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बीजिंग और दिल्ली का गला घोंटता स्मॉग

३० नवम्बर २०१५

पेरिस में जलवायु सम्मेलन में ग्लोबल वॉर्मिंग को रोकने के प्रयास हो रहे हैं तो दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन और भारत की राजधानियां जहरीले धुंए में ढकी है. दोनों ही देशों के नेता पेरिस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं.

तस्वीर: Reuters/Stringer

Climate change threatens island nation

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चीन की राजधानी बीजिंग में सोमवार को प्रदूषण का केसरिया स्तर लागू किया गया है जो खतरे का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है. इसके तहत हाईवे को बंद कर दिया गया है, निर्माण कार्य रोक दिया गया है और निवासियों को घर के अंदर रहने को कहा गया है. अधिकारियों ने फैक्टरियों को उत्पादन घटाने या रोक देने की भी सलाह दी है. पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय का कहना है कि स्मॉग की वजह प्रतिकूल मौसम है. जाड़ों में उत्तरी चीन में कार्बन का उत्सर्जन बहुत बढ़ जाता है क्योंकि ठंड की वजह से लोग हीटिंग सिस्टम चलाने लगते हैं हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषित हवा रुकी रहती है.

जहरीले धुंए से रक्षातस्वीर: Getty Images/K. Frayer

खतरनाक हवा

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के मोनिटरिंग स्टेशन के अनुसार हवा की क्वालिटी का स्तर 372 है जो खतरनाक के दर्जे में आता है. घने स्मॉग ने शहर को ढक रखा है और दृश्यता गिरकर 200 मीटर ही रह गई है. 1.6 करोड़ आबादी वाले शहर में सर्दियों में हवा की क्वालिटी आम तौर पर खराब रहती है क्योंकि ठंड से बचने के लिए धनी लोग हीटर चलाते हैं तो गरीब लकड़ी जलाते हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक हवा की क्वालिटी पर कोई चेतावनी नहीं दी है और न ही लोगों को कोई सलाह दी है. प्रदूषण के उच्च स्तर के बावजूद वीकएंड में तीस हजार लोगों ने एक हाफ मैराथन में हिस्सा लिया. सवा दो करोड़ आबादी वाले बीजिंग में कुछ हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 तक पहुंच गया था जो उच्चतम संभव इंडेक्स है. सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार इंडेक्स के 300 से ज्यादा होने पर लोगों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है.

स्मॉग में ढकी दिल्ली की सड़कतस्वीर: imago/Hindustan Times

दुनिया के दो सर्वाधिक आबादी वाले देशों की राजधानियों में सांस लेने वाली हवा का बुरा स्तर एक ओर विकास को जारी रखने और दूसरी ओर कोयले से चलने वाले बिजली घरों का प्रदूषण कम करने की इन देशों की सरकारों की चुनौती दिखाता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में हैं और पर्यावरण वार्ताओं की सफलता के लिए वे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सहित प्रमुख नेताओं से बात कर रहे हैं. ओबामा ने पर्यावरण सुरक्षा के क्षेत्र में अमेरिका और चीन के सहयोग के अप्रत्याशित स्तर की सराहना करते हुए कहा है, “दो बड़े कार्बन उत्सर्जक के रूप में हम दोनों ने ही तय किया है कि कार्रवाई करना हमारी जिम्मेदारी है.”

पेरिस में ओबामा और शी जिनपिंगतस्वीर: Reuters/K. Lamarque

जन्म पर वृक्षारोपण

भारतीय प्रधानमंत्री ने सोमवार को फाइनैंशियल टाइम्स में एक लेख में लिखा है, "हमारी संस्कृति की सहज वृत्ति है विकास का टिकाऊ रास्ता अपनाना. जब बच्चा पैदा होता है तो हम एक पेड़ लगाते हैं. आदिकाल से हमने इंसानियत को प्रकृति के हिस्से के रूप में देखा है, प्रकृति से श्रेष्ठ नहीं." बीजिंग के निवासियों के लिए खराब हवा का मतलब है सांस लेने में कठिनाई. 26 वर्षीय आर्किटेक्ट झांग हेंग कहते हैं, "इस तरह का मौसम, आप देख सकते हैं कि पूरा बीजिंग स्मॉग में ढका है, और सुबह उठने पर हर सांस के साथ आपका गला खासकर असहज महसूस करता है."

ग्लोबल वॉर्मिंग रोकने की मांगतस्वीर: Reuters/J.-P. Pelissier

चीन के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि भारी प्रदूषण से प्रभावित शहरों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है और प्रदूषण ने 530,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया है. यह इलाका स्पेन जैसे देश के क्षेत्रफल के बराबर है. शानदोंग प्रांत में एक्सप्रेस वे पर 200 टॉल गेटों को बंद कर दिया गया है और पीला अलर्ट जारी कर दिया गया है. चीन ने पिछले साल बीजिंग और आस पास के इलाकों में स्मॉग के संकट के बाद प्रदूषण के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी. उसने बिजली बनाने के लिए कोयले की खपत कम करने और ज्यादा प्रदूषण करने वाली फैक्टरियों को बंद करने का वादा किया है.

एमजे/एसएफ (रॉयटर्स)

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