म्यूनिख का अक्टूबर फेस्ट दुनिया भर में अपनी बीयर, प्रेत्सेल कहे जाने वाले खास ब्रेड और चमड़े वाली हाफ पेटों के लिए जाना जाता है. लेकिन महिलाओं से बदसलूकी और यौन उत्पीड़न भी इस फेस्टिवल का एक कड़वा सच है.
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म्यूनिख के इस विश्व प्रसिद्ध बीयर फेस्टिवल में स्थानीय जर्मन ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के लोग पहुंचते हैं. खाने के स्टॉल और बीयर परोसने वाले टेंटों के सामने लंबी कतारें लगी रहती हैं. सबकी एक ही ख्वाहिश होती है कि सर्द रात में टेंट के भीतर कोई आरामदायक सी गर्म जगह मिल जाए.
लेकिन इस साल एक बीयर टेंट में हुई लड़ाई में एक व्यक्ति की जान चली गई. ऐसे में, जब हमने वहां मौजूद लोगों से और खासकर महिलाओं से पूछा कि क्या वे सुरक्षित महसूस करती हैं, तो वे पुलिसकर्मियों और अन्य सुरक्षा कर्मियों की भारी तैनाती की तारीफ करने लगीं. जब हमने पूछा कि क्या एक महिला के तौर पर वह अक्टूबर फेस्ट में खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं तो वे चुप हो गईं.
इस साल अब तक म्यूनिख की पुलिस ने अक्टूबर फेस्ट के दौरान यौन हिंसा के 21 मामले दर्ज किए हैं जिनमें यौन उत्पीड़न, यौन हमले और बलात्कार के मामले भी शामिल हैं.
जर्मनी ही नहीं, पूरी दुनिया मना रही है बीयर महोत्सव
जर्मनी के बवेरिया प्रांत में मनाया जाने वाला बीयर महोत्सव अब पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है. एशिया, अमेरिका समेत ऑस्ट्रेलिया के कई इलाकों में मनाया जाता आ रहा है. डालते हैं एक नजर दुनिया के खास बीयर महोत्सव पर.
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म्यूनिख, जर्मनी
जर्मनी के म्यूनिख शहर में मनाया जाने वाला बीयर महोत्सव, अक्टूबरफेस्ट के नाम से जाना जाता है. 16 सितंबर से शुरू हुए इस महोत्सव की शुरुआत यहां के मेयर ने परंपरागत नारे "ओ'साफ्ट इस" से की. इसका अर्थ है नलका लग गया. पिछले साल इस बीयर महोत्सव में तकरीबन 56 लाख लोगों ने शिरकत की थी
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चिंगदाओ, चीन
चीन के शानडोंग प्रांत के चिंगदाओ शहर में मनाये जाने वाले इंटरनेशनल बीयर फेस्टिवल में शामिल होने दुनिया भर से हर साल हजारों लोग पहुंचते हैं. इस महोत्सव में जाने वाले लोगों के पास 200 से भी अधिक तरह की बीयर गटकने का मौका होता है.
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किचनर-वाटरलू, कनाडा
कनाडा के ओंटारियो प्रांत में साल 1969 से किचनर और वाटरलू शहर संयुक्त रूप से अक्टूबरफेस्ट का आयोजन करते आ रहे हैं. यहां आने वाले लोगों को बीयर के साथ-साथ, यहां होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलता है.
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मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
मेलबर्न ने अपनी पहली अक्टूबरफेस्ट परेड का आयोजन इसी साल 16 सितंबर को किया. इस मौके पर 50 से भी अधिक प्रतिभागियों ने जर्मनी के बवेरिया क्षेत्र की पारंपरिक पोशाकें पहन कर स्थानीय परेड में हिस्सा लिया.
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हेलेन, अमेरिका
जॉर्जिया के ब्लू रिज पहाड़ों में स्थित हेलेन शहर में रहने वाले स्थानीय लोग 1970 से हर साल यहां बीयर महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं. एक पारंपरिक बवेरियन शहर के रंग में रंगा हेलेन शहर हर साल लाखों लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
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ब्लूमेनाऊ, ब्राजील
दक्षिणी ब्राजील के छोटे से शहर को देखकर यह विश्वास करना मुश्किल हो सकता है कि क्या यह वाकई दक्षिण अमेरिका ही है. जर्मन प्रवासियों द्वारा 1850 में बसाये गये इस शहर ने अब तक अपने बवेरियन तौर-तरीकों को जीवित रखा है. इस पूरे महाद्वीप में सबसे बड़ा और रोचक अक्टूबरफेस्ट यहां ही मनाया जाता है.
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एल केजोन, अमेरिका
सैन डिएगो के निकट एल केजोन के निवासी ब्रैटवुर्स्ट, आलू की सलाद और जर्मन बीयर के साथ अपने ही अंदाज में अक्टूबरफेस्ट का आनंद लेते हैं. यहां आने वालों के लिए जर्मन बैंड की व्यवस्था होती है जो पारंपरिक बवेरियन म्यूजिक से लोगों का मनोरंजन करते हैं. (एलेक्जेंडर पियरसन)
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अक्टूबर फेस्ट के पहले दिन 22 सितंबर को पुलिस ने म्यूनिख के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिस पर फिनलैंड से आई एक महिला का बलात्कार करने का आरोप है. इसके कुछ दिन बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने 43 साल की एक महिला की स्कर्ट में हाथ डाल दिया. जब महिला ने इसका विरोध किया, तो उस व्यक्ति ने एक लीटर बीयर महिला के मुंह पर फेंक दी.
