पाकिस्तान में सम्मान के नाम पर अपनी बेटी को जिंदा जलाने वाली महिला को मौत की सजा सुनाई गई. भाई को भी उम्रकैद.
विज्ञापन
लाहौर की अदालत में पेश हुई परवीन बीबी ने कहा कि उसने अपनी बेटी को इसलिये मारा क्योंकि उसने "परिवार को शर्मिंदा" किया. परवीन के बेटे अनीस रफीक को हत्या और साजिश रचने का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
जीनत ने जून 2016 में अपने प्रेमी हसन खान से भागकर शादी कर ली थी. जीनत का परिवार इससे नाराज था. हसन खान के मुताबिक कुछ दिन बाद जीनत के परिवार ने वादा किया कि वे शादी का जश्न मनाएंगे. इसी वादे के सहारे वो जीनत को घर वापस लेकर गए. हसन खान कहते हैं, "घर में उसे इतना पीटा गया कि उसकी नाक और मुंह से खून बहने लगा." लेकिन जब जीनत नहीं मानी तो परवीन बीबी ने मिट्टी तेल झिड़ककर बेटी को जला दिया.
बीते साल ऐसे कई मामले सामने आने के बाद पाकिस्तान में "ऑनर किलिंग" के खिलाफ नया कानून बनाया गया. एंटी "ऑनर किलिंग" लॉ के तहत दोषी माफी के हकदार नहीं होंगे. पहले परिवार के माफ करने और संस्कृति व पवित्रता के नाम पर हत्यारों की रिहाई हो जाती थी. लेकिन अब हत्या के दोषी को कम से कम 25 साल की सजा काटनी होगी.
पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के मुताबिक 2016 के पहले छह महीनों में देश भर में सम्मान के नाम पर 300 महिलाओं की हत्या की गई. 2015 की वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक भेदभाव के मामले में पाकिस्तान 145 देशों की सूची में 144 वें स्थान पर है.
(देखिये किन किन देशों में महिलाओं के खिलाफ कुछ अजीबोगरीब कानून हैं)
महिलाओं के खिलाफ अजीबोगरीब कानून
महिलाओं के खिलाफ दुनिया भर से आने वाली शोषण और अत्याचार की खबरें आम हैं. कई देशों में महिलाओं के खिलाफ ऐसे कानून हैं जो उनके मानवाधिकारों का गला घोंटते दिखते हैं...
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Romain Fellen
शादीशुदा महिला का बलात्कार
दिल्ली में 2012 के निर्भया कांड के बाद दुनिया भर में भारत की थूथू हुई. लेकिन एक साल बाद ही कानून में एक नई धारा जोड़ी गई जिसके मुताबिक अगर पत्नी 15 साल से ज्यादा उम्र की है तो महिला के साथ उसके पति द्वारा यौनकर्म को बलात्कार नहीं माना जाएगा. सिंगापुर में यदि लड़की की उम्र 13 साल से ज्यादा है तो उसके साथ शादीशुदा संबंध में हुआ यौनकर्म बलात्कार नहीं माना जाता.
तस्वीर: AP
अगवा कर शादी
माल्टा और लेबनान में अगर लड़की को अगवा करने वाला उससे शादी कर लेता है तो उसका अपराध खारिज हो जाता है, यानि उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा. अगर शादी फैसला आने के बाद होती है तो तुरंत सजा माफ हो जाएगी. शर्त है कि तलाक पांच साल से पहले ना हो वरना सजा फिर से लागू हो सकती है. ऐसे कानून पहले कोस्टा रीका, इथियोपिया और पेरू जैसे देशों में भी होते थे जिन्हें पिछले दशकों में बदल दिया गया.
तस्वीर: SHAH MARAI/AFP/Getty Images
सुधारने के लिए पीटना सही
नाइजीरिया में अगर कोई पति अपनी पत्नी को उसकी 'गलती सुधारने' के लिए पीटता है तो इसमें कोई गैरकानूनी बात नहीं मानी जाती. पति की घरेलू हिंसा को वैसे ही माफ कर देते हैं जैसे माता पिता या स्कूल मास्टर बच्चों को सुधारने के लिए मारते पीटते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/PIXSELL/Puklavec
ड्राइविंग की अनुमति नहीं
सऊदी अरब में महिलाओं का गाड़ी चलाना गैरकानूनी है. महिलाओं को सऊदी में ड्राइविंग लाइसेंस ही नहीं दिया जाता. दिसंबर में दो महिलाओं को गाड़ी चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन पर मुकदमा चलाया गया. इस घटना के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संस्थानों ने आवाज भी उठाई.
तस्वीर: Reuters
पत्नी का कत्ल भी माफ
मिस्र के कानून के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को किसी और मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखता है और गुस्से में उसका कत्ल कर देता है, तो इस हत्या को उतना बड़ा अपराध नहीं माना जाएगा. ऐसे पुरुष को हिरासत में लिया जा सकता है लेकिन हत्या के अपराध के लिए आमतौर पर होने वाली 20 साल तक के सश्रम कारावास की सजा नहीं दी जाती.