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बुंडेसलीगा: संकट में बर्लिन

७ मई २०१२

ड्युसेलडॉर्फ की दूसरी फुटबॉल टीम ने बुंडेसलीगा में खेलने का सपना बरकरार रखा है. अब उसे बर्लिन के हैर्था क्लब से 'करो या मरो' मैच खेलना है. इ मैचों में जो जीतेगा वही सिकंदर कहलाएगा और अगले सत्र में बुंडेसलीगा में खेलेगा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

फौर्टूना ड्युसेलडॉर्फ 15 साल बाद एक बार फिर बुंडेसलीगा में खेलने का सपना देख रहा है. टीम के कोच नॉर्बर्ट मायर ने कहा कि यह थोड़ा अद्भुत सा है. एमएसवी डुइसबुर्ग के खिलाफ 2-2 का मैच सेकंड लीग में तीसरे स्थान पर पहुंचने के लिए काफी था. लीग की पहली दो टीमें सीधे बुंडेसलीगा में पहुंचती हैं जबकि तीसरे स्थान वाली टीम को बुंडेसलीगा में 16वें स्थान पर आई टीम के साथ 'करो या मरो' का मुकाबला खेलना होता है. बुंडेसलीगा की 17वें और 18वें नंबर पर रही टीमें सीधे सेकंड लीग में चली जाती है.

कोच मायर ने कहा, "जब कोई 34 मैचों के बाद तीसरे स्थान पर रहता है तो उसे बोनस मैचों का भी हक है." अब बोनस में ड्युसेलडॉर्फ और बर्लिन की टीमें दो मैच खेलेंगी. पहला मैच बर्लिन में गुरुवार को होगा जबकि दूसरा मैच 15 मई को ड्युसेलडॉर्फ में खेला जाएगा.

हैर्था बर्लिनतस्वीर: picture-alliance/dpa

इस मैच को लेकर खिलाड़ियों में काफी उत्साह है. लोगों में लोकप्रिय आंद्रेयास लाम्बैर्त्स कहते हैं, "अगर हम यह कारनामा कर दिखाते हैं, तो इसका कोई जवाब नहीं होगा." उनके साथी साशा रोएसलर को भी भरोसा है कि टीम यह कारनामा करने में सक्षम है, "अब हमारे कंधों से बोझ उतर गया है. बर्लिन के खिलाफ हमारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है."

फौर्टूना को यह मौका डुइसबुर्ग से हारने पर नहीं मिलता. इसलिए दोनों टीमों के मैच में लोगों की काफी दिलचस्पी थी. नर्वस खिलाड़ियों ने 51,000 दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में अपने पड़ोसियों का मुकाबला किया. 0-1 से पिछड़ने के बावजूद खिलाड़ियों ने संयम दिखाया और अंतिम नतीजा 2-2 रहा.

फौर्टूना के मैनेजर वोल्फ वैर्नर ने खिलाड़ियों को आने वाले मैचों के लिए चेतावनी दे दी है. "हैर्था फेवरिट है. वहां हमें आज के उलट बेहतर प्रदर्शन करना होगा." फौर्टूना को सिर्फ अपने खेल का फायदा नहीं मिला, उसे पाडरबॉर्न की हार का भी लाभ मिला. अंतिम राउंड से पहले दोनों के समान प्वाइंट थे, लेकिन इस हार के बाद पाडरबॉर्न पिछड़ गया.

राजधानी बर्लिन की जर्मनी की प्रीमियर लीग में खेलने वाली अकेली टीम के लिए अब रेलेगेशन मैच लीग में बने रहने का एकमात्र मौका होगा. उसके खिलाड़ियों को बेहतरीन मैच खेलने का अनुभव है. यह अनुभव ड्युसेलडॉर्फ के खिलाफ उनके काम आ सकता है, लेकिन नई उपलब्धियों के जोश में भरे ड्युसेलडॉर्फ के खिलाड़ियों को नजरअंदाज करना उचित नहीं होगा.

एमजे/ओएसजे (डीपीए)

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