पुलिस ने आधा फेस्टिवल बीत जाने के बाद जारी अपनी "हाफटाइम" रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कम मामले सामने आए हैं, लेकिन हाल के कुछ सालों में अक्टूबर फेस्ट के दौरान यौन हमलों और उत्पीड़न के मामले बढ़े हैं.
बीयर की परंपरा
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वर्ष 2017 में फेस्टिवल के दौरान यौन उत्पीड़न के कुल 67 मामले दर्ज किए गए जो 2016 में दर्ज 34 मामलों की तुलना में लगभग दोगुने थे. अधिकारी मामलों में वृद्धि की एक वजह जर्मनी में यौन अपराधों से जुड़े कानून में हो रहे बदलवों को भी मानते हैं, जिसमें अब अनुचित तरीके से छूने और अन्य तरह से परेशान करने को भी यौन उत्पीड़न के दायरे में रखा गया है. यह बदलाव 2016 के अक्टूबर फेस्ट खत्म होने के बाद किए गए थे.
कई महिलाओं ने डीडब्ल्यू से बातचीत में कहा कि उन्होंने निजी रूप से कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया है लेकिन वे बीयर टेंट में इसे पार्टी के माहौल का हिस्सा मानती हैं.
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एल्कोहल अब्यूज एंड एल्कोहलिज्म के शोध में कहा गया है कि यौन हमलों के आधे मामले नशे की हालत में होते हैं. पीने के बाद व्यक्ति के व्यवहार को नियंत्रित करना पुरुष का नहीं, बल्कि महिलाओं का काम माना जाता है. उनसे कहा जाता है कि खुद को बचाना उनका काम है.
27 साल की कारमैन कहती हैं, "आप शराब को जिम्मेदार ठहराते हैं और अनदेखा करने की कोशिश करते हैं. लेकिन आप यह बात मानकर ही चलिए कि ऐसा होगा ही, खास कर जैसे जैसे रात होती है."
फेस्ट में महिलाओं और लड़कियों के लिए एक सिक्योरिटी पॉइंट भी बनाया गया है, जिसे ढूंढना ही काफी मशक्कत का काम है. इस पॉइंट पर अकसर ऐसी महिलाएं दिखती हैं जो अपने ग्रुप से बिछड़ गई हैं और उन्हें मदद की जरूरत है. लेकिन ऐसी पांच महिलाएं भी यहां पहुंचीं जिन्हें यौन हिंसा का सामना करना पड़ा.
अक्टूबर फेस्ट में आई 27 साल की ईसाबेला कहती हैं कि ज्यादातर महिलाएं अपने साथ बदसलूकी होने पर पुलिस या टेंट में तैनात सुरक्षाकर्मियों को इसकी जानकारी नहीं देती हैं. वे इस तरह की बातों को अनदेखा करना ही बेहतर समझती हैं.
शराब की हकीकत: 7 बातें
ऐसी रिसर्चों और दलीलों की कोई कमी नहीं है जिनमें कम मात्रा में शराब के सेवन को सेहत के लिए अच्छा और कई बार लंबी उम्र का कारण भी बताया गया है. एक नया सर्वे कई लोगों को भाने वाली इस मान्यता को खारिज कर रहा है.
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ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी रिपोर्ट बताती है कि शराब के फायदों के बारे में पहले कई दावे बढ़ाचढ़ा कर किए गए थे. ज्यादा शराब पीने का 200 से भी अधिक बीमारियों से संबंध है. रोज केवल एक या दो ड्रिंक लेने वालों को होने वाले फायदे की रिपोर्टों पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उन स्टडीज में कम शराब पीने वालों की तुलना ज्यादा पीने वालों से की गई थी, ना कि शराब बिल्कुल ना पीने वालों से.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में हर साल होने वाली कुल मौतों में से करीब 6 फीसदी का कारण शराब है. रूस और बेलारूस जैसे पूर्वी यूरोपीय देश शराब की खपत के मामले में दुनिया के टॉप पांच देशों में हैं. बेलारूस का एक नागरिक औसतन साल में 17.5 लीटर शुद्ध एल्कोहल पी जाता है जबकि रूस में ये औसत करीब 15.1 लीटर पाया गया.
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जर्मनी को बीयर प्रेमी देश माना जाता है. यहां साल में प्रति व्यक्ति औसतन 11.8 लीटर शराब पी जाती है, जबकि ब्रिटेन का औसत 11.6 लीटर है. उत्तरी अमेरिका और एशिया के मुकाबले यूरोपीय देश बहुत आगे हैं.
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माना जाता है कि एशिया में खपत कम होने का एक कारण ये भी हो सकता है कि कुछ एशियाई समुदायों में एल्कोहल को पचाने में मदद करने वाले एंजाइम ही नहीं होते.
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महिलाओं के शरीर में पुरुषों के मुकाबले बॉडी वॉटर कम होता है जिसके कारण एल्कोहल पूरे शरीर में ज्यादा आसानी से फैल जाता है. डॉक्टर बताते हैं कि महिलाओं में पानी से ज्यादा वसा का भार होता है इसलिए उनमें एल्कोहल कम जगह में ज्यादा सान्द्रता में पाया जाता है.
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चीन और भारत जैसे विकासशील देशों में शराब की खपत लगातार बढ़ रही है. बढ़ते मध्यवर्ग के लोग अब महंगी विदेशी शराब भी काफी खरीदने लगे हैं, जैसे जर्मन बीयर या फ्रेंच वाइन.
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उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई देशों में लोग काफी कम शराब पीते हैं. पाकिस्तान, कुवैत और लीबिया जैसे देशों में साल की औसत खपत मात्र 0.1 लीटर के आसपास है.