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बेंगलुरु में एप्पल की फैक्ट्री में हिंसा क्यों हुई?

१४ दिसम्बर २०२०

एप्पल ने कहा है कि शनिवार को बेंगलुरु में उसकी फैक्ट्री में जो हिंसा हुई उसकी जांच चल रही है. फैक्टरी एप्पल के ताइवानी कांट्रेक्टर कंपनी विस्ट्रोन की है, जहां करीब 15,000 लोग काम करते हैं.

Rückseite Smartphone iPhone 6
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/J. Arriens

आईफोन बनाने वाली फैक्टरी में शनिवार 12 दिसंबर को हिंसा वेतन को लेकर श्रमिकों के बीच असंतोष की वजह से हुई. एप्पल ने कहा है कि वो विस्ट्रोन के खिलाफ सप्प्लायरों के दिशा निर्देशों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रही है. लेकिन इस बीच सरकारी अधिकारियों ने हिंसा में शामिल श्रमिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी शुरु कर दी है. अभी तक 100 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

सोशल मीडिया पर देखी गई हिंसा की वीडियो फुटेज में लोहे के डंडों से फोड़े हुए शीशे के पैनल और पलटी हुआ गाड़ियों को देखा जा सकता है. सीसीटीवी कैमरों, पंखों और लाइटों को खींच कर निकाल लिया गया था और एक गाड़ी को आग भी लगा दी गई थी.

वेतन नहीं मिलने की शिकायत

स्थानीय मीडिया में आई खबरों के अनुसार फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों का कहना है कि उन्हें चार महीनों से वेतन नहीं मिला है और उसके ऊपर से अतिरिक्त शिफ्टों में काम करने के लिए भी कहा जा रहा था. स्थानीय पुलिस ने एएफपी को बताया, "स्थिति अब नियंत्रण में है. हमने मामले की जांच के लिए विशेष टीमें बनाई हैं." पुलिस ने यह भी बताया कि हिंसा में कोई भी घायल नहीं हुआ.

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायण ने हिंसा को 'अनियंत्रित' बताया और कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि स्थिति जल्द से जल्द शांत हो जाए. उन्होंने शनिवार को एक ट्वीट में यह भी कहा था कि वो यह भी "सुनिश्चित करेंगे कि सभी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा हो और उनका बकाया वेतन उन्हें मिल जाए."

हिंसा के बाद विस्ट्रोन ने यह भी कहा कि फैक्ट्री से कई आईफोन भी चोरी हो गए हैं और कंपनी का कुल 440 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/K. Cheung

बाहरी लोगों ने की तोड़फोड़: विस्ट्रोन

ताइवान में विस्ट्रोन ने एएफपी को बताया कि "हादसे के पीछे बाहर से आए अज्ञात लोग थे जो फैक्टरी परिसर में घुस आए और अस्पष्ट इरादों से वहां तोड़-फोड़ की. कंपनी ने चीनी भाषा में जारी किए गए अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि वह "स्थानीय श्रम कानूनों और दूसरे नियमों का पालन करने का प्रण लेती है." हिंसा के बाद विस्ट्रोन ने यह भी कहा कि फैक्ट्री से कई आईफोन भी चोरी हो गए हैं और कंपनी का कुल 440 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 

स्थानीय मजदूर नेता सत्यानंद ने बताया कि फैक्टरी में श्रमिकों का काफी "क्रूर" तरीके से शोषण किया जाता था. सत्यानंद ने द हिन्दू अखबार को बताया, "राज्य सरकार ने कंपनी को श्रमिकों के मूलभूत अधिकारों का हनन करने की इजाजत दी हुई है." स्थानीय मीडिया के अनुसार फैक्टरी में करीब 15,000 श्रमिक काम करते हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर स्टाफिंग कंपनियों के जरिये अनुबंध पर लिए जाते हैं.

सीके/एमजे (एएफपी)

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