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बेदाग है सईद अजमल का बॉलिंग एक्शन

९ फ़रवरी २०१२

भाषा और साइंस की समझ में नादानी ने सईद अजमल को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया लेकिन इससे उनकी गेंदबाजी एक्शन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. पीसीबी भी इस बारे में सफाई दे चुका है.

सईद अजमलतस्वीर: DW

इंग्लैंड पर 3-0 की शानदार जीत के बाद सईद अजमल मैन ऑफ द सीरीज आंके गए. लेकिन इसके बाद बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में वह विवादित बयान दे बैठे. अजमल ने कहा कि उन्हें आईसीसी की तरफ से बांह मोड़ने की खास छूट मिली हुई है.

बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में अजमल ने कहा, "कोई कह रहा था कि मेरा एक्शन ठीक नहीं है क्योंकि मुझे आईसीसी ने अपनी बांह 23.5 डिग्री तक मोड़ने की इजाजत दे दी है. लेकिन मेरी बांह ही खराब है. कुछ साल पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया था. नहीं तो कोई समस्या नहीं है. मेरा एक्शन आईसीसी से पास है."

इसके बाद आईसीसी को फौरन सफाई देनी पड़ी कि उन्होंने कोई छूट नहीं दी है. बाद में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड अजमल के बचाव में आ गया लेकिन उसका बयान भी तकनीकी तौर पर पेचीदा निकला और कुल मिला कर पूरा मामला घालमेल हो गया. विज्ञान और तकनीकी पक्षों की वजह से कोई इस बात को समझ ही नहीं पाया. क्रिकेट की सबसे बड़ी वेबसाइट क्रिकइंफो ने सईद अजमल के मामले में गहरी तफ्तीश और दुबई में आईसीसी अधिकारियों से बातचीत के बाद रिपोर्ट दी है कि अजमल का बॉलिंग एक्शन बिलकुल ठीक है. आईसीसी ने अजमल के एक्शन की जांच 2009 में भी की थी और तब भी उन्हें बेदाग साबित किया था.

तकनीकी पक्ष

अजमल जब गेंदबाजी के लिए अपना हाथ ऊपर लाते हैं, तो उनकी कुहनी करीब 23.5 डिग्री तक मुड़ती है. वह इंटरव्यू में इसी की बात कर रहे थे. जब वह गेंद फेंक देते हैं, तो उनकी बांह सीधी हो जाती है लेकिन उनकी सीधी बांह भी आठ डिग्री के कोण तक मुड़ी हुई है. ऐसे में अगर बॉलिंग करते वक्त उनकी कुहनी का कोण 23.5 डिग्री का भी बनता है, तो भी उनके मुड़े हुए हाथ की वजह से वास्तव में बॉलिंग के वक्त यह कोण 15.5 डिग्री ही है, जो आईसीसी के नियमों और तय सीमा के आधार पर बिलकुल ठीक है.

अब्दुल रहमान के साथ अजमलतस्वीर: DW

अजमल जिस वक्त गेंद फेंकते हैं, उस वक्त उनकी कुहनी अगल बगल भी करीब 15 डिग्री तक घूमती है, जिस बारे में आईसीसी का कोई नियम नहीं है. लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज भी इस तरह अपने हाथ घुमा कर बॉलिंग करते हैं और उन पर कभी सवाल नहीं उठा है.

बार बार शक

अजमल जब तेज गेंदें फेंकते हैं, तो लगता है कि जैसे वे अपनी बांह को ज्यादा तेजी से सीधी कर रहे हैं. इसमें भी शक पैदा होता है लेकिन जांच के बाद यह साबित हो चुका है कि उनके एक्शन में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है. कभी कभी दूसरा या 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी गई गेंद के समय अजमल सामने खड़े बल्लेबाज को चकरा देते हैं.

किसी भी अंपायर को अजमल या किसी दूसरे गेंदबाज के एक्शन पर शक हो तो वह इसका रीप्ले देख सकता है. हर फ्रेम पर बारीक नजर डाल सकता है. वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी इस जांच में मदद करती है. समझा जाता है कि 2009 से लेकर अब तक अजमल के एक्शन में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

आईसीसी अधिकारी डेविड रिचर्डसन का कहना है, "कोई भी गेंदबाज मुड़ी हुई बाजू से गेंद फेंक सकता है. इसमें कोई रोक नहीं है. लेकिन उसे तय सीमा के अंदर ही रहना होगा." वैसे अजमल जिस एक्सीडेंट का जिक्र कर रहे थे, वह पाकिस्तान के लिए खेलते हुए एक बस में हुआ था. लेकिन यह तय नहीं है कि क्या उस हादसे की वजह से उनकी बांह टेढ़ी हुई है या यह पैदाइशी त्रुटि है.

मामला जो भी हो, एक बात पक्की है कि सईद अजमल के बॉलिंग एक्शन में कोई गड़बड़ी नहीं है. गड़बड़ी है तो बल्लेबाजों की समझ में, जो अजमल की फिरकी और दूसरा जैसी गेंदें नहीं समझ पा रहे हैं. और अजमल का तो दावा है कि उनके पास अब तीसरा गेंद भी है.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः महेश झा

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