अपारंपरिक वक्ता को भी चुन सकते हैं जो कई टॉक शो में हिस्सा लेते हैं. या फिर ब्राजीलियाई पादरी जो कि मल्टीकल्चरल शादियां करवाते हैं. यहां सब उपलब्ध हैं. इस वेबसाइट पर करीब 20 वक्ता पंजीकृत हैं. खर्चा आता है प्रतिघंटा 50 यूरो यानी करीब तीन हजार रुपये. इन पादरियों को अंतिम संस्कार के लिए भी बुक किया जा सकता है.

इस पेज को सामुएल डीकमन ने शुरू किया था. वो खुद भी पादरी हैं और हेसन के फंडामेंटलिस्ट फ्री इवांजेलिकल चर्च से जुड़े हैं. उन्होंने यह आयडिया चार साल पहले शुरू किया था. शुरुआत में ये उन्होनें अपनी ही वेबसाइट पर शुरू किया ताकि थोड़े पैसे कमा सकें. लेकिन पिछले साल कुछ और साथियों ने भी इस काम से जुड़ने की इच्छा जाहिर की. फिर सामने आई रेंट ए पास्टर की वेबसाइट.

आदर्श हॉलीवुड

इस वेबसाइट पर आने वाले लोगों का चर्च से बहुत लेना देना नहीं होता लेकिन वह भगवान में विश्वास रखते हैं और इसलिए शादी के दौरान एक पादरी भी चाहते हैं. "फ्रीलांसर स्पीकरों की कमी नहीं है लेकिन लोगों को यह पता नहीं लग पाता कि इस चमक दमक के पीछे का आदमी कैसा है. इसलिए हम अपने प्रोफेशनल एथिक्स का विज्ञापन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं." डीकमन थीम वाली शादियों में जा चुके हैं. एक हिप्पी शादी में उन्होंने भी फूलों की माला पहनी थी. डीकमन के मुताबिक, "नए जोड़े की खुशी ही सब कुछ है."

रेंट ए पास्टर बनाने वाले सामुएल डीकमनतस्वीर: Samuel Diekmann

चर्च परिषद के फोल्कर लेनहेर्ट इस नए मार्केट को संदेह की नजर से देखते हैं. राइन नदी के आसपास के इलाकों में प्रोटेस्टेंट चर्च के धर्मशास्त्री हॉलीवुड को इस ट्रेंड का दोषी मानते हैं. "अच्छी बात यह है कि इन कार्यक्रमों में ईश्वर के प्रति आस्था बताई जाती है. यह चर्च के लिए अच्छा है लेकिन बुरी बात यह है कि यह गलत संदेश भी देती है, कि बिना सदस्य बने भी चर्च की सभी विधियां मिल जाएंगी. अगर सभी ऐसा करने लगेंगे तो इसका मतलब होगा चर्च का अंत."

कम होता चर्च

कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट चर्च को छोड़ने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. ईसाई स्कूलों में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और कई स्कैंडलों के कारण चर्च की सदस्य संख्या काफी कम हुई है. 2010 में 1,80,000 कैथोलिक और 1,45,000 प्रोटेस्टेंट ने चर्च छोड़ दिया. इसके बाद अब जर्मनी की 60 फीसदी से भी कम जनता चर्च की सदस्य है और 10 लाख लोग ईसाई चर्च छोड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं.

आस्था का विज्ञापन

रेंट ए पास्टर बनाने वाले सामुएल डीकमन इसे चर्च विरोधी नहीं मानते. बल्कि उनका विश्वास है कि इस कारण शायद कुछ लोग चर्च में लौट आएं. "अगर आपकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाए और आप ऑटोमोबाइल असोसिएशन के सदस्य नहीं हैं आप फिर भी उन्हें फोन कर सकते हैं और वो आपकी मदद के लिए आएंगे. दुर्घटना का शिकार हुए लोग जब इस अनुभव से गुजरते हैं तो लोग इसका सदस्य बनने के बारे में सोचने लगते हैं. डीकमन को यहां भी ऐसे ही असर की उम्मीद है. "अच्छे काम, दयालु व्यवहार, हास्य से हम कुछ लोगों को अपने प्रभाव में ले पाते हैं."

सरे आम शादीतस्वीर: picture-alliance/dpa

आंद्रेया की शादी में पादरी मिकी वीसे लोगों को पसंद आए. आंद्रेया की एक दोस्त भी अपनी शादी में वीसे को बुलाना चाहती है. वीसे कहते हैं, "मैं ऐसा नहीं कहना चाहता कि दूसरे पादरी ऐसा नहीं कर पाएंगे. लेकिन यह निश्चित ही अलग है जब आप इसे एक सर्विस के तौर पर दे रहे हैं और जब लोग आपको एक खास कार्यक्रम के लिए बुलाते हैं. यह बिलकुल अलग तरह की प्रतिबद्धता है.

चर्च से बाहर पादरी का शादी करवाना हिंदू परंपरा से थोड़ा अलग है क्योंकि भारत में शादी हमेशा ही मंदिर से बाहर होती है और शादी करने वाले पुरोहित को परिवार एक तरह से किराए पर ही लेते हैं. चर्च में किसी की शादी तब ही हो सकती है जब वह चर्च का सदस्य हो यानी सालाना चर्च के लिए व्यक्ति कर देता हो.

रिपोर्टः आभा मोंढे/श्टेफानी होएपनर

संपादनः मानसी गोपालकृष्णन

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