यूक्रेन और रूस के विदेशमंत्री सुलह कराने में नाकाम
१० मार्च २०२२तुर्की के अंताल्या में रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरो और उनके यूक्रेनी समकक्ष डिमित्रो कुलेबा ने बातचीत की. बैठक में तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कोवुसोग्लु भी शामिल हुए. उम्मीद की जा रही थी कि दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम पर कोई समझौता इस बैठक से निकल सकता है. दमित्रो कुलेबा का कहना है कि "कोई प्रगति नहीं" हुई है, यहां तक कि 24 घंटे के संघर्ष विराम पर भी. कुलेबा ने निराशा जताते हुए कहा, "ऐसा लगता है कि इस मामले पर फैसला लेने वाला रूस में कोई और है." इसके साथ ही कुलेबा ने यह भी दोहराया कि उनका देश पीछे नहीं हटेगा. कुलेबा ने कहा, "मैं यह दोहराना चाहता हूं कि यूक्रेन ने समर्पण नहीं किया था और समर्पण नहीं करेगा."
कुलेबा ने बैठक को "कठिन" बताया और आरोप लगाया कि रूसी विदेश मंत्री यूक्रेन के बारे में "पारंपरिक बयान" के साथ ही टेबल पर आए थे. यूक्रेनी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वो लावरोव के साथ फिर इस फॉर्मेट में बात करेंगे, अगर समाधान निकालने के लिए चर्चा करने की कोई गुंजाइश हो.
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बेलारूस की बैठक पर जोर
यूक्रेन और रूस के बीच इस दौरान प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत बेलारूस में भी हो रही है, लेकिन रूस की ओर से आई टीम इस बार थोड़े छोटे स्तर की है. इसमें कोई मंत्री शामिल नहीं है. हालांकि रूसी विदेश मंत्री ने बेलारूस में हो रही बैठक को ज्यादा अहम बताया और कहा, "आज की बैठक ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि बेलारूस में चल रही रूसी यूक्रेनी फॉर्मेट का कोई विकल्प नहीं है." लावरोव का कहना है, "हम हर तरह के संपर्क के पक्ष में हैं ...ताकि यूक्रेन के संकट का हल हो...लेकिन हमने जान लिया है कि उन्हें बेलारूस में चल रही मुख्य बातचीत को ज्यादा महत्व देना चाहिए और उसे कम करके नहीं देखना चाहिए."
बैठक की तस्वीरों में रूसी, तुर्क और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल यू आकार वाले टेबल के सभी ओर बैठे हैं. हर मंत्री के साथ केवल दो अधिकारी ही मौजूद थे. दोनों पक्षों ने बैठक से पहले हाथ मिलाया या नहीं इस बात के भी कोई संकेत नहीं मिले हैं.
बैठक ऐसे समय में हुई जब दुनिया भर में यूक्रेन के बच्चों के अस्पताल पर हुई बमबारी के लिए नाराजगी है. यूक्रेन के मुताबिक इसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है, जिसमें एक बच्चा भी शामिल है. कुलेबा का कहना है कि उन्हें बैठक से मारियोपोल के लिए मानवीय गलियारे की उम्मीद थी लेकिन, "दुर्भाग्य से मंत्री लावरोव उस पर वादा करने की हालत में नहीं थे." यूक्रेनी विदेश मंत्री का कहना है कि लावरोव, "इस मामले पर संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे."
उधर लावरोव का दावा है कि यह अस्पताल कट्टरपंथी आजोव बटालियन के "राष्ट्रवादियों के लिए सैन्य अड्डे" का काम कर रहा था. रूसी विदेश मंत्री ने यूरोपीय संघ और दूसरे देशों पर यूक्रेन को हथियारों की "खतरनाक सप्लाई" देने का आरोप लगाया है.
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"रूस ने हमला नहीं किया"
तुर्की के एक पत्रकार ने पूछा कि क्या रूस दूसरे देशों पर भी हमले की योजना बना रहा है. इसके जवाब में लावरोव ने कहा, "हम दूसरे देशों पर हमले की योजना नहीं बनाते हैं और हमने यूक्रेन पर हमला नहीं किया है." रूसी विदेश मंत्री ने जोर दिया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यह ऑपरेशन इसलिए शुरू किया कि यूक्रेन, "रूसी फेडरेशन के लिए सीधा खतरा बन गया था."
बैठक के मेजबान तुर्क विदेशमंत्री ने माना कि यह आसान नहीं था, लेकिन इसके साथ ही कहा कि बातचीत "बहुत सभ्य" तरीके से हुई और गुस्से में आवाजें ऊंची नहीं की गईं. कावुसोग्लु ने बताया कि कुलेबा ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की पुतिन के साथ बैठक के लिए तैयार थे और लावरो ने भी कहा कि पुतिन सैद्धांतिक रूप से इसके खिलाफ नहीं हैं. तुर्क विदेश मंत्री का मानना है, "बैठक एक अहम शुरूआत थी. किसी को भी एक मुलाकात में करिश्मे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए."
यूक्रेन और रूस के बीच सुलह के लिए चल रहे कूटनीतिक प्रयासों में तुर्की की बातचीत भी एक कोशिश है. इस बीच इस्राएल भी जेलेंस्की और पुतिन की बातचीत कराने की कोशिश में है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों भी इसी उम्मीद में अक्सर पुतिन को फोन कर रहे हैं.
तुर्की यूक्रेन का पारंपरिक साझीदार है और उसने बायराक्टर ड्रोन की सप्लाई भी यूक्रेन को की है. यूक्रेन इनका इस्तेमाल मौजूदा युद्ध में कर रहा है. हालांकि तुर्की गैस के आयात पर निर्भरता और सैलानियों से होने वाली कमाई के कारण रूस के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है. तुर्क राष्ट्रपति ने स्थायी संघर्ष विराम की उम्मीद जताई है.
एनआर/एसएम(एएफपी, एपी)