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"बीएसएफ के बेरहम जवानों को सजा मिले"

३१ जनवरी २०१२

बेरहमी से एक बांग्लादेशी नागरिक को मारने वाले भारतीय सीमा सुरक्षा बल के जवानों को सजा दी जानी चाहिए. ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक भारत को यह संदेश देना चाहिए कि मानवाधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

तस्वीर: AP

इंटरनेट पर इन दिनों एक वीडियो चल रहा है. इसमें भारत के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का बेरहम चेहरा दिख रहा है. आरोप है कि बीएसएफ की 105 बटालियन के जवानों ने जानवरों की तस्करी के आरोप में एक बांग्लादेशी युवक को पकड़ा. आरोप है कि भारतीय जवानों ने युवक को पुलिस को सौंपने के बजाए यातनाएं दी. उसे नंगा किया गया और फिर हाथ पैर बांध कर उसकी जघन्य ढंग से पिटाई की. उसे यौन यातनाएं दी गई. उसके गुप्तांग में छड़ी डाल दी. बेरहम जवानों ने मनोरंजन के लिए इस घिनौनी हरकत का वीडियो भी बनाया.

ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली कहती हैं, "वीडियो के दिल दहला देने वाले दृश्यों से वह बात साफ है, जो सामाजिक संगठन काफी पहले से कहते हैं. भारत के सीमा सुरक्षा बल नियंत्रण से बाहर हैं."

भारत पर आरोप

मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली संस्था ने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि वह जान बूझकर आंखें मूंदे बैठी हैं. ह्यूमन राइट्स वॉच की तरफ से जारी बयान में गांगुली ने कहा, "भारत सरकार बॉर्डर पर दी जाने वाली यातानाओं और वहां होने वाली हत्याओं के बारे में अच्छे से वाकिफ है. लेकिन उसने इसके लिए जिम्मेदार सुरक्षाकर्मियों पर कभी मुकदमा नहीं चलाया. यह वीडियो इस बात का साफ उदाहरण है कि सुरक्षा बल भारत के कानून से ऊपर हैं."

दिसंबर 2010 में भी ह्यूमन राइट्स वॉच और कोलकाता के गैर सरकारी संगठन ने बीएसएफ की यातनाओं का वीडियो जारी किया. वीडियो में बीएसएफ का बर्बर चेहरा दिखाया गया. आरोप लगे कि सुरक्षाकर्मी सीमा पर रहने वाले भारत और बांग्लादेश के लोगों के साथ आए दिन दुर्व्यव्हार करते हैं. यह भी कहा गया कि भारत सरकार इन मामलों में कुछ नहीं कर रही है. उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत सरकार ने आदेश दिए कि सुरक्षा बल आत्मरक्षा के मौके पर ही सख्त कदम उठाएंगे. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संसद में प्रिवेंशन ऑफ टॉर्चर बिल लाया गया लेकिन वह ठंडे बस्ते में पड़ा है.

तस्वीर: DW

वीडियो से विवाद

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि दिसंबर 2011 का वीडियो सामने आने के बाद साफ हो गया है कि बीएसएफ के जवान सीमा पर जंगलराज चला रहे हैं. बीएसएफ ने आरोपी आठ जवानों निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं. लेकिन आरोप है कि साफ सबूत होने के बावजूद अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.

इस घटना ने बांग्लादेश के लोगों में भारी गुस्सा पैदा किया है. बांग्लादेश में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर बहस हो रही है. कुछ कट्टरपंथी जैसे को तैसा की सलाह भी दे रहे हैं. जानकारों का कहना है कि भारत और बांग्लादेश के संबंध हाल के सालों में सुधरे हैं लेकिन ऐसी हरकतें आम लोगों में नफरत भरने के लिए काफी हैं. इस बात का अहसास न बीएसएफ को तो कतई नहीं है. भारत सरकार को भी बांग्लादेश में उबाल लेती भावनाओं के अंजाम का अंदाजा नहीं है.

रिपोर्टः ओंकार सिंह जनौटी

संपादनः अनवर जे अशरफ

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