बिन हम्माम की जांच बंद
१४ दिसम्बर २०१२पिछले ही हफ्ते फीफा के नैतिकता आयोग ने बिन हम्माम के खिलाफ अंतरिम प्रतिबंध को बढ़ा दिया था. अब ब्रिटिश प्रेस एसोशिएसन ने कहा है कि 63 वर्षीय बिन हम्माम को दंड नहीं दिया जा सकता क्योंकि नैतिकता आयोग के सामने फुटबॉल अधिकारियों को रिश्वत देने का कोई प्रमाण मौजूद नहीं है.
एशियाई फुटबॉल कन्फेडरेशन एएफसी के पूर्व अध्यक्ष पर आरोप है कि उन्होंने इस बीच इस्तीफा दे चुके त्रिनिडाड के फुटबॉल अधिकारी जैक वार्नर के साथ मिलकर मई 2011 में कैरिबिक फुटबॉल यूनियन की बैठक में फीफा के अध्यक्ष चुनावों के लिए वोट खरीदे. उन पर अधिकारियों को भूरे लिफाफे में 40,000 डॉलर देने का आरोप है.
इसके एक महीने बाद फीफा के चुनाव हुए जिसमें बिन हम्माम जेप ब्लाटर को चुनौती दे रहे थे. लेकिन आरोप लगने के बाद उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और चुनाव से तीन दिन पहले ही उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया. बिन हम्माम इन आरोपों से इंकार करते रहे हैं. उन्हें इस बीच अनियमितताओं के आरोप में एएफसी से भी निलम्बित कर दिया गया है.
इससे पहले फीफा द्वारा बिन हम्माम पर लगाया गया विश्वव्यापी प्रतिबंध इस साल जुलाई में अंतरराष्ट्रीय खेल अदालत सीएएस ने सबूतों के अभाव में उठा लिया था. अदालत के इस फैसले के बाद फीफा के विवादास्पद अध्यक्ष जेप ब्लाटर ने नए सबूत खोजने के लिए नैतिकता आयोग का गठन किया और उन पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया.
फीफा ने अब तक जांच बंद किए जाने की औपचारिक घोषणा नहीं की. एक हफ्ते पहले उसने कहा था कि नैतिकता आयोग के जांच चैंबर के प्रमुख माइकल गार्सिया ने जांच पूरी कर ली है और फाइलों को जर्मनी के हंस योआखिम एकर्ट को भेज दिया है जो आयोग के न्यायिक चैंबर के प्रमुख हैं. अंतिम फैसले तक बिन हम्माम पर लगे अंतरिम प्रतिबंध को बढ़ा दिया गया है.
एमजे/एमजी (एसआईडी, रॉयटर्स)