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बीसीसीआई से झगड़ा नहीं हुआः आईसीसी

५ मार्च २०११

क्रिकेट में रिव्यू सिस्टम को लेकर धोनी के बयान पर मचे बवाल के बाद आईसीसी ने मामला ठंडा करने की कोशिश की है. संगठन का कहना है कि इसकी वजह से बीसीसीआई से उसकी तकरार नहीं हुई है. धोनी को आईसीसी अधिकारी ने कानून बताया था.

तस्वीर: picture-alliance/empics

आईसीसी के सीईओ हारून लोर्गाट ने चेन्नई में इस बात की सफाई दी कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल का दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड से किसी तरह का झगड़ा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "बिलकुल कुछ नहीं हुआ है."

लोर्गाट का कहना है, "बीसीसीआई के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं. हमें इस बात को मानना चाहिए कि किसी मुद्दे को लेकर हमारे बीच मतभेद हो सकता है लेकिन इतने परिपक्व हैं कि साथ में काम कर सकते हैं."

हारून लोर्गाटतस्वीर: AP

भारतीय क्रिकेट बोर्ड और इसके खिलाड़ी अंपायर रिव्यू सिस्टम (यूडीआरएस) का विरोध करते हैं. उनका कहना है कि यह पूरी तरह सही नहीं है. इंग्लैंड के साथ हुए मैच में युवराज सिंह की गेंद पर इंग्लिश खिलाड़ी इयान बेल आउट थे लेकिन यूडीआरएस में नियम कायदे की वजह से उन्हें आउट नहीं दिया गया. इसके बाद बेल ने अच्छा खासा स्कोर किया और मैच टाई हो गया.

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तब मैच के बाद इस नियम का विरोध किया था, जिसके बाद आईसीसी के आला अधिकारी डेव रिचर्डसन ने कैप्टन इंडिया को कानून पढ़ाते हुए कहा था कि धोनी को ऐसे बयान देने से पहले नियम कायदों का पता रखना चाहिए.

भारतीय क्रिकेट बोर्ड रिचर्डसन के इस बयान से आगबबूला हो गया और बीसीसीआई ने आईसीसी प्रमुख हारून लोर्गाट को चिट्ठी लिख कर कहा था कि रिचर्डसन को अपनी सीमा में रहने के लिए कहा जाए और आइंदा वे ऐसे बयान न दें.

आईसीसी ने इस चिट्ठी पर अफसोस जताते हुए कहा कि इसमें ज्यादातर बातें गलत रिपोर्ट को आधार बना कर लिखी गई हैं. हालांकि खुद आईसीसी भी मानता है कि यह सिस्टम पूरी तरह सही नहीं है.

लोर्गाट का कहना है, "मैं समझता हूं कि इस पर काम किया जा रहा है. हम तकनीक के साथ साथ इसे बेहतर करने के लिए काम करते रहेंगे. हमें पता है कि सिर्फ सीमित हॉटस्पॉट (कैमरे से ली गई तस्वीरें) की संभावना है."

आईसीसी प्रमुख लोर्गाट ने धोनी को भी सलाह दी कि उन्हें अंपायर के फैसले का सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह बात साफ है कि यूडीआरएस की मदद से या उसके बगैर अगर अंपायर आपको आउट दे रहा है तो यह अंपायर का फैसला है. सभी खिलाड़ियों को उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए."

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एस गौड़

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