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नहीं निकला हल

३१ जनवरी २०१४

सीरियाई सरकार और विपक्ष के बीच जेनेवा में चल रही पहली शांति वार्ता बिना किसी हल के खत्म हो रही है. इसके छठे दिन दोनों पक्ष इस मुद्दे पर उलझ गए कि देश में तीन साल से जारी हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है.

Syrien Luftangriff der Syrischen Truppen auf Aleppo
तस्वीर: Reuters

Journal - The News Program on DW

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सीरिया सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत में अब तक हिंसा खत्म करने, अंतरिम सरकार लाने या सीरिया में जरूरतमंद लोगों को मानवीय राहत पहुंचाने पर ठोस नतीजा नहीं निकल पाया.

अंतिम दिन की बातचीत शुरू होने से पहले संयुक्त राष्ट्र की ओर से वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे लखदर ब्राहिमी ने बताया, "निसंदेह इस बात पर सहमति है कि आतंकवाद सीरिया के अंदर बहुत बड़ी समस्या है. लेकिन इस बात पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई कि इससे निपटा कैसे जाए."

बातचीत का दूसरा चरण फरवरी के पहले हफ्ते में आयोजित किए जाने की संभावना है. ब्राहिमी ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि जब हम वापस आएंगे तो हमारे पास बातचीत की बेहतर संरचना होगी."

सर्दी में परेशान सीरियाई शरणार्थीतस्वीर: AFP/Getty Images

उम्मीद बाकी

बातचीत का अब तक कोई हल न निकल पाने के बावजूद सीरिया सरकार और विपक्ष का पहली बार बातचीत के लिए साथ आना बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. मार्च 2011 से जबसे सीरिया में संकट की शुरुआत हुई है दोनों पक्षों को साथ में लाने की कई कोशिशें की गईं लेकिन इससे पहले सफलता नहीं मिल पाई. दूसरा चरण शुरू होने से पहले विपक्षी प्रमुख अहमद जरबा रूसी अधिकारियों से मुलाकात करेंगे. रूस को सीरिया सरकार के पक्के समर्थकों में गिना जाता है.

सीरिया में तीन साल से सरकार और विपक्ष के बीच जारी हिंसा में सवा लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और लाखों की संख्या में विस्थापित हो चुके हैं. जेनेवा बैठक के बारे में ब्राहिमी ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू की गई शांति प्रक्रिया की शुरुआत है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कहा, "खास बात यह है कि दोनों पक्ष एक ही कमरे में मिले." गुरुवार को छठे दिन बातचीत की शुरुआत सीरिया में मारे गए लोगों के लिए एक मिनट के मौन से हुई. लेकिन उसके बाद दोनों पक्ष इस बात के लिए उलझ पड़े कि मौन रखने का प्रस्ताव किसने पहले दिया.

बैठक में शामिल लोए साफीतस्वीर: Getty Images/AFP/Fabrice Coffrini

जारी मतभेद

सीरिया सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के सामने पेशकश रखी कि वे आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग पर रोक लगाने पर सहमति दें. इस खाके में यह भी कहा गया कि आतंकवादी संगठनों को देश से निकाल फेंकना हर सीरियाई का कर्तव्य और लक्ष्य होना चाहिए.

विपक्ष ने इस पर सहमति से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि यह एकतरफा है और स्वीकार नहीं किया जा सकता. विपक्षी प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता लोए साफी ने कहा कि इस खाके में सरकार द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध की बात को संबोधित नहीं किया गया. उन्होंने कहा यह चर्चा करना बेकार है कि अंतरिम सरकार बनाए बगैर हिंसा को कैसे काबू में किया जाए. उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार पूरे देश को दांव पर लगाकर नेता को बनाए रखना चाहती है."

2012 में जेनेवा सम्मेलन में अमेरिका और विश्व के अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों ने सीरिया में अंतरिम सरकार की साझा घोषणा को स्वीकृति दी थी. मौजूदा शांति वार्ता में भी संयुक्त राष्ट्र उसी मुद्दे पर जोर दे रहा है जबकि असद सरकार के प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि वे असद को हटाने के बारे में बात नहीं करना चाहते.

इसी बीच गुरुवार को मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने ऐसी तस्वीरें जारी कीं, जिनमें असद सरकार को सीरिया में हजारों घरों को विध्वंस के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग भी सीरिया में सरकार के हाथों युद्ध अपराध के सबूत मिलने की बात कह चुका है.

एसएफ/एजेए (एएफपी)

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