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बेगुनाही साबित करेंगे होएनेस

५ नवम्बर २०१३

जर्मन क्लब बायर्न म्युनिख के अध्यक्ष उली होएनेस ने वचन दिया है कि वह अपनी बेगुनाही का सबूत दे देंगे. उन पर लाखों यूरो की रकम टैक्स अधिकारियों से बचा कर स्विस बैंक के खाते मे डालने का आरोप है.

तस्वीर: Reuters/Michaela Rehle

म्यूनिख की अदालत ने सोमवार को कहा कि वह मामले की सुनवाई करने को तैयार है. कोर्ट की कार्यवाही अगले साल 10 मार्च को शुरू होगी. टैक्स से जुड़े मामलों में गोपनीयता की कानूनी जरूरतों के कारण आरोपों का पूरा ब्योरा नहीं दिया जा सकता. आरोप सीधे सुनवाई के वक्त ही कोर्ट में पढ़ कर सुनाए जाएंगे.

बार्यन म्यूनिख के मुखिया होएनेस का कहना है कि वह अथक रूप से काम कर कोर्ट को यह यकीन दिला देंगे कि टैक्स चोरी के आरोपों में वह पूरी तरह बेकसूर हैं. 61 साल के होएनेस ने पत्रकारों से कहा, "मैं अगले चार महीनों में कड़ी मेहनत कर यह सुनिश्चित करूंगा कि हमारी दलीलें कोर्ट को भरोसा दिला सकें. मैं हैरान हूं 17 जनवरी से मेरे बदले हुए रिटर्न्स को अधिकारियों ने स्वीकार नहीं किया." होएनेस का यह भी कहना है कि बायर्न के समर्थकों का उन्हें पूरा सहयोग मिला है. होएनेस के मुताबिक, "हर मुलाकात में आप यह महसूस कर सकते हैं कि सुपरवाइजरी बोर्ड और फैन्स का सौ फीसदी समर्थन मेरे साथ है. लोग मेरे साथ हैं और मुझे बड़ी संख्या में खत मिल रहे हैं. मैंने निजी तौर पर कुछ गलती की है और निजी रूप से ही उनके जवाब भी दूंगा. मैं नहीं मानता कि बायर्न के लिए मेरा काम इससे प्रभावित होगा."

तस्वीर: Getty Images/AFP

होएनेस चाहे जो कहें लेकिन सुनवाई का एलान होने के बाद इस बात की पूरी संभावना है कि आखिरकार उन्हें बायर्न के मुखिया का पद छोड़ना होगा. अपने कार्यकाल में उन्होंने बायर्न को यूरोपीय फुटबॉल का पावरहाउस बना दिया है. बायर्न पिछले पांच सालों में चौथी बार चैम्पियंस लीग फाइनल में पहुंचने की राह पर है. होएनसे ने बावेरियाई क्लब के साथ खिलाड़ी, टीम मैनेजर और अध्यक्ष के रूप में 40 साल से ज्यादा गुजारे हैं. 2009 से वह इस क्लब के अध्यक्ष हैं. बहुत आलोचनाएं हुईं तो मई में होएनेस ने इस्तीफा देने का प्रस्ताव रखा जिसे क्लब के सुपरवाइजरी बोर्ड ने खारिज कर दिया.

क्लब की तरफ सोमवार को जारी बयान में फिर कहा गया है कि "आपसी सहमति से" होएनेस पद पर बने रहेंगे. कानूनी विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र जांच के बाद बोर्ड को सलाह दी गई है कि उन्होंने कानूनी नजरिए से होएनेस से पद छोड़ने का आग्रह करने की जरूरत नहीं है.

अभियोजकों ने होएनेस के खिलाफ आरोप कई महीनों की हाई प्रोफाइल जांच के बाद लगाए, जिसके बाद जर्मन फुटबॉल और राजनीति में खूब हंगामा मचा. स्विस खाते में उनके नाम जमा रकम पर टैक्स न देने के मामले में जांच के बाद होएनेस को 20 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में उन्हें 50 लाख यूरो की जमानत पर रिहा कर दिया गया. इसी साल अप्रैल में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में होएनेस ने माना कि स्विस बैंकों के गोपनीयता कानूनों के कारण से उन्होंने लाखों यूरो जर्मन टैक्स अधिकारियों की नजर से बचाए. होएनेस का कहना है कि जमा न किए टैक्स के बारे में सबसे पहले वह खुद अधिकारियों को जानकारी देने गए. उन्हें उम्मीद थी कि जर्मनी और स्विटजरलैंड के बीच टैक्स समझौते की वजह से वह मामले को एक बार में टैक्स देकर बिना हो हल्ले से सुलझा लेंगे. इधर जर्मनी के विपक्षी दल ने इस उपाय को इस आधार पर खारिज कर दिया कि इससे टैक्स चोरों को एक तरह से माफी मिल जाएगी जो आपराधिक है. एसपीडी फिलहाल चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी के साथ इस मामले में समझौता करने की कोशिश में हैं.

एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)

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