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बेलआउट को जर्मन अदालत की हरी झंडी

१२ सितम्बर २०१२

जर्मनी की सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद यूरो जोन ने कर्ज संकट से निबटने की ओर महत्वपूर्ण कदम उठाया है. चांसलर अंगेला मैर्केल ने इसे यूरोप के लिए अच्छा दिन बताया है.

तस्वीर: Reuters

जर्मनी की संवैधानिक अदालत ने अपने ऐतिहासिक फैसले में उन अपीलों को ठुकरा दिया है, जिनमें संसद से पास दो बिलों पर राष्ट्रपति के दस्तखत को रोकने की मांग की गई थी. यूरो के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए संवैधानिक न्यायालय की पीठ के आठ जजों ने कहा कि राष्ट्रपति गाउक यूरोपीय स्थिरता संधि और बजट संधि पर दस्तखत कर सकते हैं.

बाद में चांसलर अंगेला मैर्केल ने संसद में कहा, "यह जर्मनी के लिए अच्छा दिन है. यह यूरोप के लिए अच्छा दिन है." मैर्केल ने कहा कि जर्मनी एक बार फिर यूरोप और उसके बाहर यह संदेश भेज रहा है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और भरोसेमंद साथी होने की अपनी जिम्मेदारी पूरा कर रहा है.

यूरो को राहततस्वीर: Reuters

संवैधानिक अदालत का फैसला ऐसे दिन आया है जो पिछले हफ्तों की शांति के बाद यूरोपीय मुद्रा के लिए जोखिम भरा दिन था. नीदरलैंड्स में चुनाव हो रहे हैं और वहां बचत विरोधी पार्टी के जीतने की संभावना है. इसके अलावा यूरोपीय संघ के नेताओं ने यूरो जोन में बैंकों का संघ बनाने की योजना की घोषणा की है. यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोसे मानुएल बारोसो ने संयुक्त राज्य यूरोप की दिशा में बढ़ने की अपील की है और कहा है कि इसके लिए नई संधि की जरूरत होगी.

जर्मन संवैधानिक अदालत के फैसले का बाजार और बाजार विश्लेषकों ने भी स्वागत किया है. अगर अदालत कोई और फैसला सुनाती, तो उसका असर वित्तीय बाजार पर पड़ता और इससे नया राजनीतिक संकट पैदा होने की आशंका थी. फैसले के बाद यूरोपीय शेयर बाजार सकारात्मक रहे. विदेशी मुद्रा बाजार में यूरो और मजबूत हुआ और स्पेन तथा इटली के कर्ज के लिए ब्याज दर कम हुई. बेरेनबर्ग बैंक के विश्लेषक होल्गर श्मीडिंग ने फैसले को "यूरो संकट निबटाने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया."

जर्मन अदालत ने स्थिरता और बजट संधियों को हरी झंडी भले ही दिखा दी हो, लेकिन उसके साथ कुछ शर्तें भी जोड़ दी हैं. 85 पन्ने का फैसला पढ़ते हुए मुख्य न्यायाधीश आंद्रेयास फोसकूले ने कहा कि स्थिरता संधि की वजह से जर्मनी के लिए पैदा होने वाली जिम्मेदारी कोष में जर्मनी के हिस्से 190 अरब यूरो से ज्यादा नहीं होगी. यदि इसे बढ़ाया जाएगा तो ऐसा जर्मन संसद की अनुमति से ही किया जा सकेगा. इसके अलावा संसद के दोनों सदनों को पूरी जानकारी देनी होगी.

यूरोप के लिए अच्छा दिनतस्वीर: Reuters

फोसकूले ने साथ ही कहा, "हमारी जांच ने दिखाया है कि ये कानून अधिकतम संभावना से जर्मन संविधान का हनन नहीं करते. इसलिए हमने अपीलों को खारिज कर दिया है." इस फैसले के बाद राष्ट्रपति योआखिम गाउक ने कहा कि वे संसद द्वारा पास बिलों पर दस्तखत करने के बारे में जल्द फैसला लेंगे, लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तारीख नहीं बताई.

इस फैसले के बाद 500 अरब यूरो के यूरोपीय स्थिरता मैकेनिज्म के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है. यह यूरोपीय संघ के वर्तमान बेलआउट पैकेज की जगह लेगा. इस संधि को पहली जुलाई को ही लागू हो जाना चाहिए था, लेकिन इसके लिए कोष में जर्मनी का हिस्सा चाहिए था. लेकिन जर्मन सरकार अदालत के फैसले का इंतजार कर रही थी. तकनीकी रूप से अदालत का आज का फैसला सिर्फ वामपंथी पार्टी डी लिंके और मैर्केल की सहयोगी पार्टी सीएसयू के सांसद पेटर गाउवाइलर की अपीलों को स्वीकार करने पर था. संधियों की संवैधानिकता पर अदालत बाद में फैसला करेगी.

एमजे/एजेए (एएफपी)

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