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बिन लादेन के दस्तावेज जारी होंगे

१ मई २०१२

ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के एक साल बाद एबटाबाद के उसके घर से बरामद कुछ दस्तावेज जारी होंगे. आखिरी दिनों में बिन लादेन लगातार नाकामी से परेशान था. कुछ दिनों में ये सबूत इंटरनेट पर उपलब्ध हो जाएंगे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अमेरिका में आतंकवाद निरोधक इकाई के जॉन ब्रेनन ने कहा, "हमने वहां से जो दस्तावेज बरामद किए हैं, उसमें उसने कबूल किया है कि उसके संगठन को लगातार नाकामी मिल रही है." ब्रेनन ने बताया कि अमेरिकी हमलों में अल कायदा के नेता मारे जा रहे थे और उनकी जगह नए लोगों की भर्ती में उसे परेशानी आ रही थी.

अमेरिका का दावा है कि स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि अल कायदा का नेतृत्व संगठन का नाम ही बदल देने के बारे में विचार कर रहा था. ब्रेनन ने कहा, "उसके शीर्ष नेता जिस तेजी से मारे गए, उसके बाद अल कायदा को काफी परेशानी हुई." उन्होंने कहा, "ओसामा बिन लादेन के घर से जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं, उनमें हमें इस तरह की जानकारी मिली है. इनमें से कुछ दस्तावेजों को वेस्ट प्वाइंट कॉम्बैटिंग टेरोरिज्म सेंटर ऑनलाइन डालने वाला है."

उन्होंने बताया कि अनुभवी लड़ाकों के मारे जाने के बाद अल कायदा गलतियां कर रहा था. उन्होंने दस्तावेजों के हवाले से कहा, "निचले स्तर के नेताओं को ऊपर बिठाना पड़ रहा था. उनके पास अनुभव नहीं था और वे गलतियां कर रहे थे."

कायदा की टूटी कमर

अमेरिका ने हाल के कुछ सालों में पाकिस्तान के कुछ इलाकों में ड्रोन हमले तेज किए हैं. ब्रेनन का दावा है कि इसकी वजह से भी अल कायदा की कमर टूट गई. उन्होंने बताया कि चरमपंथियों और अल कायदा सदस्यों को हमलों के डर से उन इलाकों को छोड़ना पड़ा और वे ऐसी जगहों पर जाने लगे जहां उन्हें हमले का खतरा न हो. उन्होंने कहा, "अल कायदा बुरी तरह हार रहा था और बिन लादेन को इस बात की जानकारी थी."

तस्वीर: dapd

इस बीच अमेरिकी चुनाव में ओसामा बिन लादेन का मुद्दा और सिर चढ़ कर बोलने लगा है. मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रतिद्वंद्वी बन कर उभरते रिपब्लिकन पार्टी के मिट रोमनी धीरे धीरे अल कायदा के पूर्व प्रमुख बिन लादेन पर जुबानी जमा खर्च तेज कर रहे हैं.

रोमनी पर ताना

राष्ट्रपति ओबामा ने मिट रोमनी के उस बयान पर फिर ताना कसा है कि क्या वह भी ऐसा ही फैसला करते, जैसा उन्होंने किया. ओबामा ने व्हाइट हाउस में कहा, "मैंने चुनाव प्रचार में कहा था कि मैं ओसामा बिन लादेन का पता करूंगा और हमने मौका मिलने पर वैसा ही किया. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने पहले कुछ और कहा था और अब कुछ और कह रहे हैं. तो मैं कहूंगा कि वे जो चाहते हैं, कहते रहें."

ओबामा ने रोमनी का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर रिपब्लकिन पार्टी के उम्मीदवार की ही तरफ था. साल 2007 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रोमनी ने कहा था कि किसी दूसरे देश के अंदर घुस कर हमला करना ठीक नहीं होगा, "राष्ट्रपति पद के लिए लड़ रहे किसी शख्स के लिए यह ठीक नहीं होगा कि वह टीवी पर जाकर कहे कि वह एकतरफा कार्रवाई करते हुए किसी दूसरे देश में घुसेगा."

हाल ही में रोमनी ने पाला बदलते हुए कहा है कि वह भी वही करते, जो ओबामा ने एबटाबाद में किया. ओबामा का कहना है कि वह किसी पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे लेकिन चाहते हैं कि जो भी शख्स कुछ कहे, वह अपनी बात रखे. उन्होंने कहा कि कम से कम वह तो ऐसा ही करते हैं.

एजेए/एमजे (एपी, एएफपी)

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