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बेहतर दुनिया की ओर छोटे छोटे कदम

क्रिस्टियान एफ. ट्रिप्पे/एमजे९ जून २०१५

जिसे जी-7 के सात प्रमुख औद्योगिक देशों से सात चमत्कारों की उम्मीद थी, उसे निराश होना पड़ा है. डॉयचे वेले के क्रिस्टियान एफ ट्रिप्पे का कहना है कि जिसे कोई भी उम्मीद नहीं थी, उसे नई सीख मिली है.

तस्वीर: Reuters/M. Rehle

पर्यावरण सुरक्षा के मुद्दे पर प्रमुख औद्योगिक देशों ने साझा नीति तय की है. कुछ हद तक उन्होंने वही दुहराया है जो पहले भी तय था. लेकिन इसी सदी में अपने ऊर्जा उद्योग को कार्बन से मुक्त करने का उनका फैसला एक नया पहले से बेहतर लक्ष्य है. इस साल के अंत में जब पेरिस में विश्व पर्यावरण संधि पर चर्चा होगी तो सात बड़े औद्योगिक देशों की पर्यावरण संबंधी इच्छा की परीक्षा होगी.

ये वे वायदे हैं जिन्हें पूरा करना होगा. ये राजनीतिक बदलाव हैं, जिनके बारे में हमें जल्द ही पता चलेगा कि उनके लिए कितना समर्थन है. लेकिन ये कम से कम नतीजे तो हैं ही. विदेश नीति में भी सात देशों ने रूस और पड़ोसी यूक्रेन के खिलाफ उसकी आक्रामक नीति के प्रति स्पष्ट रवैया दिखाया है. इसके साथ यूरोपीय संघ को जून के अंत तक प्रतिबंधों को बढ़ाने का जिम्मा दिया गया है.

डॉयचे वेले के क्रिस्टियान एफ ट्रिप्पे का कहना है कि जिसे कोई भी उम्मीद नहीं थी, उसे नई सीख मिली है.तस्वीर: DW

एजेंडे पर हावी

यूरोप का इस शिखर सम्मेलन पर पहले के किसी सम्मेलन से ज्यादा दबदबा रहा. भागीदारों को देखने से ही पता चलता है कि पुरानी दुनिया का नजरिया कितना हावी है. 9 भागीदारों में छह यूरोपीय देश के प्रतिनिधि हैं. यहां जी-7 में सुधार की शुरुआत हो सकती है. बहुत से मुद्दों पर भी यूरोपीय असर दिखा. यूरो इलाके में अभी तक अनसुलझा कर्ज संकट, ग्रीस संकट, पूर्वी यूक्रेन का विवाद, मध्य पूर्व में सरकारों के विघटन के कारण भूमध्यसागर में शरणार्थी संकट और अफ्रीका में गृहयुद्ध. भूराजनैतिक कारणों से अमेरिका, कनाडा और जापान की इसमें दिलचस्पी जरूर है लेकिन यूरोपीय शरणार्थी समस्या से उनका ज्यादा लेना देना नहीं है.

यूरोपीय नजरिए से शिखर सम्मेलन बेकार नहीं रहा है. यह बात अब सात बड़े देशों को भी पता चल गई होगी कि सब कुछ सस्ते में और छोटे में हो सकता है. ओलंपिक और विश्व कप जैसे दूसरे बड़े आयोजनों की ही तरह इस बार भी इसके बारे में सवाल पूछा जा रहा है. डाउनसाइजिंग के मामले में जी-7 मिसाल कायम कर सकता है. तब वे भी प्रभावित होंगे जिन्हें सम्मेलन में क्या होगा उसके बारे में सब कुछ पता होता है.

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