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बिजली की कमी से बेचैन पाकिस्तान हरकत में

२२ अप्रैल २०१२

बहुत जल्द पाकिस्तान भारत से 500 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए ठेका निकालेगा. पाकिस्तान की कैबिनेट से जल्दी ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है जिसके बाद ठेका जारी होगा. इधर उधर से ही सही पाकिस्तान बिजली के जुगाड़ में जुट गया है.

तस्वीर: AP

पाकिस्तान के जल और बिजली मंत्री काजी इम्तियाज अहमद ने तारीख तो नहीं बताई लेकिन कहा कि कैबिनेट की अगली बैठक में बिजली खरीदने की योजना को मंजूरी मिल जाएगी. सरकार इस सौदे से जुड़ी शर्तें, बिजली की दर जैसी चीजों को जल्द से जल्द तय कर लेना चाहती है जिससे कि जितनी जल्दी हो सके बिजली की सप्लाई पाकिस्तान को मिल सके. पाकिस्तानी मंत्री ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार से कहा है, "हम भारत की बिजली बेचने वाली कंपनियों को बहुत जल्द इस योजना को लागू करने के लिए बुलाएंगे." दोनों देशों ने औपचारिक समझौते पर दस्तखत के छह महीने के भीतर 45 किलोमीटर लंबी 220 केवी की क्षमता वाली लाइन बिछाने पर सहमति जताई है. यह समझौता पांच साल के लिए होगा जिसके बाद इसकी समीक्षा की जाएगी जिसके बाद पांच साल और के लिए इसे आगे बढ़ाने पर फैसला लिया जाएगा.

इससे अलग पाकिस्तान के पानी और बिजली मंत्रालय के अधिकारियों का एक दल इसी महीने के आखिर में ईऱान जा कर 1000 मेगावाट बिजली के आयात के लिए नियम और शर्तों पर बातचीत करेगा. इम्तियाज अहमद ने बताया, "इस्लामाबाद ने तेहरान से कहा है कि वो पाकिस्तानी दल के साथ बातचीत के लिए अप्रैल के आखिर से 10 मई के बीच कोई समय तय करे." ईरान ने कुछ समय पहले एक हजार मेगावाट बिजली पाकिस्तान को देने का प्रस्ताव दिया था. नौकरशाही की बाधाओं ने इस द्वीपक्षीय बातचीत में लंबा वक्त लगा दिया है. पाकिस्तान फिलहाल ईरान से बलूचिस्तान प्रांत के तटवर्ती शहर मकरान में 70 मेगावाट बिजली आयात करता है. ईरान अगले कुछ महीनों के भीतर ग्वादार में भी 100 मेगावाट बिजली निर्यात करने की तैयारी कर रहा है.

बिजली की कमी से भड़के लोगतस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान के बिजली और पानी मंत्री ने कहा कि ईरान के पास पहले से ही इसके लिए पैसा जमा करा दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी माना कि उनके देश की सरकार खुद अपने दम पर पर्याप्त बिजली पैदा करने में नाकाम रही है. मंत्रालय देश में बिजली पैदा करने वाली कंपनियों के बकाया 350 करोड़ रुपये का भुगतान करने में अब तक नाकाम रही है. इम्तियाज अहमद ने इसके लिए कई वजहें बताई, "पहले तो केंद्रीय सरकार ने 150 करोड़ की सब्सिडी का अब तक भुगतान नहीं किया. दूसरे हमारे लोग अब तक 150 करोड़ रुपये का बिल प्रमुख ग्राहकों से वसूल नहीं पाए."

बिजली मंत्री का कहना है कि पैसों की कमी होने का बावजूद सरकार को बड़ी परियोजनाओं को अगले पांच साल के भीतर पूरा करना होगा नहीं तो देश में बिजली की कमी 6000 मेगावाट तक चली जाएगी. सरकार अब तक भाषा डैम पर भी काम नहीं शुरू कर पाई है. इसके लिए जरूरी 11 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाने में सरकार नाकाम रही है. देश में बिजली की कमी एक बड़ी समस्या है जिसका असर लोगों के जीवन पर व्यापक रूप से महसूस किया जा सकता है.

एनआर/एएम(पीटीआई)

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