बुद्धदेव को फिर सत्ता में आने का भरोसा
२३ मार्च २०११पश्चिम बंगाल में इस बार सत्ता परिवर्तन की अटकलों के बीच भट्टाचार्य वाम मोर्चे के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा, "राजनीति सीधे गणित से नहीं चलती है जहां दो और दो चार ही होते हैं." हाल के कई चुनावों में वाम मोर्चा को हार झेलनी पड़ी है. जब भट्टाचार्य से पूछा गया कि वह किस आधार पर विधानसभा चुनावों में आसानी से बहुमत हासिल करने की बात कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, "आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि जिन लोगों ने लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में हमारे खिलाफ वोट दिया, वे अपना मन बदल चुके हैं."
भट्टाचार्य का दावा है कि चुनाव में कोई सरकार विरोधी लहर नहीं है. उन्होंने पिछले चुनावों का हवाला दिया जिनमें वाम मोर्चा सरकार विरोधी लहर से सफलतापूर्वक निपटी है. उन्होंने कहा कि भले ही इस बात को बहुत तूल दिया जा रहा है लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने की कोई संभावना नहीं है. उनके मुताबिक, "हम जानते थे कि उतार चढ़ाव के बावजूद उनका गठबंधन होगा और हमने उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनाई है.
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों को राज्य में सत्ता परिवर्तन का एक बड़ा अवसर मान रही हैं. इसीलिए टूट के कगार पर जाते गठबंधन को दोनों पार्टियां बचाने में कामयाब रही हैं. सीटों के बंटवारे पर विवाद के बीच कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दिया था लेकिन एन वक्त पर दोनों पार्टियों के केंद्रीय नेतृत्व ने मिल कर चुनाव लड़ने का फैसला किया. कांग्रेस अब राज्य में 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि तृणमूल कांग्रेस 229 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार