1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

बेल्जियम में वोट डालना जरूरी है

महेश झा
१५ मई २०१९

महज 1.13 करोड़ की आबादी वाले बेल्जियम की राजनीतिक व्यवस्था बेहद जटिल है. कई भाषाई इलाकों में बंटा ये देश संघीय लोकतंत्र का लगातार परीक्षण कर रहा है.

Belgien: Statue "Europa" vor EU-Parlament, Brüssel
तस्वीर: picture-alliance/D. Kalker

नई दिल्ली में आप जब भी रेल म्यूजियम को पार कर शांति पथ की ओर गुजरते हों तो आपको एक अजीबोगरीब सी संरचना दिखेगी. ये प्रसिद्ध कलाकार सतीश गुजराल का बनाया बेल्जियम दूतावास है जो भारत बेल्जियम संबंधों के सांस्कृतिक पहलू की जबरदस्त मिसाल है. बेल्जियम ने भारत को 1947 में आजादी के बाद ही स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी थी जबकि भारत ने उसे 1948 में मान्यता दी.

बेल्जियम भारत संबंध

यूरोपीय संघ का मुख्यालय होने के कारण बेल्जियम के साथ भारत के संबंध खास रहे हैं. बेल्जियम के अलावा यूरोपीय स्तर पर होने वाली मुलाकातों और बैठकों के लिए भी भारतीय नेताओं का आना जाना लगा रहता है. हाल ही में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अक्टूबर 2018 में एशिया यूरोप बैठक के लिए ब्रसेल्स आए थे. इसे पहले भारत यूरोप शिखर सम्मेलनों के लिए प्रधानमंत्री भी आते रहे हैं.

चार्ल्स मिशेल और नरेंद्र मोदीतस्वीर: Getty Images/AFP/J. Thys

इन दिनों बेल्जियम भारत संबंधों के केंद्र में हीरे हैं. हीरा व्यापारी बड़ी संख्या में अंटवैर्प में रहते हैं. दोनों देशों के संबंधों के केंद्र में हमेशा से कारोबार और निवेश रहा है. 2017 में दोनों देशों के बीच पारस्परिक व्यापार करीब 13 अरब यूरो का रहा.

राजनीतिक व्यवस्था

30,688 वर्गकिलोमीटर क्षेत्र में बसा 1.13 करोड़ की आबादी वाला बेल्जियम संवैधानिक राजतंत्र है. यह 1830 में आजाद हुआ और 1831 से यहां संविधान लागू है. संघीय बेल्जियम में डच, फ्रेंच और जर्मन भाषी इलाके हैं. 19वीं सदी से चला आ रहा फ्लेमिश वालोनियम विवाद आद भी बेल्जियम की राजनीति को प्रभावित करता है. 1970 के दशक से इस समस्या का समाधान सत्ता के विकेंद्रीकरण के साथ करने का प्रयास हो रहा है.

देश तीन क्षेत्रीय इलाकों और तीन भाषाई समुदायों में बंटा है. यहां की राजनीतिक व्यवस्था अत्यंत जटिल है क्योंकि क्षेत्रीय इलाके और भाषाई समुदाय एक जैसे नहीं हैं. संघीय बेल्जियम में संसद के दो सदन हैं. शासन के लिए महत्वपूर्ण निचले सदन में 150 सदस्य होते हैं जबकि ऊपरी सदन सीनेट में 60 सदस्य. यहां की खासियत यह है कि राजा भी कार्यपालिका का सदस्य होता है. 15 सदस्यीय सरकार का नेतृत्व प्रधानमंत्री करता है. संघीय सरकार कानून व्यवस्था, वित्तीय नीति, आंतरिक सुरक्षा, विदेश नीति, प्रतिरक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. 

यूरोपीय संसदतस्वीर: picture-alliance/dpa//XinHua/Z. Cheng

यूरोपीय संघ में बेल्जियम

बेल्जियम यूरोपीय संघ का संस्थापक सदस्य है. यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों का मुख्यालय भी बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है. पश्चिमी सैनिक गठबंधन नाटो का मुख्यालय भी यहीं हैं. बेल्जियम में चुनाव में भाग लेना अनिवार्य है. मतदाताओं का यह कर्तव्य 116 साल से देश के संविधान में दर्ज है. इसी की वजह से वहां 90 प्रतिशत मतदान होता है. संविधान में इस कर्तव्य को शामिल करने की वजह ये नहीं थी कि संविधान निर्माता मतदाताओं पर दबाव डालना चाहते थे. यह दबाव दरअसल मालिकों पर था ताकि वे काम के नाम पर अपने कर्मचारियों को वोट देने से रोक न सकें. 

बेल्जियम में यूरोपीय संघ के चुनाव 26 मई को हो रहे हैं. संवैधानिक सुधारों के अनुसार इसी दिन देश के संसदीय चुनाव भी होंगे. यूरोपीय संसद में इस समय बेल्जियम के 21 सदस्य हैं. इस बार भी वह इतने ही सदस्यों का चुनाव करेगा. चुनाव तीन चुनाव क्षेत्रों में होते हैं. डच भाषी चुनाव क्षेत्र 12 सांसदों को चुनता है, फ्रेंचभाषी चुनाव क्षेत्र से 8 सदस्य चुने जाते हैं जबकि एक सदस्य जर्मन भाषी इलाके से आता है. चुनावों में मतदान आनुपातिक पद्धति से होता है. चुने जाने के लिए मतों की कोई सीमा नहीं है. 

प्रमुख राजनीतिक पार्टियां

देश की प्रमुख पार्टियों में फ्लेमिश आजादी चाहने वाली पार्टी एनवीए है जो मौजूदा संसद में सबसे बड़ी पार्टी है. इसके फ्लेमिश क्रिश्चियन डेमोक्रैट्स, फ्लेमिश लिबरल, फ्लेमिश सोशल डेमोक्रैट्स और ग्रीन पार्टी है. फ्रैंकोफोन पार्टियों में सोशलिस्ट, लिबरल, क्रिश्चियन डेमोक्रैट्स, लिबरल और ग्रीन प्रमुख हैं.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें