मलेशिया के एक शख्स पर अपनी बेटी का 600 से ज्यादा बार यौन उत्पीड़न करने आरोप लगे हैं. अगर ये आरोप सच साबित होते हैं तो उसे 12,000 सालों के कैद की सजा हो सकती है.
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गुरुवार को मलेशिया के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. कोर्ट के अधिकारियों को 36 साल के इस तलाकशुदा व्यक्ति के खिलाफ लगे 626 आरोपों को केवल पढ़ने में ही दो दिन लगे. गुरुवार दोपहर को यह काम पूरा हुआ. इन मामलों में 15 साल की लड़की के साथ अप्राकृतिक यौनाचार के 599 मामले हैं. इनके अलावा कई आरोप सगे संबंधियों के साथ यौनाचार संपर्क, बलात्कार और यौन अपराध के हैं. अदालत में आरोपों को सुनाये जाने वक्त चश्मा पहने हुए ये शख्स भूरे रंग की टीशर्ट और नीले रंग की पैंट में चुपचाप खड़ा रहा. उसने इन सारे आरोपों से इनकार किया है और अब उस पर मुकदमा चलेगा.
बच्चों को यौन दुर्व्यवहार से बचाएं
बाल दिवस यानि 14 नवंबर 2012 को भारत में लागू हुए पॉक्सो (POCSO) कानून में बच्चों से यौन अपराधों के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान है. बच्चों को पहले से सिखाएं कुछ ऐसी बातें जिनसे वे खुद समझ पाएं कि उनके साथ कुछ गलत हुआ.
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सबसे ज्यादा शिकार बच्चे
भारत में हुए कई सर्वे में पाया गया कि देश के आधे से भी अधिक बच्चे कभी ना कभी यौन दुर्व्यवहार का शिकार हुए हैं. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि इनमें से केवल 3 फीसदी मामलों में ही शिकायत दर्ज की जाती है.
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बच्चों को समझाएं
बच्चों को समझाना चाहिए कि उनका शरीर केवल उनका है. कोई भी उन्हें या उनके किसी प्राइवेट हिस्से को बिना उनकी मर्जी के नहीं छू सकता. उन्हें बताएं कि अगर किसी पारिवारिक दोस्त या रिश्तेदार का चूमना या छूना उन्हें अजीब लगे तो वे फौरन ना बोलें.
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बच्चों से बात करें
बच्चों को नहलाते समय या कपड़े पहनाते समय अगर वे उत्सुकतावश बड़ों से शरीर के अंगों और जननांगों के बारे में सवाल करें तो उन्हें सीधे सीधे बताएं. अंगों के सही नाम बताएं और ये भी कि वे उनके प्राइवेट पार्ट हैं.
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क्या सही, क्या गलत
ना तो बच्चों को और लोगों के सामने नंगा करें और ना ही खुद उनके सामने निर्वस्त्र हों. बच्चों को नहलाते या शौच करवाते समय हल्की फुल्की बातचीत के दौरान ही ऐसी कई बातें सिखाई जा सकती हैं जो उन्हें जानना जरूरी है.
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बात करें
बच्चों के साथ बातचीत के रास्ते हमेशा खुले रखें. उन्हें भरोसा दिलाएं कि वे आपसे कुछ भी कह सकते हैं और उनकी कही बातों को आप गंभीरता से ही लेंगे. मां बाप से संकोच हो तो बच्चे अपनी उलझन किसी से नहीं कह पाएंगे.
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चुप्पी में छिपा है राज
बच्चों का काफी समय परिवार से दूर स्कूलों में बीतता है. बच्चों से स्कूल की सारी बातें सुनें. अगर बच्चा बेवजह गुमसुम रहने लगा हो, या पढ़ाई से अचानक मन उचट गया हो, तो एक बार इस संभावना की ओर भी ध्यान दें कि कहीं उसे ऐसी कोई बात अंदर ही अंदर सता तो नहीं रही है.
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सही गलत की सीख दें
बच्चों को बताएं कि ना तो उन्हें अपने प्राइवेट पार्ट्स किसी को दिखाने चाहिए और ना ही किसी और को उनके साथ ऐसा करने का हक है. अगर कोई बड़ा उनके सामने नग्नता या किसी और तरह की अश्लीलता करता है तो बच्चे माता पिता को बताएं.
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मलेशिया की प्रशासनिक राजधानी पुतराज्या में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए बनायी गयी विशेष अदालत में सरकारी वकील के सहायक एमी स्यावानी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "उसके लिए 12000 साल कैद की सजा मांगी गयी है." यह अदालत इसी साल जून में शुरू की गयी थी.
मलेशिया में अप्राकृतिक यौनाचार के हर मामले के लिए किसी शख्स को 20 साल की सजा हो सकती है. इसके साथ ही उसे बेंत से मारने की सजा भी दी जाती है. उस पर बलात्कार के भी आरोप हैं और उसके लिए भी 20 साल की सजा का प्रावधान है. दूसरे यौन अपराधों के लिए 30 साल कैद की सजा दी जाती है जबकि हर अपराध के लिए अलग से 20 साल तक की सजा दी जा सकती है.
जज योंग जारीदा साजाली ने आरोपी शख्स को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया. सरकारी वकील ने चेतावनी दी थी कि वह भाग सकता है या फिर गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकता है.
पीड़ित की पहचान छिपाने के लिए संदिग्ध का नाम भी जाहिर नहीं किया जा सकता. यह शख्स निवेश स्कीम बेचता है और उसे लड़की की मां की शिकायत पर 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया. ये सारे अपराध इसी साल जनवरी से जुलाई के बीच किये गये हैं जब लड़की अपने पिता के साथ रह रही थी.