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बृहस्पति के चंद्रमा पर समंदर मिला

१३ मार्च २०१५

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि बृहस्पति ग्रह के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर एक भूमिगत समंदर है. इसके कारण वहां भी जीवन के लिए उपयुक्त माहौल होने की उम्मीद जगी है.

Jupiter-Monde Montage
तस्वीर: NASA/JPL/DLR

हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के सबसे बड़े चंद्रमा गैनीमेडे पर वैज्ञानिकों को एक भूमिगत समुद्र होने के साक्ष्य मिले हैं. नासा के रिसर्चरों का दावा है कि इस समंदर में धरती से भी ज्यादा पानी है. हमारे सौर मंडल में जीवन की तलाश करने की दिशा में इस पिंड पर और शोध किए जाने की जरूरत है.

वैज्ञानिकों ने बताया है कि हबल स्पेस टेलीस्कोप से इस पर ऑरोरे दिखाई दिए हैं. ऑरोरे से सतह के नीचे पानी के मौजूद होने के सबूत मिलते हैं. बृहस्पति ग्रह का चंद्रमा, गैनीमेडे, हमारे पूरे सौर मंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा है.

1995 में बृहस्पति पर उतरे गैलीलियो नामके स्पेसक्राफ्ट को गैनीमेडे पर संभावित चुम्बकीय क्षेत्र के संकेत भी मिले थे. अब हबल दूरबीन के ऑरोरे में आने वाले बदलावों से चुम्बकीय क्षेत्र की पुष्टि भी हो चुकी है. जर्मनी की कोलोन यूनिवर्सिटी के योआखिम जाउर का कहना है, "1970 के दशक से ही इस तरह की अटकलें और परिकल्पनाएं रही हैं कि गैनीमेडे पर समंदर हो सकता है. अब इस पर संदेह नहीं रहा."

बृहस्पति ग्रह की सतह को दिखाती एक तस्वीरतस्वीर: picture-alliance/dpa/NASA

नासा ने ऑरोरे का वर्णन करते हुए इन्हें ऐसे "जगमगाते, गर्म इलेक्ट्रिफाइड गैसों के फीते" जैसा बताया है, जो चंद्रमा के उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर दिख सकते हैं. चूंकि किसी ऑरोरे का नियंत्रण या तो चंद्रमा या फिर किसी ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र से होता है इसीलिए इनमें दिखने वाले बदलावों से उस जगह के बारे में बहुत कुछ समझा जा सकता है.

गैनीमेडे के समुद्र के तापमान या गहराई के बारे में अभी पता नहीं है. वैज्ञानिकों का अनुमान कि यह धरती के समुद्रों से कम से कम 10 गुना गहरा होगा और लगभग 150 किलोमीटर मोटी बर्फीली सतह के नीचे दबा होगा. बृहस्पति एक विशालकाय पिंड है, जो मुख्यत: हाइड्रोजन और हीलियम से बना है.

यूरोपीय स्पेस एजेंसी 2022 में बृहस्पति ग्रह के लिए एक मिशन लॉन्च करना चाहती है. इसमें आठ सालों तक ग्रह का चक्कर लगाने और इसके तीनों बड़े चंद्रमाओं को भी पास से जानने की कोशिश की जाएगी. नासा इस मिशन के लिए रडार का निर्माण कर रहा है जिससे इन चंद्रमाओं की बर्फीली सतह को भेदकर उसके भीतर छुपी चीजों के बारे में जाना जा सके.

आरआर/ओएसजे (एपी, एएफपी)

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