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बेशर्मी पर उतरा भारतीय ओलंपिक संघ

५ सितम्बर २०१३

महीनों से निलंबित भारतीय ओलंपिक संघ सुधारों की कोई कोशिश नहीं कर रहा है. वो खेल मंत्री की भी नहीं सुन रहा है. अब अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि संघ या तो दागियों को दूर रखे वरना निलंबित ही रहे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) लगातार इस बात के लिए दबाव बना रही है कि भारतीय ओलंपिक संघ दागी अधिकारियों को चुनाव में हिस्सा न लेने दे. आईओसी नहीं चाहती कि भ्रष्टाचार और दूसरे आपराधिक मुकदमे झेल रहे अधिकारी किसी भी तरह भारतीय ओलंपिक संघ का हिस्सा बनें.

गुरुवार को आईओसी ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि खेल संघ का प्रशासन अच्छा होना ही चाहिए. आईओसी ने दिसंबर 2012 में भारतीय ओलंपिक संघ को निलंबित किया था. करीब नौ महीने बाद गुरुवार को आईओसी ने एक बार फिर कहा कि अगर भारत ऐसे सुधार नहीं करेगा तो उसका निलंबन जारी रखा जाएगा. निलंबन के तहत भरतीय ओलंपिक संघ का कोई भी अधिकारी ओलंपिक खेलों में हिस्सा नहीं ले सकेगा. भारतीय खिलाड़ी तो ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले सकेंगे लेकिन वो भारतीय झंडे का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे. तिरंगे की जगह भारतीय दल को ओलंपिक के झंडे का इस्तेमाल करना होगा.

ललित भनोटतस्वीर: picture-alliance/dpa

बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अधिकारियों की अर्जेंटीना में बैठक हुई. राजधानी ब्यूनस आयर्स की बैठक में सहमति बनी कि चुनाव में भागीदारी के नियमों को सुधारे बिना भारतीय ओलंपिक संघ नए चुनाव नहीं करा सकता. आईओसी ने कहा, "इससे पहले कि निलंबित आईओए (भारतीय ओलंपिक संघ) चुनावों के लिए आगे बढ़े, अच्छे प्रशासन के लिए जरूरी इस धारा को राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को पूरी तरह स्वीकार करना ही होगा."

ऊपरी दबाव के बावजूद भारतीय ओलंपिक संघ ने अभी तक उन्हीं अधिकारियों को दूर रखने का फैसला किया है जो अदालत में दोषी साबित होंगे. आरोप झेलने वाले कई अधिकारियों पर फिलहाल मुकदमे चल रहे हैं. भारत में मुकदमों का निपटारा होने में सालों लगते हैं. ऐसी स्थिति में कई आरोपी अधिकारी दोबारा भारतीय ओलंपिक संघ में घुसना चाह रहे हैं. आईओसी ने इन सुधारों को खारिज किया है.

भारतीय ओलंपिक संघ को बीते साल चुनावों के बाद निलंबित किया गया. चुनावों में भारतीय संघ ने ललित भनोट को महासचिव चुना. भनोट पर बदइंतजामी से भरे 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान हुए घोटालों में शामिल होने का आरोप है. उनके खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है. जांच के दौरान भनोट ने करीब दो दशक तक भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रहे सुरेश कलमाड़ी का नाम लिया. कांग्रेस के पूर्व सासंद कलमाड़ी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे. कलमाड़ी ओलंपिक संघ से दूर हो गए लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने बीते चुनावों में अपने पंसदीदा उम्मीदवार अभय चौटाला को अध्यक्ष बनवा दिया. आईओसी को ऐसी ही हरकतों पर आपत्ति है.

सुरेश कलमाड़ीतस्वीर: AP

फिलहाल भनोट और कलमाड़ी जमानत पर हैं और दोनों खुद को पाक साफ बता रहे हैं. वहीं भारतीय ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष तरलोचन सिंह तो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की मांगों को ही खारिज कर रहे हैं. तरलोचन सिंह आईओसी पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि उम्मीदवारी की उसकी शर्तें लागू करना नामुमकिन है.

इसी साल मई में इसी मुद्दे पर भारत के खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने आईओसी के अधिकारियों से मुलाकात की. मुलाकात के बाद खेल मंत्री ने भारतीय ओलंपिक संघ को आईओसी की शर्तें मानने को कहा, लेकिन इसके बावजूद भारतीय ओलंपिक संघ अपनी जिद पर अड़ा हुआ है. लेकिन क्यों, इसका ठोस जवाब उसके पास भी नहीं.

ओएसजे/एनआर (एएफपी)

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